शिमला: हिमाचल की महत्वकांक्षी फिन्ना सिंह परियोजना 12 सालों में भी पूरी नहीं हो पाई हुई. सरकारें बदलती रहीं और इस बीच परियोजना की लागत 204 करोड़ से बढ़कर 646 करोड़ हो गई है. दरअसल, कांगड़ा जिले के नूरपुर की फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना वर्ष 2011 में 204 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि से शुरू हुई थी. जिसकी लागत अब बढ़कर 646 करोड़ रुपये हो गई है. इस परियोजना को पूरा करने के लिए राज्य ने अपने संसाधनों से अब तक 283 करोड़ रुपये व्यय किए हैं. राज्य सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त 350 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का आग्रह भी किया है, जिससे की परियोजना का कार्य प्राथमिक आधार पर पूरा हो सके. यह परियोजना केंद्र सरकार की भी प्राथमिकता सूची में है.
हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी बीते दिनों केंद्रीय जल आयोग यानी सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष कुशविंदर वोहरा से हुई बैठक में इस मामले को उठाया. उन्होंने राज्य की सिंचाई योजनाओं को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के बारे में विस्तार से चर्चा की. वहीं, शाह नहर परियोजना के तहत आने वाली 5000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. बैठक में मुकेश अग्निहोत्री ने इस भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए भी केंद्र सरकार से अतिरिक्त संसाधन प्रदान करने का आग्रह किया.
इन परियोजनाओं के लिए भी केंद्र से मांगी मंजूरी: मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना जिले के बीट क्षेत्र में 75 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सिंचाई योजना, चरण-दो को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि इस परियोजना के चरण-एक का कार्य राज्य ने अपने संसाधनों से पूरा कर लिया है. उन्होंने बताया कि नादौन सिंचाई योजना का शेष कार्य भी आगामी दो-तीन माह की समयावधि पर पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष को प्रदेश में मौजूदा योजनाओं के सुदृढ़ीकरण और नई सिंचाई योजनाओं के लिए संभावनाएं तलाशने और कार्यान्वयन बारे में रोडमैप तैयार करने के लिए हिमाचल आने के लिए आमंत्रित किया. इस अवसर पर उन्होंने सुखाहार और ज्वालाजी सिंचाई योजनाओं के बारे में भी आयोग के अध्यक्ष से विस्तृत चर्चा की. उन्होंने प्रदेश की खड्डों के तटीकरण के लिए वित्तीय प्रबंध बारे में भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण उपायों और खड्डों के तटीकरण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष ने प्रदेश को हरसंभव सहयोग प्रदान करने का आश्वसन दिया.
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