धर्मशाला: मानसून सीजन के दौरान कांगड़ा जिला में बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित चार सदस्यीय केंद्रीय टीम पहुंची. केंद्रीय टीम ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार रविनेश कुमार के नेतृत्व में कांगड़ा जिला के ज्वाली, फतेहपुर और इंदौरा उपमंडल में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. केंद्रीय टीम के सदस्यों में वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के उप निदेशक महेश कुमार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपायुक्त डॉ. सुधीर सिंह भदौरिया, अंतरिक्ष विभाग के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) के वैज्ञानिक अभिनव शुक्ला शामिल रहे.
इस दौरान केंद्रीय टीम के साथ हिमाचल सरकार में विशेष सचिव आपदा प्रबंधन दुनी चंद राणा और उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल भी साथ रहे. सबसे पहले केंद्रीय दल ने ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के तहत न्यांगल तथा अनुही गांव में भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त मकानों का निरीक्षण कर नुकसान का जायजा लिया. इस दौरान टीम ने प्रभावित परिवारों से घटना के बारे में जानकारी ली. टीम ने अनुही खास में सिद्धाथा नहर बैराज और क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं का भी निरीक्षण किया.
इसके बाद केंद्रीय टीम ने इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल में पौंग बांध से अचानक अत्यधिक पानी छोड़ने की वजह से क्षेत्रों में आई बाढ़ से प्रभावित जगहों का दौरा कर नुकसान का आकलन किया. साथ ही प्रभावित परिवारों से बातचीत कर बाढ़ से उत्पन्न चुनौतियों बारे जानकारी ली. इस दौरान प्रभावित लोगों ने केंद्रीय टीम को नुकसान के बारे में विस्तार से बताया और भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अपने सुझाव भी दिए.
केंद्रीय दल ने इंदौरा उपमंडल के तहत टांडा पत्तन, मंड म्यानी तथा मंड सनौर में बाढ़ से प्रभावित सिंचाई परियोजनाओं और किसानों की फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया. इसके बाद केंद्रीय दल ने फतेहपुर उपमंडल के तहत मंड बहादपुर, अनाज मंडी पुल का भी दौरा किया. केंद्रीय दल ने पंजाब-हिमाचल को जोड़ने वाले चक्की पुल तथा इंदौरा उपमंडल के ढांगू माजरा में क्षतिग्रस्त सड़क का भी निरीक्षण किया. इससे पहले, सुबह केंद्रीय टीम ने गगल हवाई अड्डा पर जिला प्रशासन के साथ बैठक की.
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कांगड़ा जिला में बरसात के दौरान हुए नुकसान बारे टीम के समक्ष विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. डीसी ने बताया कि मानसून सीजन के दौरान जिला कांगड़ा में करीब 800 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ है. केंद्रीय टीम ने सभी विभागाध्यक्षों से विभागवार हुए नुकसान का विस्तृत ब्यौरा लिया.
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