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10th के छात्रों को प्रमोट करने के लिए शिक्षा बोर्ड ने तैयार किया प्रारूप, ऐसे प्रमोट किए जाएंगे छात्र - पिछली परफोर्मेंस

हिमाचल प्रदेश सरकार ने दसवीं कक्षा के छात्रों को प्रमोट कर जमा एक में भेजने का निर्णय लिया है. इसको लेकर स्कूल शिक्षा बोर्ड की और से प्रस्तावित प्रारूप तैयार कर लिया गया है. इस प्रारूप के तहत सोमवार से बोर्ड राजकीय शिक्षक संघ, प्राधानाचार्य संघ, निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक करेगा. जिसके बाद एक सप्ताह के भीतर पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

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Published : May 8, 2021, 10:11 PM IST

धर्मशाला: कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण हिमाचल प्रदेश सरकार ने दसवीं कक्षा के छात्रों को प्रमोट कर जमा एक में भेजने का निर्णय लिया है. सरकार के निर्णय के बाद हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है.

बोर्ड की और से इसको लेकर प्रस्तावित प्रारूप तैयार कर लिया गया है, लेकिन इस पर शिक्षक संघों, निजी स्कूल संचालकों के विचार विमर्श करने के बाद प्रदेश सरकार को अनुमति के लिए भेजा जाएगा.

पिछली परफोर्मेंस से आधार पर प्रमोट होगें छात्र

बता दें कि बोर्ड दसवीं के छात्रों को पिछली परफोर्मेंस से आधार पर प्रमोट करेगा एवं उन्हें ग्रेड दिए जाएंगे. प्रमोट करने में प्री-बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम सबसे अधिक महत्व रखेंगे. जिन विद्यार्थियों ने प्री-बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक लिए हैं, उन्हें प्रथम श्रेणी के साथ प्रमोट किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- जेएसडब्ल्यू अस्पताल को जरूरत पड़ने पर बनाया जाएगा कोविड डेडिकेटेड हेल्थ सेंटर: DC किन्नौर

विभिन्न बिंदुओं पर तैयार किया गया प्रारूप

इसके अलावा इससे कम अंक वालों को उसकी ओवरऑल परफोर्मेंस के आधार पर पास किया जाएगा. बोर्ड की ओर से विभिन्न बिंदुओं पर प्रारूप तैयार किया गया. इस प्रारूप के तहत सोमवार से बोर्ड राजकीय शिक्षक संघ, प्राधानाचार्य संघ, निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक करेगा. बैठक में आने वाले बिंदुओं के आधार पर प्रारूप में संशोधन कर स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा जाएगा.

एसओएस परीक्षार्थी ने बिगाड़ बोर्ड का हिसाब

नियमित विद्यार्थियों के लिए तो बोर्ड ने प्रारूप तैयार कर लिया है, लेकिन राज्य मुक्त विद्यालय के लिए पंजीकृत परीक्षार्थियों को प्रमोट करने को बोर्ड के लिए अभी तक कोई ठोस आधार नहीं मिल रहा है. इसका कारण यह है कि एसओएस के तहत कई फ्रेशर विद्यार्थी होते हैं. जिसकी पुरानी कोई परफार्मेंस नहीं होती है. इसके अलावा कईयों ने तीन-चार साल बाद विषयों में श्रेणी सुधार के लिए आवेदन किया होता है. ऐसे में एसओएस विद्यार्थी के लिए नीति बनाना बोर्ड के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

बैठकों के बाद एक सप्ताह में होगा फैसला

शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि सोमवार से शुरू होने वाली बैठकों के बाद अपने-अपने सुझावों के अनुसार ही बच्चों को प्रमोट करने पर निर्णय लिया जाएगा. एक सप्ताह के भीतर पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में 44.23 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन सरप्लस: सीएम जयराम ठाकुर

धर्मशाला: कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण हिमाचल प्रदेश सरकार ने दसवीं कक्षा के छात्रों को प्रमोट कर जमा एक में भेजने का निर्णय लिया है. सरकार के निर्णय के बाद हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है.

बोर्ड की और से इसको लेकर प्रस्तावित प्रारूप तैयार कर लिया गया है, लेकिन इस पर शिक्षक संघों, निजी स्कूल संचालकों के विचार विमर्श करने के बाद प्रदेश सरकार को अनुमति के लिए भेजा जाएगा.

पिछली परफोर्मेंस से आधार पर प्रमोट होगें छात्र

बता दें कि बोर्ड दसवीं के छात्रों को पिछली परफोर्मेंस से आधार पर प्रमोट करेगा एवं उन्हें ग्रेड दिए जाएंगे. प्रमोट करने में प्री-बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम सबसे अधिक महत्व रखेंगे. जिन विद्यार्थियों ने प्री-बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक लिए हैं, उन्हें प्रथम श्रेणी के साथ प्रमोट किया जाएगा.

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विभिन्न बिंदुओं पर तैयार किया गया प्रारूप

इसके अलावा इससे कम अंक वालों को उसकी ओवरऑल परफोर्मेंस के आधार पर पास किया जाएगा. बोर्ड की ओर से विभिन्न बिंदुओं पर प्रारूप तैयार किया गया. इस प्रारूप के तहत सोमवार से बोर्ड राजकीय शिक्षक संघ, प्राधानाचार्य संघ, निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक करेगा. बैठक में आने वाले बिंदुओं के आधार पर प्रारूप में संशोधन कर स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा जाएगा.

एसओएस परीक्षार्थी ने बिगाड़ बोर्ड का हिसाब

नियमित विद्यार्थियों के लिए तो बोर्ड ने प्रारूप तैयार कर लिया है, लेकिन राज्य मुक्त विद्यालय के लिए पंजीकृत परीक्षार्थियों को प्रमोट करने को बोर्ड के लिए अभी तक कोई ठोस आधार नहीं मिल रहा है. इसका कारण यह है कि एसओएस के तहत कई फ्रेशर विद्यार्थी होते हैं. जिसकी पुरानी कोई परफार्मेंस नहीं होती है. इसके अलावा कईयों ने तीन-चार साल बाद विषयों में श्रेणी सुधार के लिए आवेदन किया होता है. ऐसे में एसओएस विद्यार्थी के लिए नीति बनाना बोर्ड के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

बैठकों के बाद एक सप्ताह में होगा फैसला

शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि सोमवार से शुरू होने वाली बैठकों के बाद अपने-अपने सुझावों के अनुसार ही बच्चों को प्रमोट करने पर निर्णय लिया जाएगा. एक सप्ताह के भीतर पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

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