धर्मशाला: इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से एचआरटीसी डिपो धर्मशाला की आय में 3 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज हुई है. वहीं, डीजल बसों के मुकाबले इलेक्ट्रिक बसें फायदे का सौदा साबित हो रही हैं. डीजल बस में जहां एक किलोमीटर में 24 रुपये खर्च आता है, वहीं इलेक्ट्रिक बस 7 रुपये में एक किलोमीटर दौड़ रही है. यानी डीजल के मुकाबले इलेक्ट्रिक बस में एक किलोमीटर में ही 17 रुपये की बचत दर्ज की गई है. मई माह में एचआरटीसी डिपो धर्मशाला के बेड़े में 15 इलेक्ट्रिक बसें शुमार हुई थी, तब से इन बसों का धर्मशाला व आसपास के क्षेत्रों के 48 के करीब रूटों पर संचालन किया जा रहा है.
वर्तमान में जिन बसों का संचालन किया जा रहा है, उन्हें एक बार चार्ज करके 150 किलोमीटर तक दौड़ाया जा सकता है. यही नहीं ढलान (उतराई) में यह बसें खुद-ब-खुद चार्ज भी होती हैं. लंबे रूट पर इलेक्ट्रिक बसों को दौड़ाने की बात करें तो इसके लिए बड़ी बैटरी की जरूरत होगी, जो कीमती भी होगी. लंबे रूटों पर इलेक्ट्रिक बसों के संचालन हालांकि पॉलिसी डिसीजन है, जिस बारें में निगम प्रबंधन निर्णय ले सकता है, लेकिन उसके लिए बैटरी भी बड़ी चाहिए होगी.
उदाहरण के तौर पर यदि दिल्ली के लिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करना होगा तो बैटरी ऐसी चाहिए, जो कि एक बार चार्ज पर 500 किलोमीटर तक का सफर करे. यह अभी भविष्य की बातें हैं, फिलहाल वर्तमान में निगम के धर्मशाला डिपो में सुचारु तरीके से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है.
एचआरटीसी डिवीजन धर्मशाला के डिवीजनल मैनेजर पंकज चड्ढा का कहना है कि "इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से धर्मशाला डिपो की आय 3 फीसदी बढ़ी है. डीजल बस जहां 24 रुपये में एक किलोमीटर दौड़ती है, वहीं इलेक्ट्रिक बस का एक किलोमीटर का खर्च 7 रुपये आ रहा है. ऐसे में इन बसों के माध्यम से 17 रुपये प्रति किलोमीटर की सीधी बचत हो रही है. लंबे रूट पर इन बसों का संचालन की बात पॉलिसी डिसीजन है."
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