धर्मशाला: जिला कांगड़ा की पर्यटन नगरी धर्मशाला के मैक्लोडगंज में शुक्रवार को भारत तिब्बत सहयोग मंच की और से अपनी स्थापना की रजत जयंती समारोह को बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया. मैक्लोडगंज स्थित बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा के मंदिर तुगलुकखांग परिसर में आयोजित किए गए इस समारोह में इस मंच से जुड़ी देश-विदेश की कई नामचीन हस्तियों ने भी शिरकत की. इस अवसर पर जहां मुख्यतिथि के तौर पर आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने शिरकत की तो वहीं, फिल्म टेलिविजन संस्थान के पूर्व अध्यक्ष और बीआर चोपड़ा द्वारा निर्मित महाभारत काव्य में धर्मराज युधिष्ठिर की भूमिका निभाने वाले अभिनेता गजेंद्र सिंह चौहान ने विशेष अतिथि के तौर पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई.
'करुणा और मैत्री के स्वरूप दलाईलामा': इस दौरान भारत-तिब्बत मंच के पदाधिकारियों ने गणमान्य लोगों की मौजूदगी में बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा का विशेष सत्कार करते हुये उन्हें शॉल टोपी पहनाई और फिर विशेष सम्मान स्मृति चिन्ह भेंट किया. इस दौरान इंद्रेश कुमार ने कहा कि कुछ शैतानी ताकतों द्वारा हाल ही में तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के ऊपर लांछण लगाने की कोशिश की गई. मगर उन्हें नहीं मालूम कि अगर सूरज पर थूकने की कोशिश करोगे तो वो थूक खुद पर ही गिरेगा. इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. उन्होंने कहा कि शीतलता, शांति, निर्मलता, करुणा और मैत्री के स्वरूप दलाईलामा पर लांछण लगाकर थूकने की कोशिश की वो थूक उन्हीं के ऊपर जाकर गिरा है. इंद्रेश कुमार ने कहा कि आज इस मंच के माध्यम से हम सब ऐसे षड्यंत्रों की घोर निंदा करते हैं.
![India Tibet Cooperation Forum establishment Silver jubilee celebrated in Mcleodganj.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-kng-01-dalailamatempalprogram-dharmshala-pkg-hp10014_05052023170029_0505f_1683286229_892.jpg)
'भारत और तिब्बत की परंपरा में समरूपता': वहीं, दलाईलामा ने कहा कि उनका इस जगह पर निवास स्थान भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सौजन्य से संभव हुआ है और तब से लेकर आज दिन तक यही मेरा स्थायी निवास स्थान है. आज हम लोग भारत के विभिन्न स्थानों में रह रहे हैं और भारत में उन्हें हर लिहाज की स्वतंत्रता नसीब हुई है. चाहे वो फैसला लेने की स्वतंत्रता हो चाहे धर्म का अभ्यास करने की स्वतंत्रता ही क्यों न हो, हमें यहां हर प्रकार की स्वतंत्रता मिली है. दलाईलामा ने कहा कि भारत सभी धर्मों में समभाव रखने वाला देश है यहां सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते हैं वहीं उन्होंने कहा कि भारत और तिब्बत की परंपरा में समरूपता है. भारतीय भाषाओं में ही तिब्बत की भाषा के भी दर्शन होते हैं तभी से लेकर हम आज तक भारतीय बौद्ध परंपरा को लेकर चल रहे हैं.
![India Tibet Cooperation Forum establishment Silver Jubilee celebrated in Mcleodganj.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18430339_1.jpg)
ये भी पढे़ं: तीसरी के छात्र को बेरहमी से पीटने वाला शिक्षक निलंबित, शिक्षा विभाग की कार्रवाई