ज्वालामुखी: ज्वालामुखी मंदिर में रखे गए गैर हिन्दू समुदाय के कर्मचारियों के मामले को बढ़ता देख जिलाधीश कांगड़ा ने मंदिर में लगे दोनों मुस्लिम समुदाय के कर्मचारियों को धर्मशाला शिफ्ट कर दिया है.
इस पर बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया कि प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में गैर हिन्दू समुदाय से जुड़े लोगों को रखा गया है. उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी मंदिर एक शक्ति पीठ है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने अधिकांश मंदिरों को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है. राजनेता और बाबू, हिंदू मंदिरों को अपनी निजी जागीर के रूप में चलाते हैं. मंदिर प्रशासन सीधे सीएम के अधीन आता है और गैर हिन्दू लोगों को यहां नौकरी पर रखा गया है.
मंदिर से हटाकर धर्मशाला शिफ्ट किए गए कर्मचारी
कई हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध जताया. मामला जब सामने आया, तो जिलाधीश कांगड़ा ने दोनों कर्मचारियों को मंदिर से हटाकर धर्मशाला शिफ्ट कर दिया. सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट पर डीसी कांगड़ा ने जवाब देते हुए कहा कि लोगों की भावनाओं को देखते हुए कर्मचारियों को शिफ्ट कर दिया है. डीसी कांगड़ा ने कहा कि यह कर्मचारी साल 2016 में पिछली सरकार के समय नियुक्त किए गए थे और यह मंदिर के मातृसदन में ड्यूटी पर थे. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में लिखा है कि हिमाचल के मंदिर मुख्यमंत्री के अधीन आते हैं.
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हिन्दू एंडोमेंट एक्ट 1984 का उल्लंघन
कुछ दिनों पहले विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताते हुए डीसी कांगड़ा को ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में ज्वालामुखी मंदिर में नियुक्त गैर हिन्दू कर्मचारियों को मंदिर न्यास से निकालने की बात कही गई. कार्यकर्ताओं का कहना है कि हिन्दू एंडोमेंट एक्ट 1984 के अनुसार हिन्दू मंदिर में कोई भी गैर हिन्दू कार्यकर्ता नहीं रखा जा सकता है.
हिन्दुओं की आस्था को गहरी चोटः विश्व हिन्दू परिषद
विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि इससे हिन्दुओं की आस्था को गहरी चोट पहुंची है. हिमगिरी हिंदू महासभा का कहना है कि श्री ज्वालामुखी शक्तिपीठ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है और यहां पर बतौर लंगर सेवादार मुस्लिम कर्मी प्रशासन द्वारा रखे जानबूझकर रखे गए, ताकि हिंदुओं की आस्था को करारी चोट पंहुचे. यह संगठन भी ज्ञापन देकर अपना विरोध जता चुका है. हिन्दू संगठनों का यही मानना है कि गैर हिन्दू मंदिर में नहीं रखे जा सकते. फिलहाल जिलाधीश ने मामले को बढ़ता देख दोनों कर्मचारियों को मंदिर से हटा दिया है.
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