धर्मशाला: इंडो तिब्बतन फ्रेंडशिप एसोसिएशन द्वारा पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज के टिपा में शनिवार को 26वें हिमालयन महोत्सव का शुभारंभ किया गया. दो दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति पेंपा सेरिंग व ओडिशा के सांसद सुरजीत कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे. हिमालयन महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों व तिब्बत समुदाय के कलाकारों ने सांसकृतिक कार्यक्रम पेश किया. महोत्सव में विभिन्न स्टाल भी लगाए गए हैं. (Indo Tibetan Friendship Association) (26th Himalayan Festival)
इस मौके पर निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति पेंपा सेरिंग साईकल रेस को भी हरी झंडी देकर रवाना किया और इस रेस में विजेता रहे युवाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. इंडो तिब्बतन फ्रेंडशिप एसोसिएशन का गठन वर्ष 1995 में हुआ था. स्थानीय भारतीय और तिब्बती निवासी, धर्मशाला की प्रमुख हस्तियां आईटीएफए के सदस्य हैं. इसका मुख्य उद्देश्य सदियों पुरानी भारत-तिब्बत मित्रता को बढ़ावा देने और मजबूत करना है.
इस अवसर पर निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति पेंपा सेरिंग ने कहा कि इंडो तिब्बतन फ्रेंडशिप एसोसिएशन द्वारा प्रति वर्ष हिमालयन महोत्सव का अयोजन किया जाता है, जो हम तिब्बतियों व भारतियों के लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानवता अधिकारिता दिवस और हिमालयन महोत्सव मनाने की परम्परा काफी वर्षों से चली आ रही है. जिसमें आज दिन के तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा को नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. इसकी याद में भी इसे मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भारत के कई प्रदेश भाग लेते हैं जो सभी को अच्छा लगता है. (26th Himalayan Festival In Dharamshala) (Himalayan Festival In Dharamshala)
उन्होंने कहा पहले इस महोत्सव का आयोजन बड़े स्तर पर होता था. हम चाहते हैं कि हिमाचल सरकार भी इसमें हाथ बंटाए ताकि इस महोत्सव का आयोजन पहले की भांति बड़े स्तर पर किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में पहले विदेशों के कलाकार भी भाग लेते थे परंतु फंड की कमी के कारण विदेशों के कलाकार इसमें भाग नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि तिब्बत एक बहुत बड़ा क्षेत्र हैं जहां अगल-अलग प्रकार के सांस्कृति कार्यक्रम होते हैं, इस महोत्सव में उन सभी कार्यक्रमों को पेश किया जा रहा है.
इस दौरान ओडिशा के सांसद सुरजीत कुमार ने कहा कि हमारे लिए यह कार्यक्रम बहुत खास है. भारत-तिब्बत मेत्रिक संबंधों को मजबूत करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए हम यहां सभी पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि भारत-तिब्बत के संबंध हजारों साल पुराने हैं और यह ऐसे ही रहेंगे. उन्होंने कहा चीन द्वारा तिब्बत पर किए गए कब्जे और तिब्बत में करवाए जा रहे अत्याचारों की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि सभी सांसद मिलकर भारत सरकार से मांग करेंगे कि दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए.
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