ज्वालामुखी: टिहरी के कुरेड़ा गांव में थ्रेसिंग के लिए काटकर रखी गई गेहूं की फसल बीती देर रात आग की भेंट चढ़ गई. गेहूं से उठती लपटों को देखकर लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग इतनी तेजी से फैली की सारी कोशिशें नाकाम रही.
गेहूं में आग कैसे लगी इस बात का अभी तक पता नहीं चल पाया है. आगजनी की घटना में किसान परिवार को हजारों रुपये का नुकसान पहुंचा है. पीड़ित परिवार ने प्रशासन से आर्थिक सहायता देने की मांग उठाई है.
पीड़ित किसान भगवान दास ने बताया कि बीती रात लगभग 11 बजे के करीब वह गेहूं की थ्रेसिंग कर रहे थे. इसी बीच अंधेरा ज्यादा होने के कारण उन्होंने गेहूं की थ्रेसिंग को बन्द कर दिया और परिवार के सभी सदस्य घर चले गए.
कुछ देर बाद उन्हें पटाखों की आवाजें सुनाई दीं. बाहर निकलने पर खेतों में रखी गेहूं में आग भड़की हुई दिखाई दी. आग की लपटें काफी ऊपर तक उठ रही थी. आग की लपटों ने 15 फीट ऊपर पेड़ की टहनियों को भी जलाकर राख कर दिया. इस बीच यहां ट्रैक्टर में डालने के लिए रखे गए डीजल के डिब्बे ने भी आग पकड़ ली और देखते ही देखते ये आग थ्रेसर तक पहुचं गई. आनन-फानन में थ्रेसर को ट्रैक्टर से अलग किया गया.
गेहूं की फसल के साथ-साथ थ्रेशर भी चपेट में आ गया. थ्रेसर में लगे पट्टे व उसके टायर भी आग की भेंट चढ़ गए, जिससे थ्रेशर के मालिक को भी 50 हजार रुपये का नुकसान हुआ है. स्थानीय पटवारी ने मौके का मुआयना कर उचित मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया है.
पीड़ित किसान ने कहा कि इस अग्निकांड में उनका भारी नुकसान हुआ है. उनके नुकसान की भरपाई की जाए. वह इस मामले की शिकायत पुलिस थाने में करेंगे. हलांकि अभी तक पुलिस थाना खुंडियां में इस संबंध में कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है.