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लदरौर में सूखे जल स्त्रोत, सैंकड़ों परिवारों पर पानी का संकट

लदरौर की 5 पानी स्कीम 50 प्रतिशत व एक स्किम 60 प्रतिशत सूख गई है. इससे 5-7 दिन से सैंकड़ों परिवारों पानी की समस्या पैदा हो गई है. लोगों ने आईपीएच विभाग से अपनी पाइप लाइन को मेबा लगबलती से जोड़ने की मांग की है.

water problem in ladraur
लदरौर में सूखे जल स्त्रोत
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Published : Mar 5, 2021, 10:39 PM IST

भोरंज/हमीरपुरः जल शक्ति उपमंडल लदरौर की 5 पानी स्कीम 50 प्रतिशत व एक स्कीम 60 प्रतिशत सूख गई है. इससे 5-7 दिन से सैंकड़ों परिवारों के सामने पानी की समस्या पैदा हो गई है. लोगों ने आईपीएच विभाग से अपनी पाइप लाइन को मेबा लगबलती से जोड़ने की मांग की है.

समस्या के लिए सरकार-प्रशासन गंभीर नहीं

लोग आईपीएच विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत करवा चुके हैं. गर्मियों में भोरंज क्षेत्र की सारी योजनाएं मेवा लगवालती पेयजल योजना पर निर्भर हो जाती हैं. ऐसे में छोटी योजनाओं के उद्धार के लिये न तो प्रशासन और न ही सरकार गंभीर लग रही है. यदि ऐसा ही रहा, तो आने वाले समय मे फिर से क्षेत्र के लोग पीने के पानी के लिए तरसते नजर आएंगे. ग्रामीणों का मानना है कि हर वर्ष इसी वजह से गर्मियों में पानी की किल्लत भी उठानी पड़ रही है. इस वर्ष अधिक गर्मी है और लोगों को पानी के लिये दर दर भटकना पड़ रहा है.

वीडियो.

पढ़ें: ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहले स्थान पर शिमला

गर्मी से सूखे जल स्त्रोत

जलशक्ति विभाग के सहायक अभियंता लदरौर राजेन्द्र सिंह पठानिया का कहना है कि जल शक्ति विभाग उपमंडल के अधीन 12 पेयजल योजना है. उनमें से पांच योजनाएं उठाऊ पेयजल योजना कडोहता, उठाऊ पेयजल योजना जाड बखौटा, उठाऊ पेयजल योजना जख्योल प्रथम चरण, उठाऊ पेयजल योजना जख्योल द्वितीय चरण, उठाऊ पेयजल योजना दूण नगरौयां में लगभग 50 फीसदी पानी स्त्रोतों में कम हो गया है व मारकण्डा पेयजल योजना 60 प्रतिशत सूख गई है. इस वजह से कई गांवों में पानी की आपूर्ति तीसरे दिन कर दी गई है. राजेन्द्र सिंह पठानिया ने लोगों से अपील की है कि गर्मियों के मौसम को देखते हुए पानी का उपयोग सही ढंग से करें.

ये भी पढ़ें: कोरोना वैक्सीनेशन: मंडी में तीसरे चरण में 1.50 लाख लोगों को लगेगा कोरोना टीका

भोरंज/हमीरपुरः जल शक्ति उपमंडल लदरौर की 5 पानी स्कीम 50 प्रतिशत व एक स्कीम 60 प्रतिशत सूख गई है. इससे 5-7 दिन से सैंकड़ों परिवारों के सामने पानी की समस्या पैदा हो गई है. लोगों ने आईपीएच विभाग से अपनी पाइप लाइन को मेबा लगबलती से जोड़ने की मांग की है.

समस्या के लिए सरकार-प्रशासन गंभीर नहीं

लोग आईपीएच विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत करवा चुके हैं. गर्मियों में भोरंज क्षेत्र की सारी योजनाएं मेवा लगवालती पेयजल योजना पर निर्भर हो जाती हैं. ऐसे में छोटी योजनाओं के उद्धार के लिये न तो प्रशासन और न ही सरकार गंभीर लग रही है. यदि ऐसा ही रहा, तो आने वाले समय मे फिर से क्षेत्र के लोग पीने के पानी के लिए तरसते नजर आएंगे. ग्रामीणों का मानना है कि हर वर्ष इसी वजह से गर्मियों में पानी की किल्लत भी उठानी पड़ रही है. इस वर्ष अधिक गर्मी है और लोगों को पानी के लिये दर दर भटकना पड़ रहा है.

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गर्मी से सूखे जल स्त्रोत

जलशक्ति विभाग के सहायक अभियंता लदरौर राजेन्द्र सिंह पठानिया का कहना है कि जल शक्ति विभाग उपमंडल के अधीन 12 पेयजल योजना है. उनमें से पांच योजनाएं उठाऊ पेयजल योजना कडोहता, उठाऊ पेयजल योजना जाड बखौटा, उठाऊ पेयजल योजना जख्योल प्रथम चरण, उठाऊ पेयजल योजना जख्योल द्वितीय चरण, उठाऊ पेयजल योजना दूण नगरौयां में लगभग 50 फीसदी पानी स्त्रोतों में कम हो गया है व मारकण्डा पेयजल योजना 60 प्रतिशत सूख गई है. इस वजह से कई गांवों में पानी की आपूर्ति तीसरे दिन कर दी गई है. राजेन्द्र सिंह पठानिया ने लोगों से अपील की है कि गर्मियों के मौसम को देखते हुए पानी का उपयोग सही ढंग से करें.

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