हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में स्टाफ नर्स आत्महत्या मामले में करीब 15 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हाथ हैं. जानकारी के मुताबिक मामले में एक सीनियर वार्ड सिस्टर ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है.
इससे पहले उक्त वार्ड सिस्टर ने हमीरपुर जिला न्यायालय में अर्जी दी थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया. चूंकि मामला अब अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में भी दर्ज है. इस मामले में जमानत के लिए उसे उच्च न्यायालय जाना पड़ा.
इस मामले में पुलिस और मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. पुलिस जांच में सहयोग के बजाय अस्पताल प्रशासन ने एक सीनियर वार्ड सिस्टर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया. पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए इधर-उधर भटक रही है.
बता दें कि 3 अक्तूबर को मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स मोनिका ने अस्पताल में ड्यूटी के बाद बारल गांव में अपने किराये के कमरे में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. मोनिका ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अस्पताल के सीनियर स्टाफ पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे.
वहीं, डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा ने कहा कि पुलिस जिसे ढूंढ रही है, वह वर्तमान में छुट्टी पर चल रही है.
उधर, पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि सीनियर वार्ड सिस्टर की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम जगह-जगह दबिश दे रही है. लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है.
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