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6 दिनों से लापता पैराग्लाइडर का नहीं लगा कोई सुराग, वायु सेना के हेलीकॉप्टर की भी ली जा रही है मदद

बैजनाथ के बीड़ स्थित चौगान निवासी के लिए सर्च अभियान शुरू किया गया है. जिसे पैराग्लाइडिंग का शौक है और बीते एक दशक से पैराग्लाइडिंग कर रहा था और 5 दिन पहले उसकी ओर से बिलिंग से सोलो फ्लाइंग की गई थी. मगर दोबारा बिलिंग में लैंडिंग करने की बजाय वो उन बिलिंग की वादियों में कहां खो गया उसका आज दिन तक कोई सुराग नहीं मिला.

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Published : Jan 13, 2021, 7:21 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 8:16 PM IST

Dharamshala missing paraglider news, धर्मशाला लापता पैराग्लाइडर न्यूज
फोटो.

धर्मशाला: महज एक आम जिंदगी को बचाने के लिए जिला प्रशासन कांगड़ा जिस तरह से रात-दिन एक कर रहा है. चौपर्स के जरिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है. सैकड़ों मॉन्टेनरिंग को सुराग ढूंढने के लिए लगा दिया गया है. ये वाकई में अपने आप का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन है, जो इन दिनों न केवल कांगड़ा जिला से ऑपरेट किया जा रहा है, बल्कि उसमें अब कुल्लू जिला और चम्बा को भी शरीक कर लिया गया है.

दरअसल ये सर्च ऑपरेशन किसी वीवीआईपी की गुमशुदगी के बाद नहीं हो रहा, बल्कि बैजनाथ के बीड़ स्थित चौगान निवासी उस आम शख्स के लिए शुरू किया गया है. जिसे पैराग्लाइडिंग का शौक है और बीते एक दशक से पैराग्लाइडिंग कर रहा था और 5 दिन पहले उसकी ओर से बिलिंग से सोलो फ्लाइंग की गई थी.

Dharamshala missing paraglider news, धर्मशाला लापता पैराग्लाइडर न्यूज
फोटो.

आज दिन तक कोई सुराग नहीं मिला

मगर दोबारा बिलिंग में लैंडिंग करने की बजाय वो उन बिलिंग की वादियों में कहां खो गया उसका आज दिन तक कोई सुराग नहीं मिला. जिला प्रशासन प्रमुख जिलाधीश राकेश प्रजापति भी मान रहे हैं कि कुछ सालों की लिहाज से देखा जाए तो ये अब तक का सबसे बड़ा खोजी अभियान है. जिसमें सैकड़ों की मैन पावर के साथ-साथ मशीनरी भी चौबीसों घंटे काम कर रही है, साथ ही इसमें कांगड़ा की बजाय दूसरे जिलों की भी मदद ली जा रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

बावजूद इसके अभी तक लापता हुये पायलट का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. काबिलेगौर है कि कांगड़ा घाटी हिमाचल प्रदेश में पर्यटन के हब के तौर पर जानी जाती है यहां मोन्टेनरिंग, ज़िपलाइन, होरशराडिंग, कैम्पिंग, ट्रेकिंग, स्विमिंग समेत पैराग्लाइडिंग भी होती है ऐसे में हर साल यहां लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं और अमूमन हर साल यहां कोई न कोई सैलानी लापता भी होता ही है.

रेस्क्यू करने में बेहद कड़ी मशक्कत के सामना करना पड़ता है

जिसको मद्देनजर रखते हुए प्रशासन हर बार लोगों को और सैलानियों को अलर्ट भी करता है. बावजूद इसके हर साल इस तरह के हादसे पेश आ ही जाते हैं जिससे जिला प्रशासन को लापता हुए सैलानियों को खोजने और रेस्क्यू करने में बेहद कड़ी मशक्कत के सामना करना पड़ता है. अभी हाल ही में कांगड़ा जिला प्रशासन को 73 के करीब सैलानियों को भारी बर्फबारी से भी रेस्क्यू करने करवाने में एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा था.

बड़े स्तर पर लापता पायलट को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं

डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि बड़े स्तर पर लापता पायलट को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं. पहले दिन लोकल टीमें गई थी, उसके बाद प्राइवेट हैलीकॉप्टर से ढूंढने के प्रयास किए. पिछले 3 दिन से एयरफोर्स के चौपर पायलट को ढूंढने में लगे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुराग पायलट का नहीं लगा है.

डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि मुझे लगता है कि पिछले एक-डेढ़ साल में पहाड़ों में लापता हुए व्यक्ति को ढूंढने का सबसे बड़ा प्रयास इस वक्त किया जा रहा है. लापता पायलट को ढूंढने में सैंकड़ों लोग लगे हुए हैं, चॉपर लगे हुए हैं. जिला कांगड़ा की साइड के साथ-साथ कुल्लू और चंबा की ओर से भी लापता व्यक्ति को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं. बड़े स्तर पर यह ऑपरेशन चल रहा है.

धर्मशाला: महज एक आम जिंदगी को बचाने के लिए जिला प्रशासन कांगड़ा जिस तरह से रात-दिन एक कर रहा है. चौपर्स के जरिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है. सैकड़ों मॉन्टेनरिंग को सुराग ढूंढने के लिए लगा दिया गया है. ये वाकई में अपने आप का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन है, जो इन दिनों न केवल कांगड़ा जिला से ऑपरेट किया जा रहा है, बल्कि उसमें अब कुल्लू जिला और चम्बा को भी शरीक कर लिया गया है.

दरअसल ये सर्च ऑपरेशन किसी वीवीआईपी की गुमशुदगी के बाद नहीं हो रहा, बल्कि बैजनाथ के बीड़ स्थित चौगान निवासी उस आम शख्स के लिए शुरू किया गया है. जिसे पैराग्लाइडिंग का शौक है और बीते एक दशक से पैराग्लाइडिंग कर रहा था और 5 दिन पहले उसकी ओर से बिलिंग से सोलो फ्लाइंग की गई थी.

Dharamshala missing paraglider news, धर्मशाला लापता पैराग्लाइडर न्यूज
फोटो.

आज दिन तक कोई सुराग नहीं मिला

मगर दोबारा बिलिंग में लैंडिंग करने की बजाय वो उन बिलिंग की वादियों में कहां खो गया उसका आज दिन तक कोई सुराग नहीं मिला. जिला प्रशासन प्रमुख जिलाधीश राकेश प्रजापति भी मान रहे हैं कि कुछ सालों की लिहाज से देखा जाए तो ये अब तक का सबसे बड़ा खोजी अभियान है. जिसमें सैकड़ों की मैन पावर के साथ-साथ मशीनरी भी चौबीसों घंटे काम कर रही है, साथ ही इसमें कांगड़ा की बजाय दूसरे जिलों की भी मदद ली जा रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

बावजूद इसके अभी तक लापता हुये पायलट का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. काबिलेगौर है कि कांगड़ा घाटी हिमाचल प्रदेश में पर्यटन के हब के तौर पर जानी जाती है यहां मोन्टेनरिंग, ज़िपलाइन, होरशराडिंग, कैम्पिंग, ट्रेकिंग, स्विमिंग समेत पैराग्लाइडिंग भी होती है ऐसे में हर साल यहां लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं और अमूमन हर साल यहां कोई न कोई सैलानी लापता भी होता ही है.

रेस्क्यू करने में बेहद कड़ी मशक्कत के सामना करना पड़ता है

जिसको मद्देनजर रखते हुए प्रशासन हर बार लोगों को और सैलानियों को अलर्ट भी करता है. बावजूद इसके हर साल इस तरह के हादसे पेश आ ही जाते हैं जिससे जिला प्रशासन को लापता हुए सैलानियों को खोजने और रेस्क्यू करने में बेहद कड़ी मशक्कत के सामना करना पड़ता है. अभी हाल ही में कांगड़ा जिला प्रशासन को 73 के करीब सैलानियों को भारी बर्फबारी से भी रेस्क्यू करने करवाने में एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा था.

बड़े स्तर पर लापता पायलट को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं

डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि बड़े स्तर पर लापता पायलट को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं. पहले दिन लोकल टीमें गई थी, उसके बाद प्राइवेट हैलीकॉप्टर से ढूंढने के प्रयास किए. पिछले 3 दिन से एयरफोर्स के चौपर पायलट को ढूंढने में लगे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुराग पायलट का नहीं लगा है.

डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि मुझे लगता है कि पिछले एक-डेढ़ साल में पहाड़ों में लापता हुए व्यक्ति को ढूंढने का सबसे बड़ा प्रयास इस वक्त किया जा रहा है. लापता पायलट को ढूंढने में सैंकड़ों लोग लगे हुए हैं, चॉपर लगे हुए हैं. जिला कांगड़ा की साइड के साथ-साथ कुल्लू और चंबा की ओर से भी लापता व्यक्ति को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं. बड़े स्तर पर यह ऑपरेशन चल रहा है.

Last Updated : Jan 13, 2021, 8:16 PM IST
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