धर्मशाला: प्रदेश में सर्दियों का सीजन शुरू हो चुका है और बिजली की डिमांड बढ़ गई है, लेकिन इसके बावजूद धर्मशाला में कई लोग, सरकारी व गैर सरकारी संस्थान बिजली विभाग का बिल भरने का नाम नहीं ले रहे हैं. बिजली विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस वक्त में सरकारी महकमे में ही सबसे ज्यादा डिफॉल्टर्स हैं, जो कि बिजली विभाग का बिल भरने में आनाकानी कर रहे हैं.
धर्मशाला में ही कई सरकारी कार्यालयों पर बिजली महकमे का लाखों रुपयों बकाया है. बिजली विभाग धर्मशाला के एक्सईएन विकास ठाकुर का कहना है कि सरकारी कार्यालय ही सबसे ज्यादा बिजली बिल अटकाने में माहिर हैं. मौजूदा वक्त में सरकारी कार्यालयों पर 80 लाख रुपये का बकाया है, लेकिन बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद भी अभी तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा. कई गैर सरकारी संस्थानों पर भी बिजली विभाग का 50 लाख से ज्यादा का कर्ज है, लेकिन बिजली विभाग को उस बिल को वसूलने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगाना पढ़ रहा है.
विकास ठाकुर का कहना है कि वह नहीं चाहते कि किसी से जोर जबरदस्ती करके बिजली बिल वसूले जाएं और खासतौर पर जब बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत हो. इसके बावजूद डिफॉल्टर्स की ओर कोई गौर नहीं करता और उन्हें न चाहते हुए भी ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं. इसको मद्देनजर रखते हुए उनकी ओर से हाल ही में करीब 12 सौ बिजली कनेक्शन टेंपरेरी बेस पर डिस्कनेक्ट कर दिए गए हैं. अब अगर लोगों को दोबारा बिजली चाहिए तो बिजली बिल के लिये अप्लाई करना होगा और बिल भरने पर ही बिजली कनेक्शन मिल पाएंगे.
विकास ठाकुर ने बताया कि इस वक्त धर्मशाला में ही डोमेस्टिक और कमर्शियल प्रॉपर्टी के 60 से 65 लाख बिल पेंडिंग हैं, जिन्हें बार बार नोटिस सर्व किए गए. ऐसे में अगर उन्होंने जल्द बिजली बिल पे नहीं किए तो उन्हें न चाहते हुए भी बिजली कनेक्शन काटने पड़ेंगे, जिसके लिए वो खुद जिम्मेदार होंगे. विकास ठाकुर ने बताया कि विभाग बार-बार लोगों को न्यूज चैनलों और समाचार पत्रों के जरिए आगाह करता है कि अब वो अपना बिजली बिल ऑनलाइन के माध्यमों से भी पे कर सकते हैं. इसके बावजूद भी डिफॉल्टर्स का रेट बढ़ता ही जा रहा है, जो कि कभी कभार चिंता का सबब भी बन जाता है.