कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश होने के कारण ब्यास नदी पर बने पौंग बांध का जलस्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था जिसको लेकर बीबीएमबी ने पौंग बांध से पानी छोड़ने का निर्णय लिया था. अब जब ऐसे में पौंग बांध से पानी छोड़ा जा रहा है तो पौंग बांध के निचले क्षेत्रों मे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. वहीं, मंड क्षेत्र के कई लोग भी फंस गए हैं जिनको एयरफोर्स के द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा जा रहा है. वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हेलीकाप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण कर राहत शिविर में जाकर लोगों का हाल जाना.
सीएम सुक्खू ने बाढ़ से ग्रसित लोगों का जाना हाल: प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहुंचकर बाढ़ से ग्रसित लोगों का कुशलक्षेम जाना. वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैंने बाढ़ से ग्रसित मंड क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया मंड में काफी भयावक स्थिति है. उन्होंने कहा कि इंदौरा और फतेहपुर कि 19 पंचायतें बाढ़ से काफी प्रभावित हुई है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जो बच्चे अब स्कूल नहीं जा सकते उन बच्चों को एक्स्ट्रा पढ़ाई करवाई जाएगी और मुझे नहीं लगता कि अगले 5 से 7 दिनों में स्कूल खुलेंगे और जिनकी फसलें उजड़ी है उनको फसल का उचित मुआवजा दिया जाएगा.
'मंड में काफी भयावह स्थिति है. इंदौरा और फतेहपुर कि 19 पंचायतें बाढ़ से काफी प्रभावित हुई है. जिनकी फसलें उजड़ी है उनको फसल का उचित मुआवजा दिया जाएगा.' :- सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री
हवाई मार्ग और बोट के माध्यम से किया जा रहा रेस्क्यू: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा की बाढ़ से प्रभावित एक-एक परिवार जिसकी फसल उजड़ी है उन सभी को मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बाढ़ में फंसे लोगों की जान को बचाने के लिए एयरफोर्स, एनडीआरएफ के पुलिस में जवान मुख्य भूमिका निभा रहे है. वहीं, पौंग डैम से पानी छोड़े जाने के कारण मंड क्षेत्र पूरी तरह से सड़क मार्ग से कट चुका है और इस क्षेत्र में फंसे लोगों को केवल हवाई मार्ग और बोट के माध्यम से ही रेस्क्यू किया जा रहा है.
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