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KANGRA: बीते कुछ सालों से युवाओं में बढ़ा चिट्टे का यूज, पुलिस और समाज के लिए बना चैलेंज: DIG अभिषेक दुलार

हिमाचल प्रदेश में कुछ समय से नशे का प्रचलन बहुत बढ़ गया है. खासकर युवाओं में चिट्टे का काफी ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है जो कि न सिर्फ पुलिस बल्कि समाज के लिए भी चैलेंज बना हुआ है. डीआईजी अभिषेक दुलार ने कहा कि बीते कुछ सालों से पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है.

DIG Abhishek Dular on usage of Chitta in kangra
डीआईजी अभिषेक दुलार
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Published : Apr 12, 2023, 7:20 PM IST

डीआईजी अभिषेक दुलार

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में युवाओं के बीच नशे का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में पुलिस आए दिन इन नशा तस्करों पर शिकंजा कसने का प्रयास कर रही है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की नाक लगे ये नशा कारोबारी अपना धंधा चलाए हुए हैं. इन दिनों आए दिन प्रदेश के हर कोने से नशा कारोबारियों को पकड़ उनके मंसूबों पर पुलिस पानी फेर रही है. हिमाचल में नशा के कारोबार को पूरी तरह जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस द्वारा कई तरह के विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं. बाबजूद इसके प्रदेश में नशे का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. युवाओं का नशे के प्रति बढ़ता आकर्षण पुलिस और समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है.

'बीते कुछ सालों में बढ़ा नशे का प्रचलन': इसे लेकर नार्थन रेंज के डीआईजी अभिषेक दुलार ने कहा कि नशे का बढ़ता प्रचलन, विशेषकर युवाओं में चिट्टे का इस्तेमाल पुलिस के साथ-साथ समाज के लिए भी चैलेंज बना हुआ है. आए दिन नशे से जुड़े गंभीर मामले सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व के वर्षों की बात करें तो विशेषकर चिट्टे के मामले बॉर्डर एरिया में ही प्रकाश में आते थे, लेकिन अब जिला कांगड़ा के विभिन्न स्थानों पर चिटटे की बरामदगी के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि पुलिस द्वारा नशे को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, इसके बावजूद नशे का प्रचलन लगातार बढ़ता जा रहा है.

'सजा के साथ नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टी अटेचमेंट का प्रावधान': डीआईजी अभिषेक दुलार ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट की बात करें तो इसमें सजा के साथ-साथ नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टीज को अटैच करने का भी प्रावधान है. जिसके तहत जिला पुलिस ने कई नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टीज अटैच भी की हैं, लेकिन इसके बावजूद नशा कारोबारी इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस की ओर से यह प्रयास रहता है कि ऐसे सोर्सिस का पता लगाया जाए, जहां से नशा सप्लाई होता है और कहां-कहां बेचा जाता है. ऐसे स्थानों का पता लगाया जाए जहां नशा ज्यादा इस्तेमाल होता है और ऐसे एरिया चिन्हित किए जाएं, जो कि नशे के हब बन चुके हैं. ऐसी जानकारियां जुटाकर पुलिस कार्रवाई अमल में लाती है.

'एडिक्टिव होता है चिट्टे का प्रयोग': डीआईजी अभिषेक दुलार ने कहा कि नशे को बढने से कैसे रोकें, इसके लिए पुलिस की ओर से हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं. युवा पीढ़ी नशे को ज्यादा यूज कर रही है. चिट्टे का प्रयोग बहुत ज्यादा एडिक्टिव होता है, सेहत को खराब करता है और यह परिवार से लेकर समाज को नुकसान पहुंचाता है. डीआईजी का कहना है कि एनडीपीएस कानून के तहत जहां सजा का प्रावधान है, वहीं प्रॉपर्टी अटेचमेंट के भी प्रावधान हैं. जिसके तहत नशे के कारोबार में लिप्त लोगों की प्रॉपर्टी अटैच की जा सकती है और ऐसे मामलों में पुलिस ने काफी प्रॉपर्टी अटैच भी की है.

ये भी पढ़ें: डीसी कांगड़ा ने जिले में नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों में CCTV कैमरा लगाने के दिए आदेश

डीआईजी अभिषेक दुलार

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में युवाओं के बीच नशे का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में पुलिस आए दिन इन नशा तस्करों पर शिकंजा कसने का प्रयास कर रही है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की नाक लगे ये नशा कारोबारी अपना धंधा चलाए हुए हैं. इन दिनों आए दिन प्रदेश के हर कोने से नशा कारोबारियों को पकड़ उनके मंसूबों पर पुलिस पानी फेर रही है. हिमाचल में नशा के कारोबार को पूरी तरह जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस द्वारा कई तरह के विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं. बाबजूद इसके प्रदेश में नशे का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. युवाओं का नशे के प्रति बढ़ता आकर्षण पुलिस और समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है.

'बीते कुछ सालों में बढ़ा नशे का प्रचलन': इसे लेकर नार्थन रेंज के डीआईजी अभिषेक दुलार ने कहा कि नशे का बढ़ता प्रचलन, विशेषकर युवाओं में चिट्टे का इस्तेमाल पुलिस के साथ-साथ समाज के लिए भी चैलेंज बना हुआ है. आए दिन नशे से जुड़े गंभीर मामले सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व के वर्षों की बात करें तो विशेषकर चिट्टे के मामले बॉर्डर एरिया में ही प्रकाश में आते थे, लेकिन अब जिला कांगड़ा के विभिन्न स्थानों पर चिटटे की बरामदगी के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि पुलिस द्वारा नशे को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, इसके बावजूद नशे का प्रचलन लगातार बढ़ता जा रहा है.

'सजा के साथ नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टी अटेचमेंट का प्रावधान': डीआईजी अभिषेक दुलार ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट की बात करें तो इसमें सजा के साथ-साथ नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टीज को अटैच करने का भी प्रावधान है. जिसके तहत जिला पुलिस ने कई नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टीज अटैच भी की हैं, लेकिन इसके बावजूद नशा कारोबारी इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस की ओर से यह प्रयास रहता है कि ऐसे सोर्सिस का पता लगाया जाए, जहां से नशा सप्लाई होता है और कहां-कहां बेचा जाता है. ऐसे स्थानों का पता लगाया जाए जहां नशा ज्यादा इस्तेमाल होता है और ऐसे एरिया चिन्हित किए जाएं, जो कि नशे के हब बन चुके हैं. ऐसी जानकारियां जुटाकर पुलिस कार्रवाई अमल में लाती है.

'एडिक्टिव होता है चिट्टे का प्रयोग': डीआईजी अभिषेक दुलार ने कहा कि नशे को बढने से कैसे रोकें, इसके लिए पुलिस की ओर से हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं. युवा पीढ़ी नशे को ज्यादा यूज कर रही है. चिट्टे का प्रयोग बहुत ज्यादा एडिक्टिव होता है, सेहत को खराब करता है और यह परिवार से लेकर समाज को नुकसान पहुंचाता है. डीआईजी का कहना है कि एनडीपीएस कानून के तहत जहां सजा का प्रावधान है, वहीं प्रॉपर्टी अटेचमेंट के भी प्रावधान हैं. जिसके तहत नशे के कारोबार में लिप्त लोगों की प्रॉपर्टी अटैच की जा सकती है और ऐसे मामलों में पुलिस ने काफी प्रॉपर्टी अटैच भी की है.

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