कांगड़ा: जिला के नूरपुर के खाड़ेतर में भूस्खलन के कारण बनी झील का मुहाना टुटने से पानी का बहाव तेज हो गया है. इससे डन्नी पंचायत के कई गांव को खतरा पैदा हो गया है.
स्थानीय निवासी सुरम सिंह ने जब रविवार रात को खड्ड के तेज प्रवाह की आवाज सुनी तो उसने मौके पर जाकर देखा और इसकी सूचना एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर को दी. इसको बाद एसडीएम ने पुलिस को इस बारे सूचित किया और जल्द खेड़तर की तरफ निकल पड़े.
गौरतलब है कि 18 अगस्त को भूस्खलन के कारण खेड़तर में खड्ड बंद होने के कारण उसने कृत्रिम झील का रूप ले लिया था. इस कारण यहां पर पचास से साठ फीट तक पानी जमा हो गया. उसके बाद प्रशासन और एनडीआरएफ द्वारा झील से पानी की निकासी के लिए रास्ता बनाया गया था और डैम में छोटे छोटे छेद किये गए थे, लेकिन रविवार को उपरी क्षेत्र में हुई बारिश के चलते खड्ड में पानी का जलस्तर बढ़ने से पानी के दबाब से डैम में बनाये गए छेद एक दम से खुल कर लगभग 20 गुना ज्यादा हो गया जिससे पानी की बहाव तेज हो गया.
एसडीएम के अनुसार डैम का मुंह खुलने से पानी का बहाव तेज हो चुका हो गया था. गनीमत ये रही कि दो भारी भरकम चट्टानें मुहाने के एक तरफ फंस गई जिस कारण पानी का प्रवाह रुक कर जाने लगा. अगर ये चट्टानें नहीं होती तो निचले क्षेत्रों में तबाही होना निश्चित था. इस कारण खज्जन, जाच्छ, जसूर, छतरोली में खड्डों और नालों के किनारे रह रहे लोगों के लिए खतरा हो सकता था.
इसके लिए प्रशासन ने सोशल मीडिया और फोन कॉल के जरिये जनता को जितना सतर्क किया जा सकता था वो किया बड़ा खतरा टल गया है, लेकिन अभी भी इस खतरे से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता. इसका कारण है अभी तक भी इस झील में कई फीट पानी का जमा होना. बरसात का मौसम अभी जारी है और ऐसे में अगर उपरी क्षेत्रों में फिर से जोरदार बारिश होती है तो निचले क्षेत्रों में खतरे की तलवार फिर से लटक सकती है.
एसडीएम नूरपुर सुरिंदर ठाकुर के अनुसार वो आज एनडीआरएफ और सभी विभागों के साथ फिर उस स्थान पर जाकर स्थिति का जायजा लेंगे.
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