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कोरोना काल में मददगार रही मनरेगा, लोगों को मिले रोजगार के अवसर

कांगड़ा की रैत पंचायत में मनरेगा के तहत विकास योजनाओं में दिहाड़ी पर काम कर रहीं महिलाओं ने कोरोना के कठिन दौर में सरकार की ओर से रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार का धन्यवाद किया. कोविड के चलते कई लोगों की नौकरियां चली गई है और लोग बेरोजगार हो गए है. लोगों के लिए अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल होता जा रहा है.

महिलाएं
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Published : Nov 15, 2020, 3:32 PM IST

धर्मशाला: कांगड़ा की रैत पंचायत में मनरेगा के तहत विकास योजनाओं में दिहाड़ी पर काम कर रहीं महिलाओं ने कोरोना के कठिन दौर में सरकार की ओर से रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार का धन्यवाद किया. कोरोना काल में वैश्विक स्तर पर लोगों की जीवन शैली और रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ा है. ऐसे में प्रदेश के लोग भी इससे अलग नहीं है.

प्रदेश के विभिन्न भागों में लोग रोजगार की तलाश में देश-विदेश के अलग-अलग स्थानों से अपने घरों को वापस लौट रहे है. कोविड के चलते कई लोगों की नौकरियां चली गई हैं और लोग बेरोजगार हो गए हैं. लोगों के लिए अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल होता जा रहा है.

इन कठिन हालातों में प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन ने लोगों को रोजगार दिलाने के लिए उनके घर-ड्वार पर रोजगार दिलाने के लिए कोविड प्रोटोकॉल के तहत विभिन्न विकास कार्यों और योजनाएं शुरू की है. ऐसे में कांगड़ा में मनरेगा योजना लोगों के लिए मददगार साबित हो रही है.

उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि कोरोना के समय पिछले चार-पांच महीनों के दौरान 6,189 नए परिवारों ने मनरेगा में अपना पंजीकरण करवाया है. इस वित्त वर्ष में मनरेगा में अब तक लगभग 33 लाख 76 हजार 712 काम के दिन पैदा किए गए. इस दौरान 1,17,783 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया, जिस पर 66 करोड़ 11 लाख रुपये खर्च किये गए.

डीसा ने कहा कि मनरेगा के तहत चलाई जा रही योजनाओं से रोजगार के अवसर बढ़े, जिसकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. सरकार के निर्देशों के अनुरसार जिला प्रशासन के प्रयासों का ही नतीजा है कि इस कठिन समय में भी हजारों परिवारों को मनरेगा के माध्यम से जोड़कर रोजगार के अवसर पैदा किए गए.

धर्मशाला: कांगड़ा की रैत पंचायत में मनरेगा के तहत विकास योजनाओं में दिहाड़ी पर काम कर रहीं महिलाओं ने कोरोना के कठिन दौर में सरकार की ओर से रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार का धन्यवाद किया. कोरोना काल में वैश्विक स्तर पर लोगों की जीवन शैली और रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ा है. ऐसे में प्रदेश के लोग भी इससे अलग नहीं है.

प्रदेश के विभिन्न भागों में लोग रोजगार की तलाश में देश-विदेश के अलग-अलग स्थानों से अपने घरों को वापस लौट रहे है. कोविड के चलते कई लोगों की नौकरियां चली गई हैं और लोग बेरोजगार हो गए हैं. लोगों के लिए अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल होता जा रहा है.

इन कठिन हालातों में प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन ने लोगों को रोजगार दिलाने के लिए उनके घर-ड्वार पर रोजगार दिलाने के लिए कोविड प्रोटोकॉल के तहत विभिन्न विकास कार्यों और योजनाएं शुरू की है. ऐसे में कांगड़ा में मनरेगा योजना लोगों के लिए मददगार साबित हो रही है.

उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि कोरोना के समय पिछले चार-पांच महीनों के दौरान 6,189 नए परिवारों ने मनरेगा में अपना पंजीकरण करवाया है. इस वित्त वर्ष में मनरेगा में अब तक लगभग 33 लाख 76 हजार 712 काम के दिन पैदा किए गए. इस दौरान 1,17,783 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया, जिस पर 66 करोड़ 11 लाख रुपये खर्च किये गए.

डीसा ने कहा कि मनरेगा के तहत चलाई जा रही योजनाओं से रोजगार के अवसर बढ़े, जिसकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. सरकार के निर्देशों के अनुरसार जिला प्रशासन के प्रयासों का ही नतीजा है कि इस कठिन समय में भी हजारों परिवारों को मनरेगा के माध्यम से जोड़कर रोजगार के अवसर पैदा किए गए.

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