धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय चार अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय और एक अन्य भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) के साथ मिलकर शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा. दरअसल, 29 जुलाई को नई दिल्ली में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. समझौता ज्ञापन का उद्देश्य केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ के बीच आपसी शैक्षणिक सहयोग, तकनीकी सहयोग और तकनीकी ट्रांसफर को बढ़ावा देना है.
इस समझौते में सम्मिलित होना हर्ष और गौरव का विषय: गौरतलब है कि 29 जुलाई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ और द्वितीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम के अवसर पर शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की ओर से प्रगति मैदान नई दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रकाश बंसल ने शिरकत की. वहीं, प्रो. बंसल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का इस समझौते में सम्मिलित होना हर्ष और गौरव का विषय है. इससे हिमाचल राज्य में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा. वहीं, प्रदेश का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर अंकित होगा.
'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, भारत को फिर से विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगी और इस नीति की अनुशंसा को क्रियान्वित करने में पांच केंद्रीय विश्वविद्यालय और आईआईटी रोपड़ मिलकर काम करेंगे. हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रेरित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और प्रयासों को आगे जारी रखा जाएगा.' :- प्रो. प्रकाश बंसल, कुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए मिला ए प्लस ग्रेड: बता दें, हाल ही में नैक द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और शोध हेतु ए प्लस ग्रेड दिया है. कुलपति ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन से विद्यार्थियों को शोध के लिए लाभ प्राप्त होगा. वहीं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कौशल आधारित शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा की अनुशंसाओं को धरातल में उतारने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान युग तकनीकी युग है. इसी के चलते इस समझौता ज्ञापन से तकनीकी ट्रांसफर तथा शोध-शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी प्रयोग को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी.
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