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शांता कुमार ने राजस्थान प्रकरण में जताई खुशी, बोले- बदनामी से बच गया देश

भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने राजस्थान सरकार का संकट टलने को लेकर प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने कहा, यद्यपि यह राजस्थान कांग्रेस सरकार का अपना संकट था, लेकिन उन्हें प्रसन्नता इसलिए है कि उनके लिए देश पहले है, पार्टी बाद में. यदि संकट ना टलता, तो 14 अगस्त तक लोकतंत्र का यह उपहास होता रहता, इसलिए देश इस बदनामी से बच गया.

शांता कुमार ने जताई खुशी
Shanta Kumar expressed happiness
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Published : Aug 11, 2020, 8:07 PM IST

पालमपुर: पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने राजस्थान सरकार पर मंडराया संकट टलने पर संतुष्टि जाहिर की है. उन्होंने कहा कि वैसे इस संकट से उनका कोई भी संबंध नहीं है, लेकिन फिर भी वह संकट टलने से अधिक प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं.

प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा इस प्रसन्नता को सार्वजनिक रूप से सबके सामने भी प्रकट कर रहे हैं. शांता कुमार कहा कि यद्यपि यह राजस्थान कांग्रेस सरकार का अपना संकट था, परंतु उन्हें प्रसन्नता इसलिए भी है कि उनके लिए देश पहले है, पार्टी बाद में.

शांता ने कहा कि अटल विहारी बाजपेयी के कथनानुसार, दलों की दीवारें बहुत नीची होती हैं, परंतु राष्ट्र का मंदिर बहुत ऊंचा होता है, के सिद्धांत की पूर्ति हुई है. शांता कुमार ने कहा कि संकट टल गया, अब विधायकों की मंडी नहीं लगेगी.

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा था कि एमएलए का भाव 25 करोड़ तक पहुंच गया है. शांता कुमार ने कहा कि भारत के एक विद्वान लेखक डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने कहा था कि भाव 30 करोड़ तक पहुंच गया. यदि मंडी लगती, तो पता नहीं भाव कहां पहुंचता.

उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को रात के 12 बजे होटल बदलना पड़ा. भाजपा को भी अपने विधायक संभालने पड़े और सोमनाथ भेजने पड़े. यदि संकट ना टलता, तो 14 अगस्त तक लोकतंत्र का यह उपहास होता रहता. देश इस बदनामी से बच गया, इसलिए उन्होंने अपनी यह प्रसन्नता सभी के साथ सांझा की है.

पालमपुर: पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने राजस्थान सरकार पर मंडराया संकट टलने पर संतुष्टि जाहिर की है. उन्होंने कहा कि वैसे इस संकट से उनका कोई भी संबंध नहीं है, लेकिन फिर भी वह संकट टलने से अधिक प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं.

प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा इस प्रसन्नता को सार्वजनिक रूप से सबके सामने भी प्रकट कर रहे हैं. शांता कुमार कहा कि यद्यपि यह राजस्थान कांग्रेस सरकार का अपना संकट था, परंतु उन्हें प्रसन्नता इसलिए भी है कि उनके लिए देश पहले है, पार्टी बाद में.

शांता ने कहा कि अटल विहारी बाजपेयी के कथनानुसार, दलों की दीवारें बहुत नीची होती हैं, परंतु राष्ट्र का मंदिर बहुत ऊंचा होता है, के सिद्धांत की पूर्ति हुई है. शांता कुमार ने कहा कि संकट टल गया, अब विधायकों की मंडी नहीं लगेगी.

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा था कि एमएलए का भाव 25 करोड़ तक पहुंच गया है. शांता कुमार ने कहा कि भारत के एक विद्वान लेखक डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने कहा था कि भाव 30 करोड़ तक पहुंच गया. यदि मंडी लगती, तो पता नहीं भाव कहां पहुंचता.

उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को रात के 12 बजे होटल बदलना पड़ा. भाजपा को भी अपने विधायक संभालने पड़े और सोमनाथ भेजने पड़े. यदि संकट ना टलता, तो 14 अगस्त तक लोकतंत्र का यह उपहास होता रहता. देश इस बदनामी से बच गया, इसलिए उन्होंने अपनी यह प्रसन्नता सभी के साथ सांझा की है.

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