कांगड़ा: आदि हिमानी चामुंडा मंदिर को जोड़ने वाली प्रस्तावित रोप-वे योजना को लेकर प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है. रोप वे योजन को अंतिम रूप देने के लिए पर्यटन विभाग ने जमीन की निशानदेही शुरू कर दी है.
पांच साल बाद फिर शुरू हुआ रोपवे योजना पर काम
गौरतलब है कि वर्ष 2015 के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 280 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली हिमानी चामुंडा मंदिर रोप-वे का उद्घघाटन किया था, लेकिन कभी फॉरेस्ट की क्लीयरेंस तो कभी जमीन न मिलने की जद्दोजहद में पांच साल गुजर गए. ऐले में रोपवे का मसला फाइलों में सिमटा रहा.
इस वजह से हुई देरी
रोपवे योजना के लिए तलाशी गई जमीन में एक निजी मकान आने की वजह से देरी हुई, लेकिन अब वहां स्थापित होने वाले टावर की लोकेशन को बदला जा रहा है. वहीं, पर्यटन विभाग की उपनिदेशक सुनयना शर्मा ने बताया कि जमीन की निशानदेही हो रही है, जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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