ETV Bharat / state

बैजनाथ मंदिर में घृतमंडल पर्व की धूम, तीन क्विंटल माखन से किया गया भोलेनाथ का श्रृंगार

कांगड़ा के प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर धूम-धाम के साथ घृतमंडल पर्व को मनाया जा रहा है. जानिए पूरी खबर.

Ghritmandal festival in Baijnath temple
बैजनाथ मंदिर में घृतमंडल पर्व की धूम
author img

By

Published : Jan 16, 2020, 4:35 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 8:01 PM IST

धर्मशाला: जिला कांगड़ा के ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में इस बार घृतमंडल पर्व पर नाग देव के साथ भोले नाथ विराजमान हुए. साढ़े तीन क्विंटल माखन और घी से बने पेड़ों से तैयार लगभग 5 फीट ऊंचे घृतक को कई सालों बाद एक अलग रूप दिया गया.

बता दें कि मकर संक्रांति के पर्व पर मंगलवार दोपहर के समय पावन पिंडी का जलाभिषेक और आरती करने के बाद घृत को बनाने का काम शुरू किया गया था. इस विशालकाय घृत मंडल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए कांगड़ा बज्रेश्वरी मंदिर से आए पुजारियों ने घृत बनाने में बैजनाथ मंदिर के पुजारियों का सहयोग किया. उन्होंने बताया कि घृतक को अगले सात दिनों तक पावन पिंड पर रखा जाएगा. वहीं 21 जनवरी के दिन इसे शिवलिंग से उतारकर प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट.

बैजनाथ मंदिर के पुजारी आचार्य सुरिन्द्र ने बताया कि घृत चर्म रोगों के लिए अति लाभकारी होता है. यही कारण है कि इसे लेने के लिए दूर-दूर से भक्तजन यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि घृतमंडल बनाने के साथ-साथ भक्तों ने शिव महिमा का गुणगान भी किया.

बता दें कि मकर संक्रांति पर्व पर बैजनाथ में अगले सात दिन बाद घृत पर्व सम्पन्न होगा. इसके अलावा संसाल मुकुट नाथ मंदिर, महाकाल मंदिर, पूठे चरण मंदिर और पालिकेश्वर में भी घृतमंडल बनाकर यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी मंदिर में शुरू हुआ घृत पर्व, 18 क्विंटल मक्खन से सजी माता की पिंडी

धर्मशाला: जिला कांगड़ा के ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में इस बार घृतमंडल पर्व पर नाग देव के साथ भोले नाथ विराजमान हुए. साढ़े तीन क्विंटल माखन और घी से बने पेड़ों से तैयार लगभग 5 फीट ऊंचे घृतक को कई सालों बाद एक अलग रूप दिया गया.

बता दें कि मकर संक्रांति के पर्व पर मंगलवार दोपहर के समय पावन पिंडी का जलाभिषेक और आरती करने के बाद घृत को बनाने का काम शुरू किया गया था. इस विशालकाय घृत मंडल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए कांगड़ा बज्रेश्वरी मंदिर से आए पुजारियों ने घृत बनाने में बैजनाथ मंदिर के पुजारियों का सहयोग किया. उन्होंने बताया कि घृतक को अगले सात दिनों तक पावन पिंड पर रखा जाएगा. वहीं 21 जनवरी के दिन इसे शिवलिंग से उतारकर प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट.

बैजनाथ मंदिर के पुजारी आचार्य सुरिन्द्र ने बताया कि घृत चर्म रोगों के लिए अति लाभकारी होता है. यही कारण है कि इसे लेने के लिए दूर-दूर से भक्तजन यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि घृतमंडल बनाने के साथ-साथ भक्तों ने शिव महिमा का गुणगान भी किया.

बता दें कि मकर संक्रांति पर्व पर बैजनाथ में अगले सात दिन बाद घृत पर्व सम्पन्न होगा. इसके अलावा संसाल मुकुट नाथ मंदिर, महाकाल मंदिर, पूठे चरण मंदिर और पालिकेश्वर में भी घृतमंडल बनाकर यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी मंदिर में शुरू हुआ घृत पर्व, 18 क्विंटल मक्खन से सजी माता की पिंडी

Intro:धर्मशाला- ऐतिहासिक शिव मंदिर में इस बार घृतमंडल पर्व पर नाग देव के साथ भोले नाथ विराजमान हुये। साढ़े3 क्विंटल माखनरूपी घी से बने पेडो से तैयार लगभग 5 फ़िट ऊँचे घृत को कई सालों बाद एक अलग रूप दिया गया। मंगलवार दोपहर पावन पिंडी का जलाभिषेक व आरती करने के बाद घृत को बनाने का काम शुरू हुआ था।

Body:
इस विशालकाय घृत मंडल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए काँगड़ा वज्रेश्वरी मंदिर से आए पुजारियों पंडित उमा शंकर, अजय शर्मा, दिवाकर शर्मा व बैजनाथ मंदिर के पुजारी पंडित धर्मेंद्र शर्मा, आचार्य सुरेंद्र शर्मा, शांति स्वरूप, मनोज सुग्गा ने सहयोग किया। उन्होंने बताया क़ि घृत को अगले सात दिनो तक पावन पिंडी पर रखा जाएगा व 21 जनवरी के दिन इसे पिंडी से उतारकर प्रसाद के रूप में बाँटा जाएगा।
Conclusion:वही पुजारी सुरिन्द्र आचार्य ने बताया कि घृत चर्म रोगों के लिए अति लाभकारी होता है व यही कारण है कि इसे लेने के लिए दूर दूर से भक्तजन यहाँ आते हैं। घृतमंडल बनाने के साथ साथ भक्तों ने शिव महिमा का गुणगान किया। वहीं मकर सक्रांति पर्व पर बैजनाथ में अगले सात दिन बाद घृत पर्व सम्पन होगा। इसके अलावा संसाल मुकुट नाथ मंदिर, महाकाल मंदिर, पूठे चरण मंदिर व पालिकेश्वर में भी घृतमंडल बनाकर यह पर्व बडी धूमधाम से मनाया जा रहा है ।
Last Updated : Jan 16, 2020, 8:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.