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पंचायत हो तो पंदरेहड़ जैसी, भवन महल सरीखा, सुविधाएं राजसी

हिमाचल में साल 2020 में 3615 ग्राम पंचायतों में चुनाव होना है. इन पंचायतों में एक पंचायत कांगड़ा के नूरपुर ब्लॉक के तहत आने वाली पंदरेहड़ पंचायत है. इस पंचायत ने बीते पांच सालों में विकास की इबारत लिखी है. शायद ही हिमाचल में पंचायत स्तर पर इतना विकास हुआ हो.

पंदरेहड़ पंचायत
पंदरेहड़ पंचायत
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Published : Dec 19, 2020, 8:03 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 5:27 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल में पंचायत चुनाव मुहाने पर हैं. चुनाव के लिए हर जिला में रोस्टर जारी हो चुके हैं. पंचायत प्रतिनिधियों ने गांव का दंगल जीतने के लिए कदमताल शुरू कर दी है. चाहे पांच साल में विकास के नाम पर गांव में एक पक्का रास्ता भी ना बना हो फिर भी प्रतिनिधि गांव-गांव जाकर लोगों से अपना बहुमूल्य वोट मांग रहे हैं.

हिमाचल में साल 2021 में 3615 ग्राम पंचायतों में चुनाव होना है. इन पंचायतों में एक पंचायत कांगड़ा के नूरपुर ब्लॉक के तहत आने वाली पंदरेहड़ पंचायत है. इस पंचायत ने बीते पांच सालों में विकास की इबारत लिखी है. शायद ही हिमाचल में पंचायत स्तर पर इतना विकास हुआ हो.

स्पेशल रिपोर्ट

पंदरेहड़ पंचायत घर किसी फाइब स्टार होटल से कम नहीं है. पंचायत घर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसमें जिम, रेस्ट हाउस, चमचमाती टाइलें और 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी है. इस विकास की कहानी महज पांच साल पुरानी है. पंचायत प्रधान व उनके सहयोगी प्रतिनिधियों की मेहनत और लग्न का ही ये परिणाम है, जिसकी आज हर कोई तारीफ कर रहा है.

सारा काम पंचायत प्रतिनिधियों और गांव के लोगों के सहयोग से हुआ है

ग्राम पंचायत में सारा विकास कार्य केंद्र सरकार की मनरेगा स्कीम के तहत हुआ है. पंचायत घर के अलावा गांव में बड़ा प्ले ग्राउंड, सिंचाई की सुविधा, स्मार्ट क्लासरूम वाला स्कूल है. ये सारा काम पंचायत प्रतिनिधियों और गांव के लोगों के सहयोग से हुआ है, जो इसे स्मार्ट पंचायत बनाता है.

ग्राम पंचायत पंदरेहड़ को बने हुए 25 साल हो चुके हैं, लेकिन साल 2016 में हुए पंचायत चुनाव के बाद पंचायत की तस्वीर बदली है, जिसका श्रेय गांव के लोग अपने युवा प्रधान सिकंदर सिंह को दे रहे हैं.

ग्राम पंचायत पंदरेहड़ की हिमाचल प्रदेश में अलग पहचान बनी है

वहीं, गांव के प्रधान सिकंदर सिंह से जब पंदरेहड़ पंचायत के विकास का राज पूछा गया तो उन्होंने इसका श्रेय अपने सहयोगी पंचायत प्रतिनिधियों और गांव वालों को दिया. उन्होंने कहा कि मुझे गांव के हर व्यक्ति का साथ मिला जिस वजह से ग्राम पंचायत पंदरेहड़ की हिमाचल प्रदेश में अलग पहचान बनी है.

ग्राम पंचायत पंदरेहड़ का सतत विकास हिमाचल प्रदेश की अन्य पंचायतों के लिए एक मिसाल है. विशेष तौर पर ये उन जन प्रतिनिधियों के लिए सबक है जो एक बार जीतने के बाद फिल्ड में नजर नहीं आते. पंचायत स्तर पर ही गांव का विकास संभव है और गांव के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास होगा. ऐसे में ग्राम पंचायत पंदरेहड़ को पंचायत मॉडल के रूप में प्रदेश सरकार को प्रमोट करने की जरूरत है.

धर्मशाला: हिमाचल में पंचायत चुनाव मुहाने पर हैं. चुनाव के लिए हर जिला में रोस्टर जारी हो चुके हैं. पंचायत प्रतिनिधियों ने गांव का दंगल जीतने के लिए कदमताल शुरू कर दी है. चाहे पांच साल में विकास के नाम पर गांव में एक पक्का रास्ता भी ना बना हो फिर भी प्रतिनिधि गांव-गांव जाकर लोगों से अपना बहुमूल्य वोट मांग रहे हैं.

हिमाचल में साल 2021 में 3615 ग्राम पंचायतों में चुनाव होना है. इन पंचायतों में एक पंचायत कांगड़ा के नूरपुर ब्लॉक के तहत आने वाली पंदरेहड़ पंचायत है. इस पंचायत ने बीते पांच सालों में विकास की इबारत लिखी है. शायद ही हिमाचल में पंचायत स्तर पर इतना विकास हुआ हो.

स्पेशल रिपोर्ट

पंदरेहड़ पंचायत घर किसी फाइब स्टार होटल से कम नहीं है. पंचायत घर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसमें जिम, रेस्ट हाउस, चमचमाती टाइलें और 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी है. इस विकास की कहानी महज पांच साल पुरानी है. पंचायत प्रधान व उनके सहयोगी प्रतिनिधियों की मेहनत और लग्न का ही ये परिणाम है, जिसकी आज हर कोई तारीफ कर रहा है.

सारा काम पंचायत प्रतिनिधियों और गांव के लोगों के सहयोग से हुआ है

ग्राम पंचायत में सारा विकास कार्य केंद्र सरकार की मनरेगा स्कीम के तहत हुआ है. पंचायत घर के अलावा गांव में बड़ा प्ले ग्राउंड, सिंचाई की सुविधा, स्मार्ट क्लासरूम वाला स्कूल है. ये सारा काम पंचायत प्रतिनिधियों और गांव के लोगों के सहयोग से हुआ है, जो इसे स्मार्ट पंचायत बनाता है.

ग्राम पंचायत पंदरेहड़ को बने हुए 25 साल हो चुके हैं, लेकिन साल 2016 में हुए पंचायत चुनाव के बाद पंचायत की तस्वीर बदली है, जिसका श्रेय गांव के लोग अपने युवा प्रधान सिकंदर सिंह को दे रहे हैं.

ग्राम पंचायत पंदरेहड़ की हिमाचल प्रदेश में अलग पहचान बनी है

वहीं, गांव के प्रधान सिकंदर सिंह से जब पंदरेहड़ पंचायत के विकास का राज पूछा गया तो उन्होंने इसका श्रेय अपने सहयोगी पंचायत प्रतिनिधियों और गांव वालों को दिया. उन्होंने कहा कि मुझे गांव के हर व्यक्ति का साथ मिला जिस वजह से ग्राम पंचायत पंदरेहड़ की हिमाचल प्रदेश में अलग पहचान बनी है.

ग्राम पंचायत पंदरेहड़ का सतत विकास हिमाचल प्रदेश की अन्य पंचायतों के लिए एक मिसाल है. विशेष तौर पर ये उन जन प्रतिनिधियों के लिए सबक है जो एक बार जीतने के बाद फिल्ड में नजर नहीं आते. पंचायत स्तर पर ही गांव का विकास संभव है और गांव के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास होगा. ऐसे में ग्राम पंचायत पंदरेहड़ को पंचायत मॉडल के रूप में प्रदेश सरकार को प्रमोट करने की जरूरत है.

Last Updated : Dec 20, 2020, 5:27 PM IST
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