धर्मशाला: राज्य सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद सरकारी विभागों में भ्रष्ट अधिकारी घूस लेने से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला कागड़ा जिले के धर्मशाला से हैं, जहां विजिलेंस विभाग नॉर्थ जोन धर्मशाला की टीम ने लोक निर्माण विभाग के एक क्लर्क को घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा लिया. मामले में विजिलेंस ने आरोपी क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.
मिली जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग जवाली के कार्यकारी अभियंता कार्यालय में कार्यरत बिल क्लर्क को विजिलेंस टीम ने 500 रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. विजिलेंस विभाग के एसपी बलवीर सिंह ने बताया कि पीएस एसवी और एसीबी धर्मशाला में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 7 के तहत कैलाश चंद खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यू क्लर्क कैलाश चंद ने सेवानिवृत्त कर्मचारी बलजीत सिंह से जीआईएस फंड के भुगतान करने के लिए एवज में 500 रुपये की रिश्वत मांगी थी. बलजीत सिंह की शिकायत पर क्लर्क कैलाश चंद को रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया. उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता बलजीत सिंह साल 2020 में चालक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं.
पीडब्ल्यूडी जवाली के कार्यकारी अभियंता कार्यालय में क्लर्क कैलाश चन्द ने सेवानिवृत्त कर्मचारी बलजीत सिंह से जीआईएस फंड के भुगतान करने पर ₹500 की रिश्वत मांगी. विजिलेंस टीम ने 500 रुपये घूस लेते हुए कार्यरत बिल क्लर्क को रंगे हाथों पकड़ा. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत आरोपी क्लर्क को गिरफ्तार कर लिया गया है, आगामी कार्रवाई जारी है. - बलबीर सिंह, एसपी विजिलेंस
विजिलेंस विभाग के एसपी बलवीर सिंह ने जिला कांगड़ा के लोगों से अपील किया कि अगर जिले में कहीं भी इस तरह का भ्रष्टाचार हो रहा है और कोई भी सरकारी व गैर सरकारी कर्मचारी काम करवाने की एवज में पैसे की मांग कर रहा है तो, उसकी सीधी शिकायत विजिलेंस थाना धर्मशाला में करें. उन्होंने कहा कि अगर विजिलेंस के पास भ्रष्टाचार की कोई भी शिकायत आती है तो, शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए विजिलेंस दोषी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाएगी.
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