धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में अभी भी मौसम खराब है. वहीं, कांगड़ा घाटी में पिछले दो दिनों से मौसम खराब चल रहा है. मौसम खराब होने से ऊपरी पहाड़ियों पर बर्फबारी हो रही है, तो वहीं निचले इलाकों में बारिश का क्रम जारी है. पहाड़ियों पर बर्फबारी के बाद जंगली जीव जंतु निचले क्षेत्रों की ओर रुख करते हैं, ऐसे में वन विभाग ने इन जीव जंतुओं की सुरक्षा के लिए कमर कस ली है.
जंगली जानवरों के लिए तैयार की योजना- जंगली जीव जंतुओं के निचले क्षेत्रों की ओर रुख करने से इनके शिकार के मामले भी सामने आते हैं. ऐसे में वन विभाग द्वारा सुनिश्चित तरीके से इनकी सुरक्षा के लिए योजना तैयार की जाती है ताकि ये सुरक्षित रह सके. इस वर्ष भी हर वर्ष की तरह वन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है.
मास्टर प्लान तैयार कर टास्क फोर्स गठित- पहाड़ियों से निचले क्षेत्रों की ओर आने वाले जंगली जीव-जंतुओं की सुरक्षा को लेकर चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (सीसीएफ) धर्मशाला डीआर कौशल का कहना है कि हर वर्ष की तरह सर्दियों की शुरुआत के साथ ही जीव-जंतुओं की सुरक्षा के लिए विस्तृत योजना तैयार की जाती है. उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान तैयार कर टास्क फोर्स गठित कर दी गई है.
संवेदनशील एरिया को ज्यादा तवज्जो- चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में जहां बर्फबारी ज्यादा होती है, उन एरिया को ज्यादा तवज्जो दी जाती है. सर्दियों में जंगली जानवरों का निचले क्षेत्रों में आगमन शुरू हो जाता है. उसके लिए विभाग की टुकड़ियां निरंतर चेक रखती हैं. बता दें कि बर्फबारी से पेड़ भी गिरते हैं, उनकी भी चेकिंग की जाती है. उन्होंने कहा कि ऊपरी पहाड़ियों पर हुई बर्फबारी के बाद से वन विभाग सतर्क हो गया है.
ये भी पढ़ें: सिरमौर की पांवटा घाटी के जंगल में टाइगर की कदमताल, सिंबलवाड़ा नेशनल पार्क में मिले पगमार्क