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सावन के अंतिम सोमवार पर कालेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, हर-हर महादेव से गूंजा शिवालय

अंतिम सोमवार को श्रद्धालुओं ने कालेश्वर महादेव मंदिर में दूध, जल, बिल व बेलपत्रों के साथ भगवान भोले की पूजा की. श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए मंदिर प्रशासन ने भी सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

कालेश्वर महादेव मंदिर
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Published : Aug 12, 2019, 3:16 PM IST

ज्वालामुखी: गरली के समीप पाण्डवों की तपोभूमि ऐतिहासिक तीर्थ स्थल कालेश्वर महादेव में श्रावण मास के चौथे एवं अंतिम सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. श्रद्धालु सुबह से ही भोले के दरबार मे हाजिरी लगाने पहुंचे हुए थे. सभी श्रद्धालुओं ने लम्बी-लम्बी कतारों में खड़े होकर भोले बाबा के दर्शन किए.

श्रद्धालुओं ने दूध, जल, बिल व बेलपत्रों के साथ भोलेनाथ की पूजा की. प्राचीन मंदिर के प्रति लोगों की आस्था इतनी गहरी है कि बारिश भी यहां श्रद्धालुओं के कदम भोले बाबा के दर्शन करने से नहीं रोक पाई.

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पंजाब से लेकर अन्य बाहरी राज्यों से श्रद्धालु यहां भोले शंकर के दर्शन के लिए आए थे. मंदिर प्रशासन द्वारा भी भक्तों की भीड़ व उनकी सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

बता दें कि इससे पहले कालेश्वर महादेव मंदिर के निकट अज्ञातवास के समय पाडवों द्वारा निकाले गए प्रवित्र स्नान सरोवर पंचतीर्थि के जल में करीब बीस से तीस हजार भक्तों ने डुबकी लगाई.

ये भी पढ़े: स्मार्ट सिटी में ईद-उल-अजहा की धूम, लोगों ने नमाज अदा करने के बाद एक-दूसरे को दी बधाई

ज्वालामुखी: गरली के समीप पाण्डवों की तपोभूमि ऐतिहासिक तीर्थ स्थल कालेश्वर महादेव में श्रावण मास के चौथे एवं अंतिम सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. श्रद्धालु सुबह से ही भोले के दरबार मे हाजिरी लगाने पहुंचे हुए थे. सभी श्रद्धालुओं ने लम्बी-लम्बी कतारों में खड़े होकर भोले बाबा के दर्शन किए.

श्रद्धालुओं ने दूध, जल, बिल व बेलपत्रों के साथ भोलेनाथ की पूजा की. प्राचीन मंदिर के प्रति लोगों की आस्था इतनी गहरी है कि बारिश भी यहां श्रद्धालुओं के कदम भोले बाबा के दर्शन करने से नहीं रोक पाई.

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पंजाब से लेकर अन्य बाहरी राज्यों से श्रद्धालु यहां भोले शंकर के दर्शन के लिए आए थे. मंदिर प्रशासन द्वारा भी भक्तों की भीड़ व उनकी सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

बता दें कि इससे पहले कालेश्वर महादेव मंदिर के निकट अज्ञातवास के समय पाडवों द्वारा निकाले गए प्रवित्र स्नान सरोवर पंचतीर्थि के जल में करीब बीस से तीस हजार भक्तों ने डुबकी लगाई.

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Intro:सावन के अंतिम सोमबार को कालेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

दूध, जल, बिल व बेलपत्रों से श्रद्धालुओं ने की भोले की पूजा
सुबह से ही मन्दिर में दर्शनों को पहुंचे श्रद्धालु, सफाई व्यवस्था को ओर दरुस्त करने की उठाई मांग
सुबह से हो रही झमाझम बारिश भी यहां श्रद्धालुओ के कदम भोले बाबा के दर्शन करने से नही रोक पाईBody:
ज्वालामुखी, 12 अगस्त (नितेश): गरली के निकटवर्ती पाण्डवों की तपोभूमि ऎतिहासिक तीर्थ स्थल कालेश्बर महादेव में श्राबण मास के चौथे एंव अंतिम सोमबार को मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालु सुबह से ही भोले के दरबार मे हाज़िरी लगाने पहुंचे हुए थे। सभी श्रद्धालुओ ने लाइन में लगकर भोले बाबा के दर्शन किए ओर भगवान से अपने उज्ज्वल भविष्य की मनोकामनाएं की। इस दौरान श्रद्धालुओ ने दूध, जल, बिल व वेलपत्रों के साथ भोले की पूजा की। मन्दिर में सफाई व्यवस्था को लेकर भी श्रद्धालुओं ने प्रशासन की तारीफ की है। हालांकि कुछेक श्रद्धालुओं ने कहा कि कालेश्वर महादेव मंदिर व इसके आसपास सफाई व्यवस्था कुछ हद तक ठीक है, लेकिन इसे पटरी पर लाने की ओट जरूरत है।
इस प्राचीन मंदिर के प्रति लोगों की आस्था इस कदर भारी है कि सोमबार सुबह से हो रही झमाझम बारिश भी यहां श्रद्धालुओ के कदम भोले बाबा के दर्शन करने से नही रोक पाई। भक्त बारिश के बाबजूद यहां लाइनों में जड़े रहे। हालांकि इस बीच कुछ महिलाओं जंर मंदिर प्रशासन से यहाँ रेन बसेरा बनाने की बात कही, ताकि बारिश के दौरान लोग वहां खड़े हो सके। मन्दिर के प्रति लोगों की आस्था इतनी है कि कई श्रद्धालु ऐसे देखे गए जो तकरीबन 20 से अधिक वर्षों से यहां मन्दिर में आ रहे है। पंजाब से लेकर अन्य बाहरी राज्यों से श्रद्धालु यहां भोले शंकर के दर्शनों के लिए आये थे। इधर मन्दिर प्रशासन द्वारा भी भक्तों की भीड़ व उनकी सुविधा के लिए यहां व्यापक प्रभन्ध किये रहे, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। पुलिस कर्मियों सहित मन्दिर के कर्मचारियों द्वारा सभी श्रद्धालुओ को यहां श्रद्धा पूर्वक भोले के दर्शन करवाए गए।


भीड़ ऐसी की खड़े होने के लिए भी कम पड़ी जगह
मन्दिर परिसर में भीड़ इस कदर थी कि श्रद्द्लुओं को खड़े होने के लिये जगह कम पड़ गई। वंही कई श्रद्दालुओं को यहां गर्भ गृह में बने शिवलिग के ऊपर दूध लस्सी के जलअभिषेक पर प्रशासन द्वारा लगी पाबन्दी से निराशा तो जरुर हुई लेकिन श्रद्दालुओं ने कहा की उनकी आस्था में इससे किसी तरह की कोई कमी नंही आई है।

इससे पहले कालेश्बर महादेव मन्दिर के निकट अज्ञातवास के समय पाडवों द्वारा निकाले गये प्रवित्र स्नान सरोबर पंचतीर्थि के जल में करीब बीस से तीस हजार भक्तों ने ढुबकी लगाई। इस बीच मन्दिर
में भक्तों की सुरक्षा के लिए तैनात रक्कड़ पुलिस को उन्हे काबू करने में काफी मशक्क्त करनी पड़ी।





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