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लोकतंत्र में विपक्ष का आवाज उठाना वाजिब: मुख्यमंत्री - सीएम जयराम ठाकुर

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सीएम जयराम ठाकुर ने विपक्ष के सवाल उठाने सही ठहराया. सीएम ने सदन की सिटिंग बढ़ाने पर भी विचार करना को लेकर दिया बयान.

CM jairam on last day of winter session
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सीएम जयराम ठाकुर
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Published : Dec 14, 2019, 11:41 PM IST

धर्मशालाः लोकतंत्र का मंदिर में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सीएम जयराम ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि सदन लोकतंत्र का मंदिर है और जनता की सेवा का रास्ता यहीं से निकलता है. सदन का अहम योगदान मुद्दों को हल करने में रहता है.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि नियम को रद्द करना अच्छा रिवाज नहीं है, ऐसे में सदन की 35 सिटिंग तो हों ही, लेकिन अगर सब सहमत हों तो हमें सदन की सिटिंग बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिए.

सीएम ठाकुर ने कहा कि सदन में अहम प्रश्न व प्रस्ताव आए हैं और इन पर अच्छी चर्चा भी हुई है. लोकतंत्र में हर कोई किसी पक्ष से सहमत नहीं हो सकता, इसलिए विपक्ष का आवाज उठाना भी स्वभाविक है. इसे हम मानकर ही चलते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

विधानसभा में दो दिन व्यवधान रहा, उसके बाद प्रयास हुआ और कार्यवाही ठीक चली है. सीएम ने विधानसभा अध्यक्ष, सदन के सदस्यों, कर्मचारियों व मीडिया सहित सभी का आभार जताते हुए कहा कि बजट सत्र में प्रमुख चर्चाओं पर फिर जल्द मिलेंगे.

सीएम जयराम ठाकुर ने नाटी के वायरल वीडियो पर कहा कि मैं आहत हूं, मन को चोट लगी है. हिमाचल की संस्कृति को बढ़ावा देना क्या कोई गुनाह है, ऐसा नहीं होना चाहिए. संस्कृति से अलग हटकर कुछ नहीं किया है, लोक संपर्क विभाग के कलाकार ने पहाड़ी गीत प्रस्तुत किया, उस पर नाटी डाली, जो प्रदेश की संस्कृति है.

इस बार सरकार का प्रयास रहा कि पक्ष-विपक्ष में मुद्दों पर बहस रहती है, ऐसे में सभी मिलकर एक जगह इकटठे हों और फुर्सत के क्षणों में भोजन किया जाए. यह प्रयास सफल रहा, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए, बावजूद इसके खबर बन गई, सोशल मीडिया पर कई कुछ लिखा गया, इससे मन को पीड़ा हुई.

धर्मशालाः लोकतंत्र का मंदिर में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सीएम जयराम ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि सदन लोकतंत्र का मंदिर है और जनता की सेवा का रास्ता यहीं से निकलता है. सदन का अहम योगदान मुद्दों को हल करने में रहता है.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि नियम को रद्द करना अच्छा रिवाज नहीं है, ऐसे में सदन की 35 सिटिंग तो हों ही, लेकिन अगर सब सहमत हों तो हमें सदन की सिटिंग बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिए.

सीएम ठाकुर ने कहा कि सदन में अहम प्रश्न व प्रस्ताव आए हैं और इन पर अच्छी चर्चा भी हुई है. लोकतंत्र में हर कोई किसी पक्ष से सहमत नहीं हो सकता, इसलिए विपक्ष का आवाज उठाना भी स्वभाविक है. इसे हम मानकर ही चलते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

विधानसभा में दो दिन व्यवधान रहा, उसके बाद प्रयास हुआ और कार्यवाही ठीक चली है. सीएम ने विधानसभा अध्यक्ष, सदन के सदस्यों, कर्मचारियों व मीडिया सहित सभी का आभार जताते हुए कहा कि बजट सत्र में प्रमुख चर्चाओं पर फिर जल्द मिलेंगे.

सीएम जयराम ठाकुर ने नाटी के वायरल वीडियो पर कहा कि मैं आहत हूं, मन को चोट लगी है. हिमाचल की संस्कृति को बढ़ावा देना क्या कोई गुनाह है, ऐसा नहीं होना चाहिए. संस्कृति से अलग हटकर कुछ नहीं किया है, लोक संपर्क विभाग के कलाकार ने पहाड़ी गीत प्रस्तुत किया, उस पर नाटी डाली, जो प्रदेश की संस्कृति है.

इस बार सरकार का प्रयास रहा कि पक्ष-विपक्ष में मुद्दों पर बहस रहती है, ऐसे में सभी मिलकर एक जगह इकटठे हों और फुर्सत के क्षणों में भोजन किया जाए. यह प्रयास सफल रहा, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए, बावजूद इसके खबर बन गई, सोशल मीडिया पर कई कुछ लिखा गया, इससे मन को पीड़ा हुई.

Intro:धर्मशाला- शीत सत्र के समापन पर अपने संबोधन में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन लोकतंत्र का मंदिर है और जनता की सेवा का रास्ता यहीं से निकलता है। सदन का अहम योगदान मुद्दों को हल करने में रहता है। नियम को रद्द करना अच्छा रिवाज नहीं है, ऐसे में सदन की 35 सिटिंग तो हों ही, लेकिन अगर सब सहमत हों तो हमें सदन की सिटिंग बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिए। 







Body:उन्होंने कहा कि सदन में अहम प्रश्न व प्रस्ताव आए हैं। अच्छी चर्चा हुई है। लोकतंत्र में हर कोई किसी पक्ष से सहमत नहीं हो सकता, इसलिए विपक्ष का आवाज उठाना भी स्वभाविक है, इसे हम मानकर ही चलते हैं। दो दिन व्यवधान रहा, उसके बाद प्रयास हुआ और कार्यवाही ठीक चली है। सीएम ने विधानसभा अध्यक्ष, सदन के सदस्यों, कर्मचारियों व मीडिया सहित सभी का आभार जताते हुए कहा कि बजट सत्र में प्रमुख चर्चाओं पर फिर जल्द मिलेंगे।



Conclusion:सीएम जयराम ठाकुर ने नाटी के वायरल वीडियो पर कहा कि मैं आहत हूं, मन को चोट लगी है। हिमाचल की संस्कृति को बढ़ावा देना क्या कोई गुनाह है, ऐसा नहीं होना चाहिए। संस्कृति से अलग हटकर कुछ नहीं किया है, लोक संपर्क विभाग के कलाकार ने पहाड़ी गीत प्रस्तुत किया, उस पर नाटी डाली, जो प्रदेश की संस्कृति है। इस बार सरकार का प्रयास रहा कि पक्ष-विपक्ष में मुद्दों पर बहस रहती है, ऐसे में सभी मिलकर एक जगह इकटठे हों और फुर्सत के क्षणों में भोजन किया जाए।  यह प्रयास सफल रहा, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए, बावजूद इसके खबर बन गई, सोशल मीडिया पर कई कुछ लिखा गया, इससे मन को पीड़ा हुई। 


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