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इंसानियत: जानवरों की देखभाल के लिए सफाई कर्मचारी ने बैंक से लिया 75 हजार का कर्ज

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Published : Apr 24, 2020, 6:07 PM IST

ज्वालामुखी में 16 युवाओं की टीम करीब 20 किलोमीटर में बेजुबानों का घायल होने पर मलहम-पट्टी कर उपचार कर रही है. लॉकडाउन में यह टीम 15 जानवरों का उपचार कर चुकी हैं.

Deepak's team became a support for the innocent in Jwalamukhi
जानवरों का किया उपचार

ज्वालामुखी: वैश्विक महामारी कोरोना के महासंकट के बीच जहां आदमी एक दूसरे की तरफ सहायता का हाथ बढ़ा रहा है, वहीं कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रहीं हैं जहां पर जानवरों व पशु पक्षियों के लिए कोरोना वॉरियर्स मददगार बनकर सामने आए हैं. पेशे से सफाई कर्मचारी दीपक कुमार ने बेसहारा पशु पक्षियों की देखभाल का जिम्मा संभाला है.

दीपक पिछले कई वर्षों से अपनी टीम 20 किलोमीटर इलाके के दायरे में आने वाले सभी बेसहारा जानवरों का दर्द समझकर उनके मर्ज का इलाज करते हैं. दीपक कुमार बेसहारा जानवरों के चारे का ख्याल रखने के साथ घायल जानवरों का इलाज भी करवाते हैं.

वीडियो

कर्ज से आहार की व्यवस्था

दीपक ने बताया कि आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोग उन्हें घायल पशु, पक्षी और सड़कों के किनारे घायल पड़े हुए जानवरों की सूचना देते हैं.वो अपनी टीम के साथ फौरन मौके पर पहुंच कर जानवरों का इलाज करते हैं. दीपक के अनुसार इस समय तक वह 1500 के करीब घायल जानवरों का इलाज कर चुके हैं. उसने बताया कि कोरोना महामारी के बीच जानवरों को देखने वाला कोई नहीं है, जैसे ही उन्हें जानकारी मिल रही है वह उपचार के लिए जा रहे हैं.

इस अवधि में भी 15 जानवरों का उपचार किया गया है. पिछली शाम को ज्वालामुखी के पुराने बाजार में बुरी तरह से घायल हुए एक बैल को दवाइयां देकर मलहम पट्टी की गई है. दीपक की मानें तो उपचार के साथ साथ जानवरों को इस समय आहार भी बैंक से लिए हुए कर्ज के पैसों से उपलब्ध करवा रहे हैं. जानवरों के लिए चारे का इंतजाम करने के लिए 75 हजार का कर्ज लिया हुआ है. वह बैंक के कर्ज की किश्त स्वयं भरते हैं. कुछ दिन लोगों ने भी उनकी काम में जरूर मदद की थी.

उपचार कर उड़ा दिया गगन में

दीपक ने बताया इस काम के लिए उसे खुद से ही प्रेरणा मिली. जानवरों का उपचार करने के बाद उन्हें सुकून मिलता है. दो दिन पहले एक घायल पक्षी की जानकारी मिली थी, उसका इलाज करवाकर उसे छोड़ दिया गया.

ज्वालामुखी: वैश्विक महामारी कोरोना के महासंकट के बीच जहां आदमी एक दूसरे की तरफ सहायता का हाथ बढ़ा रहा है, वहीं कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रहीं हैं जहां पर जानवरों व पशु पक्षियों के लिए कोरोना वॉरियर्स मददगार बनकर सामने आए हैं. पेशे से सफाई कर्मचारी दीपक कुमार ने बेसहारा पशु पक्षियों की देखभाल का जिम्मा संभाला है.

दीपक पिछले कई वर्षों से अपनी टीम 20 किलोमीटर इलाके के दायरे में आने वाले सभी बेसहारा जानवरों का दर्द समझकर उनके मर्ज का इलाज करते हैं. दीपक कुमार बेसहारा जानवरों के चारे का ख्याल रखने के साथ घायल जानवरों का इलाज भी करवाते हैं.

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कर्ज से आहार की व्यवस्था

दीपक ने बताया कि आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोग उन्हें घायल पशु, पक्षी और सड़कों के किनारे घायल पड़े हुए जानवरों की सूचना देते हैं.वो अपनी टीम के साथ फौरन मौके पर पहुंच कर जानवरों का इलाज करते हैं. दीपक के अनुसार इस समय तक वह 1500 के करीब घायल जानवरों का इलाज कर चुके हैं. उसने बताया कि कोरोना महामारी के बीच जानवरों को देखने वाला कोई नहीं है, जैसे ही उन्हें जानकारी मिल रही है वह उपचार के लिए जा रहे हैं.

इस अवधि में भी 15 जानवरों का उपचार किया गया है. पिछली शाम को ज्वालामुखी के पुराने बाजार में बुरी तरह से घायल हुए एक बैल को दवाइयां देकर मलहम पट्टी की गई है. दीपक की मानें तो उपचार के साथ साथ जानवरों को इस समय आहार भी बैंक से लिए हुए कर्ज के पैसों से उपलब्ध करवा रहे हैं. जानवरों के लिए चारे का इंतजाम करने के लिए 75 हजार का कर्ज लिया हुआ है. वह बैंक के कर्ज की किश्त स्वयं भरते हैं. कुछ दिन लोगों ने भी उनकी काम में जरूर मदद की थी.

उपचार कर उड़ा दिया गगन में

दीपक ने बताया इस काम के लिए उसे खुद से ही प्रेरणा मिली. जानवरों का उपचार करने के बाद उन्हें सुकून मिलता है. दो दिन पहले एक घायल पक्षी की जानकारी मिली थी, उसका इलाज करवाकर उसे छोड़ दिया गया.

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