धर्मशाला: केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने वीरवार को निर्वासित तिब्बती संसद परिसर में भारत के 74वें गणतंत्र दिवस पर समारोह का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रेजिडेंट पेंपा त्सेरिंग ने भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराकर कार्यक्रम की शुरूआत की. इस मौके पर सीटीए के वरिष्ठ नेतृत्व ने भाग लिया, जिसमें कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आयुक्त कर्मा दमदुल, उपाध्यक्ष डोलमा त्सेरिंग तेखंग, कलोन थरलम डोलमा चांगरा, कलोन नोरजिन डोलमा शामिल रहे.
इस मौके पर निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रेजिडेंट पेंपा त्सेरिंग ने कहा की वैसे तो तिब्बती लोग हर त्यौहार को भारत के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, लेकिन हम दो त्योहार भारत के साथ खास तौर पर मनाते हैं. पहला भारत की आजादी और दूसरा गणतंत्र दिवस. उन्होंने कहा की गणतंत्र दिवस हमारे लिए भी महत्वपूर्ण रहता है. आजादी तो भारत को 1947 में मिला थी, लेकिन आज का दिन भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा की हम सभी तिब्बती लोग भारत को गुरु मानते हैं.
उन्होंने कहा की इतिहास में बौद्ध धर्म पर कठिन दिन आए और उस समय भारत देश की सरकार और भारत के लोगों ने हमे बहुत प्यार दिया और हम तिब्बती लोगों को सहूलियतें दी. उन्होंने कहा कि भारत में अतिथि का आयो सत्कार किया जाता है और उसी भावना के साथ भारत ने आज तक हमें संभालकर रखा है. उन्होंने कहा कि मैं खुद भारत देश में ही पैदा हुआ हूं और मेरे लिए ये गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि चीन के मुद्दे को लेकर भी हर बार भारत ने तिब्बतियों का साथ दिया है. हालांकि चीन अपनी दमनकारी नीतियों और अपनी चालाकियों से बाज नहीं आता है. फिर भी भारत हर कदम पर तिब्बतियों के साथ खड़ा है.
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