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हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता पर सरकार का विशेष ध्यान: चंद्र कुमार

डिग्री कॉलेज धर्मशाला में आज सीटी ग्रुप प्रबंधन की ओर से नई शिक्षा नीति की डिकोडिंग और स्वास्थ्य एवं कल्याण इत्यादि का सम्मेलन आयोजित किया. कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने सम्मेलन में शिरकत की. कृषि मंत्री ने कार्यक्रम में शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष बल दिया. पढ़ें पूरी खबर...

Decoding of Education Policy in CT Group Management Conference in Dharamshala.
धर्मशाला में सीटी समूह प्रबंधन सम्मेलन में शिक्षा नीति की डिकोडिंग.
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Published : May 22, 2023, 6:14 PM IST

चौधरी चंद्र कुमार, कृषि मंत्री

धर्मशाला: जिला कांगड़ा में सीटी ग्रुप प्रबंधन की और से सोमवार को डिग्री कॉलेज धर्मशाला के सभागार में नवाचार, नई शिक्षा नीति की डिकोडिंग, स्वास्थ्य एवं कल्याण, कौशल विकास पर सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में प्रदेश के कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने मुख्यातिथि के रुप शामिल हुए. सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों मुख्य भाषण व पैनल पर चर्चा की गई और युवाओं के भविष्य को संवारने में उद्योग और नवाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण, कौशल विकास और खेल की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया.

सीटी ग्रुप में 75 से ज्यादा पाठ्यक्रम शामिल: सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र जारी किए गए. सीटी ग्रुप प्रबंधन द्वारा इंजीनियरिंग, वास्तुकला, फार्मेसी, कंप्यूटर अनुप्रयोग, होटल प्रबंधन, एयरलाइंस पर्यटन और आतिथ्य प्रबंधन, फैशन डिजाइनिंग, वाणिज्य और शिक्षा आदि में 75 से अधिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है. इस मौके पर पत्रकार वार्ता में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि सीटी ग्रुप प्रबंधन यह एक अच्छा प्रयास किया गया है, जिसमें युवाओं को आगे की शिक्षा से सबंधित दिशा निर्देश दिया जा रहा है.

शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष बल: कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. स्कूलों व कॉलेजों में बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाने में प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा विशेष योजनाओं के तहत काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी तो हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा को केंद्रीय विश्वविद्यालय दिया गया था, परंतु यह दुर्भाग्य है कि अभी तक केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थाई कैंपस तक तैयार नहीं हुआ है. चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि आज देश में ज्यादा से ज्यादा विश्वविद्यालय खुले हैं तथा हिमाचल में इनके कैंपस खोले गए है. प्राइवेट सेक्टर में भी इंस्टीट्यूशन ऑफ एक्सीलेंस आने चाहिए, ताकि भविष्य में बच्चों को हम अच्छी शिक्षा प्रदान कर सकें.

ये भी पढ़ें: International Museum Day 2023: कांगड़ा कला संग्रहालय में आज और कल छात्रों को सिखाई जाएंगी लुप्त होती कलाएं

चौधरी चंद्र कुमार, कृषि मंत्री

धर्मशाला: जिला कांगड़ा में सीटी ग्रुप प्रबंधन की और से सोमवार को डिग्री कॉलेज धर्मशाला के सभागार में नवाचार, नई शिक्षा नीति की डिकोडिंग, स्वास्थ्य एवं कल्याण, कौशल विकास पर सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में प्रदेश के कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने मुख्यातिथि के रुप शामिल हुए. सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों मुख्य भाषण व पैनल पर चर्चा की गई और युवाओं के भविष्य को संवारने में उद्योग और नवाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण, कौशल विकास और खेल की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया.

सीटी ग्रुप में 75 से ज्यादा पाठ्यक्रम शामिल: सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र जारी किए गए. सीटी ग्रुप प्रबंधन द्वारा इंजीनियरिंग, वास्तुकला, फार्मेसी, कंप्यूटर अनुप्रयोग, होटल प्रबंधन, एयरलाइंस पर्यटन और आतिथ्य प्रबंधन, फैशन डिजाइनिंग, वाणिज्य और शिक्षा आदि में 75 से अधिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है. इस मौके पर पत्रकार वार्ता में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि सीटी ग्रुप प्रबंधन यह एक अच्छा प्रयास किया गया है, जिसमें युवाओं को आगे की शिक्षा से सबंधित दिशा निर्देश दिया जा रहा है.

शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष बल: कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. स्कूलों व कॉलेजों में बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाने में प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा विशेष योजनाओं के तहत काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी तो हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा को केंद्रीय विश्वविद्यालय दिया गया था, परंतु यह दुर्भाग्य है कि अभी तक केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थाई कैंपस तक तैयार नहीं हुआ है. चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि आज देश में ज्यादा से ज्यादा विश्वविद्यालय खुले हैं तथा हिमाचल में इनके कैंपस खोले गए है. प्राइवेट सेक्टर में भी इंस्टीट्यूशन ऑफ एक्सीलेंस आने चाहिए, ताकि भविष्य में बच्चों को हम अच्छी शिक्षा प्रदान कर सकें.

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