धर्मशाला: उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने बुधवार को विजय दिवस के उपलक्ष्य में भारत-पाक युद्ध की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर धर्मशाला के शहीद स्मारक में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की और शहीद सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
उन्होंने कहा कि दिसंबर 1971 में, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान सेना के खिलाफ एक निर्णायक और ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, जिससे एक नये राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म और दूसरे विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण हुआ था.
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक दिन के अवसर पर आज पूरे जिला में भारत-पाक युद्ध की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. उपायुक्त ने कहा कि सभी लोग भारतीय सैनिकों के ऋणी हैं, जो देश की सीमाओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए दिन-रात सजग प्रहरी की भूमिका निभा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश के बहादुर सैनिक मातृभूमि की रक्षा में सदैव आगे रहे हैं
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के बहादुर सैनिक मातृभूमि की रक्षा में सदैव आगे रहे हैं. भारतीय सेनाओं में कांगड़ा जिले के सैनिकों ने अतुलनीय साहस, देश भक्ति और कर्तव्य परायणता के मामले में हमेशा मिसाल कायम की है और प्रदेश तथा देश का नाम रोशन किया है.
आज का दिन इतिहास के पन्नों में लिखा गया है
एक्स जर्नल मेजर कुलवंत सिंह ने कहा कि आज का दिन इतिहास के पन्नों में लिखा गया है. आज के दिन भारत ने बंगलादेश बनाया था और पाकिस्तान के 93,000 कैदियों को बंधक बनाया था हमे आज के समय में पाकिस्तान के साथ साथ चीन से भी सावधान रहने की जरूरत है.
इस अवसर पर जिला में 1971 के युद्ध की याद में धर्मशाला, नूरपुर, नगरोटा बगवां, पालमपुर, जयसिंहपुर तथा बैजनाथ में कार्यक्रम आयोजित किये गये।इस अवसर पर उप निदेशक, सैनिक कल्याण कनवर सिंह चहल, कर्नल (सेवानिवृत्त), एसडीएम हरीश गज्जू तथा गणमान्य उपस्थित रहे.