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'रोशनी' को तरस रहा ज्वालाजी अस्पताल, गंदगी से हो रहा मरीजों का स्वागत

ज्वालाजी अस्पताल के लगाई गई हाईमास्क लाइट पिछले दो साल से बंद पड़ी है. जिस कारण राहगीरों सनमेत अस्पताल आने वाले मरीजों व तीमारदारों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोगों ने नगर परिषद से हाइमास्क लाइट को जल्द से जल्द ठीक करवाने की मांग की है.

ज्वालाजी अस्पताल के बाहर लगा कूड़े का ढेर
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Published : Jun 23, 2019, 12:17 PM IST

कांगड़ा/ज्वालामुखी: ज्वालाजी अस्पताल के बाहर लाखों रुपये खर्च कर लगाई गई हाईमास्क लाइट करीब डेढ़-दो साल से बंद पड़ी हुई है. जिस कारण अस्पताल में रुकने वाले मरीजों व तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

people facing problem in jwalaji hospital
अस्पताल के बाहर बंद पड़ी हाइमास्क लाइट

लोगों का कहना है कि इस मामले को लेकर स्थानीय नगर परिषद प्रशासन भी मौन बैठा है. हाईमास्क लाइट को ठीक करवाना तो दूर कभी प्रशासन ने इसकी सुध तक लेना भी जरूरी नहीं समझा है. उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट के खराब होने के कारण शाम के समय क्षेत्र में अंधेरा पसरा रहता है. वहीं, आवारा पशु अस्पताल के गेट में रास्ते में बैठे रहते हैं, जिस कारण यहां दुर्घटनाएं होने का अंदेशा भी अकसर बना रहता है.

स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि अभी बीते दिनों भी यहां दो हादसे पेश आ चुके है, जिसमें 2 लोग घायल हुए थे. इसके अलावा कई चोर भी लाइट खराब होने का फायदा यहां उठा चुके हैं. अस्पताल में रात के समय बीते कुछ महीने चोरी की घटनाएं सामने आई थी. उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल के पास की हालत भी बहुत गंभीर रहती है. रात के समय यहां नशा करने वाले युवक इकट्ठे हो जाते हैं, जिससे आने-जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

people facing problem in jwalaji hospital
ज्वालाजी अस्पताल के बाहर लगा कूड़े का ढेर

ये भी पढे़ं-बंजार बस हादसा: अनाथ हुए 2 बच्चों को गोद लेगी प्रदेश सरकार, मृतकों के परिवारों को मिलेगी 4 लाख राहत राशि

स्थानीय दुकानदारों ने बताया घुप्प अंधेरा रहने के कारण यहां राहगीरों को परेशानी रहती है. वहीं, अस्पताल की सड़क से 300 मीटर की दूरी होने के कारण महिलाओं को अंधेरे में आने-जाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लोगों ने ने नगर परिषद से हाइमास्क लाइट को जल्द से जल्द ठीक करवाने की मांग की है.

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर परिषद को इस हाईमास्क लाइट को ठीक करने के लिए कहा है, लेकिन परिषद ने अभी तक इसको ठीक करने की ओर कोई कदम नहीं उठाया है.

अस्पताल के बाहर लगे हैं कूड़े के ढ़ेर
अस्पताल के पास रखा डस्टबीन भी कूड़े से भरा रहता है. कूड़ा डस्टबीन के इधर-उधर बिखरा रहता है, जिस पर अकसर आवारा पशु मुंह मारते दिखते हैं. यही नहीं अस्पताल के बाहर फैले कूड़े से कई प्रकार की बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है. हैरत है कि मरीज इसी रास्ते से होकर अस्पताल पहुंचते हैं और दुर्गंध से अपनी नाक बंद करते चलते हैं.

people facing problem in jwalaji hospital
ज्वालाजी अस्पताल के बाहर लगा कूड़े का ढेर

ये भी पढे़ं-रामस्वरूप शर्मा की कांग्रेस को नसीहत, 'हार का पश्चाताप कर जनादेश का करें सम्मान'

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी देशराज चौधरी का कहना है कि स्ट्रीट लाइट को ठीक करने के लिए तकनीकी कर्मचारी बुलाए गए हैं. जल्द ही इसे ठीक व चालू कर दिया जाएगा. वहीं, अस्पताल के बाहर पड़े की बात है तो इसे यहां से हटाकर डस्टबीन फ्री किया जा रहा है.

कांगड़ा/ज्वालामुखी: ज्वालाजी अस्पताल के बाहर लाखों रुपये खर्च कर लगाई गई हाईमास्क लाइट करीब डेढ़-दो साल से बंद पड़ी हुई है. जिस कारण अस्पताल में रुकने वाले मरीजों व तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

people facing problem in jwalaji hospital
अस्पताल के बाहर बंद पड़ी हाइमास्क लाइट

लोगों का कहना है कि इस मामले को लेकर स्थानीय नगर परिषद प्रशासन भी मौन बैठा है. हाईमास्क लाइट को ठीक करवाना तो दूर कभी प्रशासन ने इसकी सुध तक लेना भी जरूरी नहीं समझा है. उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट के खराब होने के कारण शाम के समय क्षेत्र में अंधेरा पसरा रहता है. वहीं, आवारा पशु अस्पताल के गेट में रास्ते में बैठे रहते हैं, जिस कारण यहां दुर्घटनाएं होने का अंदेशा भी अकसर बना रहता है.

स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि अभी बीते दिनों भी यहां दो हादसे पेश आ चुके है, जिसमें 2 लोग घायल हुए थे. इसके अलावा कई चोर भी लाइट खराब होने का फायदा यहां उठा चुके हैं. अस्पताल में रात के समय बीते कुछ महीने चोरी की घटनाएं सामने आई थी. उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल के पास की हालत भी बहुत गंभीर रहती है. रात के समय यहां नशा करने वाले युवक इकट्ठे हो जाते हैं, जिससे आने-जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

people facing problem in jwalaji hospital
ज्वालाजी अस्पताल के बाहर लगा कूड़े का ढेर

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स्थानीय दुकानदारों ने बताया घुप्प अंधेरा रहने के कारण यहां राहगीरों को परेशानी रहती है. वहीं, अस्पताल की सड़क से 300 मीटर की दूरी होने के कारण महिलाओं को अंधेरे में आने-जाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लोगों ने ने नगर परिषद से हाइमास्क लाइट को जल्द से जल्द ठीक करवाने की मांग की है.

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर परिषद को इस हाईमास्क लाइट को ठीक करने के लिए कहा है, लेकिन परिषद ने अभी तक इसको ठीक करने की ओर कोई कदम नहीं उठाया है.

अस्पताल के बाहर लगे हैं कूड़े के ढ़ेर
अस्पताल के पास रखा डस्टबीन भी कूड़े से भरा रहता है. कूड़ा डस्टबीन के इधर-उधर बिखरा रहता है, जिस पर अकसर आवारा पशु मुंह मारते दिखते हैं. यही नहीं अस्पताल के बाहर फैले कूड़े से कई प्रकार की बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है. हैरत है कि मरीज इसी रास्ते से होकर अस्पताल पहुंचते हैं और दुर्गंध से अपनी नाक बंद करते चलते हैं.

people facing problem in jwalaji hospital
ज्वालाजी अस्पताल के बाहर लगा कूड़े का ढेर

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नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी देशराज चौधरी का कहना है कि स्ट्रीट लाइट को ठीक करने के लिए तकनीकी कर्मचारी बुलाए गए हैं. जल्द ही इसे ठीक व चालू कर दिया जाएगा. वहीं, अस्पताल के बाहर पड़े की बात है तो इसे यहां से हटाकर डस्टबीन फ्री किया जा रहा है.


---------- Forwarded message ---------
From: Nitesh Kumar <jminitesh@gmail.com>
Date: Sat, Jun 22, 2019, 5:19 PM
Subject: News............
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


दो सालों से बन्द पड़ी अस्पताल के बाहर लाखों रुपए की लागत से बनी हाईमास्ट लाइट, अंधा ओर बहरा हुआ प्रशासन


हाईमास्ट लाइट खराब होने के चलते अस्पताल में छाया रहता है अंधेरा, भाजपा की सरकार आते ही हाईमास्ट लाइट पर शुरू हो गई थी राजनीति
मरीजों व तीमारदारों को हो रही परेशानी
चोर भी कई बार उठा चुके है अंधेरे का फायदा
ज्वालामुखी, 22 जून (नितेश): ज्वालाजी अस्पताल के बाहर लाखों रुपए खर्च कर लगाई गई हाईमास्ट लाइट राजनीति का शिकार हो रही है। आलम ये है की भाजपा की सरकार के आते ही हाईमास्ट लाइट लगभग डेढ़ साल से भी अधिक समय होने के बाद भी बन्द पड़ी हुई है, जिसका खामियाजा यहाँ रात के समय मे रुकने बाले मरीजों व तमीरदारो को भुगतना पड़ता है। हैरत है कि इस मामले को लेकर स्थानीय नगर परिषद प्रशासन भी मौन बैठा है और अंधा व बहरा बना हुआ है। हाईमास्ट लाइट को ठीक करवाना तो दूर कभी प्रशासन ने इसकी सुध तक लेना भी मुनासिफ नही समझा। अव्यवस्था का आलम ये है कि हाई मास्क स्ट्रीट लाइट के खराब होने के चलते शाम के समय क्षेत्र में अंधेरा पसरा रहता है। दूसरा अंधेरा होने के कारण आवारा पशु गेट से अस्पताल रास्ते मे बैठे रहते हैं जिस बजह से दुर्घटनाएं होने का अंदेशा ल अउ
भी अक्सर यहां बना रहता है। अभी बीते दिनों भी यहां दो हादसे पेश आ चुके है, जिसमें 2 लोग घायल हुए थे। वहीं हाईमास्क लाइट खराब होने का फायदा भी कई चोर यहाँ उठा चुके है। अस्पताल में रात के समय बीते कुछ महीने चोरी की घटनाएं सामने आई थी, इन दौरान ये चोर अंधेरे का फायदा उठाकर यहाँ से नो दो ग्यारह हो गए थे।
यही नही सिविल अस्पताल के पास तो स्थिति अधिक गंभीर रहती है। रात के समय यहां नशा करने वाले युवक भी एकत्र हो जाते हैं जिससे आने-जाने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 
अस्पताल प्रबंधन ने भी कई बार नगर परिषद को इस हाईमास्क लाइट को ठीक करने के लिए कहा पर परिषद ने अभी तक इसको ठीक करने की जहमत नही उठाई है।
घुप्प अंधेरा रहने के कारण यहाँ राहगीरों को भी परेशानी रहती है। वही सड़क से 300 मीटर की दूरी होने के कारण रास्ते मे अंधेरा रहता है इसमें महिलाओ को आने जाने में काफी परेशानी होती है।दुकानदारो ने नगरपरिषद से मांग की है कि हाइमास्क लाइट को जल्द से जल्द ठीक किया जाए ताकि यहाँ आने वाले मरीजो को कोई परेशानी न हो।

अस्पताल के बाहर फैला कूड़ा बीमारी के साथ स्वछता पर भी ग्रहण
इधर, अस्पताल के पास रखा डस्टबिन भी कूड़े से भरा रहता है और कूड़ा इधर उधर बिखरा रहता है। जितना कूड़ा डस्टबिन में नही होता जितना यहां बाहर देखने को मिलता है, जिस पर अक्सर आवारा पशु भी मुह मारते दिखते है। यही नही अस्पताल के बाहर फैला कूड़ा कई प्रकार की बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। हैरत है कि मरीज इसी रास्ते से होकर अस्पताल पहुंचते हैं और दुर्गंध से अपनी नाक बंद करते चलते हैं। वहीं परिषद द्वारा घर घर कूड़ा उठाने की मुहिम है पर इस कूड़ेदान को सही समय और प्रतिदिन खाली नही करते।

बयान
इस बारे में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी देशराज चौधरी का कहना है कि लाइट्स को ठीक करने के लिए तकनीकी कर्मचारी बुलाये गए हैं जल्द ही इसे ठीक व चालू कर दिया जाएगा।  वही अस्पताल के बाहर कूड़ा फैलने की बात है तो इसे यहां से हटाकर डस्टबिन फ़्री किया जा रहा है।
फोटोकैप्शन
1. ज्वालामुखी : ज्वालाजी अस्पताल के बाहर लगाई गई हाइमास्ट लाइट जो डेढ़ साल से भी अधिक समय से बंद पड़ी है। नितेश
2. ज्वालामुखी : ज्वालाजी अस्पताल के बाहर रखे गए डस्टबिन के बाहर फैली गंदगी। नितेश
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