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ग्रहण के दिन भी बंद नहीं होता प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी, मंदिर में किया गया विशेष पूजन

पूरा विश्व इन दिनों कोरोना वायरस से जूझ रहा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने लॉकडाउन व कर्फ्यू लगाया. इस दौरान भी हर रोज ज्वालामुखी मंदिर में ज्वाला मां की आरती होती रही, लेकिन मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया था.

Jawalamukhi temple
ज्वालामुखी मंदिर
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Published : Jun 21, 2020, 4:22 PM IST

ज्वालामुखी: विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी में आज सूर्य ग्रहण के दिन विशेष पूजन किया गया. ज्वालामुखी मंदिर किसी भी ग्रहण के समय में बंद नहीं होता है. हालांकि, बाकी मंदिर बंद रहते हैं, लेकिन शक्तिपीठ ज्वालामुखी के द्वार दर्शनों के लिए खुले रहते हैं.

पूरा विश्व इन दिनों कोरोना वायरस से जूझ रहा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने लॉकडाउन व कर्फ्यू लगाया. इस दौरान भी हर रोज ज्वालामुखी मंदिर में ज्वाला मां की आरती होती रही, लेकिन मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया था.

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पुजारी अविनेद्र शर्मा ने कहा कि रविवार के दिन होने वाले सूर्य ग्रहण को चूड़ामणि ग्रहण कहा जाता है. ये बहुत प्रभावशाली होता है. उन्होंने कहा कि शास्त्रों में विदित है कि रविवार को होने वाले ग्रहण का प्रभाव दूसरे दिनों में होने वाले ग्रहणों के मुकाबले में ज्यादा होता है.

अविनेद्र शर्मा ने कहा कि ग्रहण के समय में जप पाठ और यज्ञ करने से हजारों और लाखों गुणा महत्व मिलता है. इसलिए सभी भक्तों से सूर्य भगवान की उपासना करने की प्रार्थना करूंगा. इस दौरान ॐ नम: नारायण का जप करें. साथ ही अपने गुरु का जप और ईष्ट का जप करें.

अविनेद्र शर्मा ने कहा जो आजकल पूरे विश्व में कोरोना वायरस फैला हुआ है. इसके लिए भी बहुत अनुकूल समय आने वाला है. उन्होंने कहा कि 18 दिनों के महाभारत युद्ध के समय में 15 दिन में दो ग्रहण हुए थे, तभी यह युद्ध हुआ था. कोरोना वायरस भी एक युद्ध जैसी अघोषित परिस्थिति है. इसलिए इस बात की उम्मीद रखता हूं कि आने वाला ग्रहण हम सब के लिए मंगलकारी होगा. चूंकि दो ग्रहणों के बीच का समय बड़ा ही कष्टकारी होता है. वो कष्ट पूरे विश्व ने भोगा है.

ये भी पढ़ें: सपड़ी में सांप के डसने से 4 वर्षीय बच्चे की मौत, परिवार का रो रोकर बुरा हाल

ज्वालामुखी: विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी में आज सूर्य ग्रहण के दिन विशेष पूजन किया गया. ज्वालामुखी मंदिर किसी भी ग्रहण के समय में बंद नहीं होता है. हालांकि, बाकी मंदिर बंद रहते हैं, लेकिन शक्तिपीठ ज्वालामुखी के द्वार दर्शनों के लिए खुले रहते हैं.

पूरा विश्व इन दिनों कोरोना वायरस से जूझ रहा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने लॉकडाउन व कर्फ्यू लगाया. इस दौरान भी हर रोज ज्वालामुखी मंदिर में ज्वाला मां की आरती होती रही, लेकिन मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया था.

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पुजारी अविनेद्र शर्मा ने कहा कि रविवार के दिन होने वाले सूर्य ग्रहण को चूड़ामणि ग्रहण कहा जाता है. ये बहुत प्रभावशाली होता है. उन्होंने कहा कि शास्त्रों में विदित है कि रविवार को होने वाले ग्रहण का प्रभाव दूसरे दिनों में होने वाले ग्रहणों के मुकाबले में ज्यादा होता है.

अविनेद्र शर्मा ने कहा कि ग्रहण के समय में जप पाठ और यज्ञ करने से हजारों और लाखों गुणा महत्व मिलता है. इसलिए सभी भक्तों से सूर्य भगवान की उपासना करने की प्रार्थना करूंगा. इस दौरान ॐ नम: नारायण का जप करें. साथ ही अपने गुरु का जप और ईष्ट का जप करें.

अविनेद्र शर्मा ने कहा जो आजकल पूरे विश्व में कोरोना वायरस फैला हुआ है. इसके लिए भी बहुत अनुकूल समय आने वाला है. उन्होंने कहा कि 18 दिनों के महाभारत युद्ध के समय में 15 दिन में दो ग्रहण हुए थे, तभी यह युद्ध हुआ था. कोरोना वायरस भी एक युद्ध जैसी अघोषित परिस्थिति है. इसलिए इस बात की उम्मीद रखता हूं कि आने वाला ग्रहण हम सब के लिए मंगलकारी होगा. चूंकि दो ग्रहणों के बीच का समय बड़ा ही कष्टकारी होता है. वो कष्ट पूरे विश्व ने भोगा है.

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