पालमपुर: चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिंदर कुमार चौधरी ने प्रथम संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि विश्वविद्यालय की सभी योजनाओं के केंद्र बिंदु हिमाचल प्रदेश के किसान होंगे.
उन्होंने कहा कि शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार शिक्षा के अलावा अन्य सभी अनिवार्य क्षेत्रों में काम करते हुए किसानों को उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए उचित परामर्श देने और इस पहाड़ी संस्थान को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास करेंगे.
प्रो. हरिंदर कुमार चौधरी ने कहा कि कई सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों में युवाओं को शामिल करने और प्रशिक्षित करने की योजना बनाई गई है. खासकर ग्रामीण युवाओं और अन्य जो कोविड महामारी के बाद अपने घरों को वापिस आए हैं.
कुलपति ने कहा कि पूरे प्रदेश में कृषि विज्ञान केंद्रों और शोध केंद्रों को मजबूत किया जाएगा. किसानों और उनके घरों या खेतों के बीच प्रमुख बैठकों व अन्य अनुसंधान संबंधी बैठकें आयोजित करने का फैसला लिया गया है. कुलपति ने राज्य की समृद्ध विविधता के संरक्षण के लिए और भौगोलिक संकेतक (जी आइ.) प्राप्त करने के लिए फोकस्ड काम की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि संबंधित क्षेत्र के किसानों तक लाभ पहुंचे.
कुलपति हरिंदर कुमार चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय लहसुन, अदरक, आदि जैसे उच्च संभावित फसलों पर नए शोध कार्य करेगा. साथ ही जीव विज्ञान संबंधी हस्तक्षेपों के साथ चिग्गू बकरी, चुर्री, गद्दी कुत्ते (हिमाचली हाउंड), मुर्गी पालन आदि पर विशेष शोध करेगा.
प्रो. एचके चौधरी ने कहा कि किसानों को एकल खिड़की समाधान प्रदान करने के लिए कृषि प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना करना उनका सपना है. उन्होंने कहा कि घरेलू आय बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास किए जाएंगे. शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने का प्रयास किया जाएगा.
कुलपति ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के प्रति उन पर विश्वास व्यक्त करने के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि वह अपनी पूरी क्षमता के साथ कृषक समुदाय की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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