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जनता ने सरकार को फैसले लेने के लिए चुना है, विवेक से काम करे सरकार- GS बाली

पूर्व मंत्री जीएस बाली ने जयराम सरकार को घेरते हुए कहा कि लोगों ने सरकार फैसले लेने के लिए ही चुनी है और सरकार इसके विपरीत जनता से हर मामले में सुझाव मांग कर असमंजस की स्थिति बना रही है.

GS Bali questioned Jairam govt
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Published : Jul 28, 2020, 6:47 PM IST

धर्मशालाः प्रदेश सरकार की ओर से फिर से हिमाचल में लॉकडाउन लगाने को लेकर लोगों से सुझाव मांगें जा रहे हैं. इस पर पूर्व मंत्री जीएस बाली ने सरकार को घेरते हुए कहा कि लोगों ने सरकार फैसले लेने के लिए ही चुनी है और सरकार इसके विपरीत जनता से हर मामले में सुझाव मांग कर असमंजस की स्थिति बना रही है.

जीएस बाली ने कहा कि सरकार को अपने विवेक और जिम्मेदारी से फैसले लेने चाहिए, जो जनता के हित में हों. उन्होंने कहा कि सरकार जनता विरोधी फैसले ले लेती है और तब उसे जनता का ख्याल नहीं आता है और जब लोगों के हित में फैसला लेने पड़े तो सुझाव मांगने का ढोंग किया जाता है.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर फैसले ले और जनता के हित में फैसला लिया जाना चाहिए. पूर्व मंत्री ने कहा कि जनता से अगर सुझाव लेने हैं तो इस पर लिए जाएं कि बस का किराया बढ़े या न बढ़े, पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जाएं या न किए जाएं, एमएलए की सैलरी बढ़ें या न बढ़े. ऐसे फैसले जनता के बीच जाकर लेने चाहिए.

उन्होंने कहा की सरकार जानकरी दे कि कितने प्रतिशत लोग इसमें राय देंगे. कोरोना वायरस की महामारी के चलते लोगों को अपना गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है और इन हालातों में लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वे इसमें राय देंगे.

ये भी पढ़ें- करसोग में ही होगी कोरोना सैंपल्स की जांच, सिविल अस्पताल में इंस्टाल हुई टू नेट कोविड-19 मशीन

ये भी पढ़ें- बिजली बोर्ड ने HTRC कुल्लू को थमाया 14 लाख का बिल, विभागीय अधिकारी हैरान

धर्मशालाः प्रदेश सरकार की ओर से फिर से हिमाचल में लॉकडाउन लगाने को लेकर लोगों से सुझाव मांगें जा रहे हैं. इस पर पूर्व मंत्री जीएस बाली ने सरकार को घेरते हुए कहा कि लोगों ने सरकार फैसले लेने के लिए ही चुनी है और सरकार इसके विपरीत जनता से हर मामले में सुझाव मांग कर असमंजस की स्थिति बना रही है.

जीएस बाली ने कहा कि सरकार को अपने विवेक और जिम्मेदारी से फैसले लेने चाहिए, जो जनता के हित में हों. उन्होंने कहा कि सरकार जनता विरोधी फैसले ले लेती है और तब उसे जनता का ख्याल नहीं आता है और जब लोगों के हित में फैसला लेने पड़े तो सुझाव मांगने का ढोंग किया जाता है.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर फैसले ले और जनता के हित में फैसला लिया जाना चाहिए. पूर्व मंत्री ने कहा कि जनता से अगर सुझाव लेने हैं तो इस पर लिए जाएं कि बस का किराया बढ़े या न बढ़े, पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जाएं या न किए जाएं, एमएलए की सैलरी बढ़ें या न बढ़े. ऐसे फैसले जनता के बीच जाकर लेने चाहिए.

उन्होंने कहा की सरकार जानकरी दे कि कितने प्रतिशत लोग इसमें राय देंगे. कोरोना वायरस की महामारी के चलते लोगों को अपना गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है और इन हालातों में लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वे इसमें राय देंगे.

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