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प्रदेश में 1 जून से शुरू होगी बस सेवा, जानिए क्या है लोगों की राय

प्रदेश सरकार ने 1 जून से बस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है. सरकार का यह निर्णय कितना सही है इसे लेकर ईटीवी भारत ने जिला कांगड़ा के लोगों की राय जाननी चाही.

कांगड़ा शहर
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Published : May 29, 2020, 8:18 PM IST

कांगड़ा: कोरोना वायरस के बीच प्रदेश सरकार ने 1 जून से बस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है. सरकार ने एचआरटीसी के साथ निजी बस ऑप्रेटर्स को सशर्त बस सेवा शुरू करने की अनुमति दी है. इन शर्तों के तहत एचआरटीसी सहित निजी बस संचालकों को करोना वायरस से बचाव संबंधी जानकारियां सवारियों को देनी होगी, बस को दिन में तीन बार सेनिटाइज करना होगा.

साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए बस में केवल 60 फीसदी ऑक्युपेंसी सुनिश्चित करनी होगी. हालांकि 60 फीसदी ऑक्युपेंसी की शर्त को लेकर निजी बस ऑपरेटर संघ ने विरोध जताया था, लेकिन परिवहन मंत्री से बैठक के बाद बस ऑपरेटर संघ 1 जून से बसें चलाने के लिए राजी हो गया है. फिलहाल प्रदेश सरकार ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

वीडियो.

सरकार का यह निर्णय कितना सही है इसे लेकर ईटीवी भारत ने जिला कांगड़ा के लोगों की राय जाननी चाही. जिला के प्रमुख व्यवसायिक कस्बा जसूर में दुकानदारों का कहना है कि सरकार का यह निर्णय सही है. उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने से लॉकडाउन है, ऐसे में दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है. जिला में अधिकतम ग्राहक ग्रामीण क्षेत्र से आता है और उनकी आवाजाही का साधन केवल बस है.

सरकार ने दुकानें तो खुलवा दी, लेकिन दुकान में ग्राहक नही पहुंचेगा तो सामान कौन खरीदेगा, इसलिए सरकार का ये निर्णय सही है. निजी कंपनी में कार्य करने वाले कपिल सिंह ने कहा कि सरकार का यह निर्णय गलत है और ऐसे समय मे अनुमति देने से स्थिति खराब हो सकती है. उन्होनें कहा कि निजी बस संचालकों को भी नुकसान होगा. लोग सोशल डिस्टेनसिंग के नियमों का उल्लंघन करेंगे जिससे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ जाएगा.

कपिल सिंह ने कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते सरकार को तब तक प्रदेश में बसें नहीं चालानी चाहिए. वहीं, एक और दुकानदान का कहना था कि सरकार ने सही निर्णय लिया है. इनका तर्क है कि लॉकडाउन की वजह से दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है. अब बाजार खुले है तो लोगों को भी आने जाने की सहूलियत होनी चाहिए।. उन्होंने कहा कि दुकानदार होने के नाते ये एक बड़ी राहत होगी क्योंकि ग्राहक दुकान में आएगा तभी लोगों की रोजी रोटी चलेगी.

उन्होंने लोगों से बसों में सफर करने के दौरान एहतियात बरतने की बात कही. मेडीकल स्टोर चलाने वाले रिजुल गुलेरिया का कहना है कि सरकार को ये निर्णय अभी नहीं लेना चाहिए था. उन्होनें कहा कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है, ऐसे में बस सेवा शुरू करके खतरा और अधिक हो जाएगा. सरकार को इस निर्णय पर गौर करना चाहिए क्योंकि इससे कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है.

कांगड़ा: कोरोना वायरस के बीच प्रदेश सरकार ने 1 जून से बस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है. सरकार ने एचआरटीसी के साथ निजी बस ऑप्रेटर्स को सशर्त बस सेवा शुरू करने की अनुमति दी है. इन शर्तों के तहत एचआरटीसी सहित निजी बस संचालकों को करोना वायरस से बचाव संबंधी जानकारियां सवारियों को देनी होगी, बस को दिन में तीन बार सेनिटाइज करना होगा.

साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए बस में केवल 60 फीसदी ऑक्युपेंसी सुनिश्चित करनी होगी. हालांकि 60 फीसदी ऑक्युपेंसी की शर्त को लेकर निजी बस ऑपरेटर संघ ने विरोध जताया था, लेकिन परिवहन मंत्री से बैठक के बाद बस ऑपरेटर संघ 1 जून से बसें चलाने के लिए राजी हो गया है. फिलहाल प्रदेश सरकार ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

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सरकार का यह निर्णय कितना सही है इसे लेकर ईटीवी भारत ने जिला कांगड़ा के लोगों की राय जाननी चाही. जिला के प्रमुख व्यवसायिक कस्बा जसूर में दुकानदारों का कहना है कि सरकार का यह निर्णय सही है. उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने से लॉकडाउन है, ऐसे में दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है. जिला में अधिकतम ग्राहक ग्रामीण क्षेत्र से आता है और उनकी आवाजाही का साधन केवल बस है.

सरकार ने दुकानें तो खुलवा दी, लेकिन दुकान में ग्राहक नही पहुंचेगा तो सामान कौन खरीदेगा, इसलिए सरकार का ये निर्णय सही है. निजी कंपनी में कार्य करने वाले कपिल सिंह ने कहा कि सरकार का यह निर्णय गलत है और ऐसे समय मे अनुमति देने से स्थिति खराब हो सकती है. उन्होनें कहा कि निजी बस संचालकों को भी नुकसान होगा. लोग सोशल डिस्टेनसिंग के नियमों का उल्लंघन करेंगे जिससे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ जाएगा.

कपिल सिंह ने कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते सरकार को तब तक प्रदेश में बसें नहीं चालानी चाहिए. वहीं, एक और दुकानदान का कहना था कि सरकार ने सही निर्णय लिया है. इनका तर्क है कि लॉकडाउन की वजह से दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है. अब बाजार खुले है तो लोगों को भी आने जाने की सहूलियत होनी चाहिए।. उन्होंने कहा कि दुकानदार होने के नाते ये एक बड़ी राहत होगी क्योंकि ग्राहक दुकान में आएगा तभी लोगों की रोजी रोटी चलेगी.

उन्होंने लोगों से बसों में सफर करने के दौरान एहतियात बरतने की बात कही. मेडीकल स्टोर चलाने वाले रिजुल गुलेरिया का कहना है कि सरकार को ये निर्णय अभी नहीं लेना चाहिए था. उन्होनें कहा कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है, ऐसे में बस सेवा शुरू करके खतरा और अधिक हो जाएगा. सरकार को इस निर्णय पर गौर करना चाहिए क्योंकि इससे कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है.

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