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सीटू ने सिहोटु पंचायत में किया प्रदर्शन, सरकार से की ये मांग - सीटू

सीटू ने सिहोटु पंचायत में प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन अखिल भारतीय मांग दिवस के मौके पर मजदूरों की मांगों को लेकर किया गया. इसमें मजदूरों की मुख्य आठ मांगे सरकार के सामने रखी गई हैं.

Citu protest  in Sihotu Panchayat
सिहोटु पंचायत में सीटू का प्रदर्शन
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Published : Jul 13, 2020, 7:26 PM IST

पालमपुर: अखिल भारतीय निर्माण मजदूर फेडरेशन के आहवान पर जिला कांगड़ा में भी सीटू से संबंधित भवन निर्माण मजदूर यूनियन ने कई जगहों पर धरना प्रदर्शन किए. ये धरना अखिल भारतीय मांग दिवस के मौके पर सुलह विधानसभा की सिहोटु पंचायत में मजदूरों की मांगों को लेकर प्रर्दशन किया गया.

जिला कांगड़ा सीटू के अध्यक्ष केवल कुमार ने सरकार के सामने आठ मुख्य मांगें रखी हैं. इसमें निर्माण मजदूर कल्याण कानून और अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिक कानून का विलय अन्य कानून के साथ ना होने, निर्माण उद्योग बचाओ व निर्माण क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश बढ़ाओ की मांग, निर्माण सामग्री की मूल्य वृद्धि कम करो व निर्माण के लिए कच्चे माल से प्रतिबंध हटाओ की मांग शामिल है.

वीडियो.

वहीं, आयकर सीमा में नहीं आने वाले सभी श्रमिकों को 6 महीने के लिए 7500 रुपए का मासिक भुगतान करने और 6 महीने के लिए सभी लोगों को दस किलो प्रति व्यक्ति अनाज देने, श्रम कानूनों के श्रम विरोधी संशोधनों पर रोक लगाने और मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी दिए जाने की मांग की है.

केवल कुमार ने कहा कि यूनियन मांग करती है कि कोरोना महामारी व इसको रोकने में असफल रही केंद्र व राज्य सरकार की गलत नीति की वजह से ही आज मजदूर और किसान का जीना मुश्किल हो गया है. इसलिए इन मांगो को बिना देरी के माना जाए. ऐसा न करने पर सरकारों को इसका भुगतान प्रदर्शनों से झेलना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला में तय स्थानों के अलावा पोस्टर बैनर लगाने पर होगी कार्रवाई, जारी किया जाएगा नोटिस

पालमपुर: अखिल भारतीय निर्माण मजदूर फेडरेशन के आहवान पर जिला कांगड़ा में भी सीटू से संबंधित भवन निर्माण मजदूर यूनियन ने कई जगहों पर धरना प्रदर्शन किए. ये धरना अखिल भारतीय मांग दिवस के मौके पर सुलह विधानसभा की सिहोटु पंचायत में मजदूरों की मांगों को लेकर प्रर्दशन किया गया.

जिला कांगड़ा सीटू के अध्यक्ष केवल कुमार ने सरकार के सामने आठ मुख्य मांगें रखी हैं. इसमें निर्माण मजदूर कल्याण कानून और अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिक कानून का विलय अन्य कानून के साथ ना होने, निर्माण उद्योग बचाओ व निर्माण क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश बढ़ाओ की मांग, निर्माण सामग्री की मूल्य वृद्धि कम करो व निर्माण के लिए कच्चे माल से प्रतिबंध हटाओ की मांग शामिल है.

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वहीं, आयकर सीमा में नहीं आने वाले सभी श्रमिकों को 6 महीने के लिए 7500 रुपए का मासिक भुगतान करने और 6 महीने के लिए सभी लोगों को दस किलो प्रति व्यक्ति अनाज देने, श्रम कानूनों के श्रम विरोधी संशोधनों पर रोक लगाने और मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी दिए जाने की मांग की है.

केवल कुमार ने कहा कि यूनियन मांग करती है कि कोरोना महामारी व इसको रोकने में असफल रही केंद्र व राज्य सरकार की गलत नीति की वजह से ही आज मजदूर और किसान का जीना मुश्किल हो गया है. इसलिए इन मांगो को बिना देरी के माना जाए. ऐसा न करने पर सरकारों को इसका भुगतान प्रदर्शनों से झेलना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

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