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नर्स सुसाइड मामले में वार्ड सिस्टर ने HC में लगाई जमानत की अर्जी, पुलिस अभी तक खाली हाथ - नर्स सुसाइड

मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर की स्टाफ नर्स आत्महत्या मामले में करीब 15 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हाथ हैं. जानकारी के मुताबिक मामले में  एक सीनियर वार्ड सिस्टर ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है.

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Published : Oct 22, 2019, 7:53 PM IST

हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में स्टाफ नर्स आत्महत्या मामले में करीब 15 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हाथ हैं. जानकारी के मुताबिक मामले में एक सीनियर वार्ड सिस्टर ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है.

इससे पहले उक्त वार्ड सिस्टर ने हमीरपुर जिला न्यायालय में अर्जी दी थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया. चूंकि मामला अब अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में भी दर्ज है. इस मामले में जमानत के लिए उसे उच्च न्यायालय जाना पड़ा.

इस मामले में पुलिस और मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. पुलिस जांच में सहयोग के बजाय अस्पताल प्रशासन ने एक सीनियर वार्ड सिस्टर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया. पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए इधर-उधर भटक रही है.

वीडियो.

बता दें कि 3 अक्तूबर को मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स मोनिका ने अस्पताल में ड्यूटी के बाद बारल गांव में अपने किराये के कमरे में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. मोनिका ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अस्पताल के सीनियर स्टाफ पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे.

वहीं, डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा ने कहा कि पुलिस जिसे ढूंढ रही है, वह वर्तमान में छुट्टी पर चल रही है.

उधर, पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि सीनियर वार्ड सिस्टर की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम जगह-जगह दबिश दे रही है. लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल को नशामुक्त बनाने के लिए पूर्व CM धूमल ने कही ये बात, बोले- सख्त कानून नाकाफी

हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में स्टाफ नर्स आत्महत्या मामले में करीब 15 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हाथ हैं. जानकारी के मुताबिक मामले में एक सीनियर वार्ड सिस्टर ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है.

इससे पहले उक्त वार्ड सिस्टर ने हमीरपुर जिला न्यायालय में अर्जी दी थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया. चूंकि मामला अब अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में भी दर्ज है. इस मामले में जमानत के लिए उसे उच्च न्यायालय जाना पड़ा.

इस मामले में पुलिस और मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. पुलिस जांच में सहयोग के बजाय अस्पताल प्रशासन ने एक सीनियर वार्ड सिस्टर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया. पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए इधर-उधर भटक रही है.

वीडियो.

बता दें कि 3 अक्तूबर को मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स मोनिका ने अस्पताल में ड्यूटी के बाद बारल गांव में अपने किराये के कमरे में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. मोनिका ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अस्पताल के सीनियर स्टाफ पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे.

वहीं, डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा ने कहा कि पुलिस जिसे ढूंढ रही है, वह वर्तमान में छुट्टी पर चल रही है.

उधर, पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि सीनियर वार्ड सिस्टर की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम जगह-जगह दबिश दे रही है. लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है.

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Intro:नर्स सुसाइड मामले में वार्ड सिस्टर ने हाई कोर्ट में लगाई जमानत की अर्जी, पुलिस अभी तक खाली हाथ
हमीरपुर.
मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर की स्टाफ नर्स की आत्महत्या के मामले में करीब 15 दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में आप संस्थान की एक सीनियर वार्ड सिस्टर ने हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है। इससे पहले उक्त वार्ड सिस्टर ने हमीरपुर जिला न्यायालय में अर्जी दी थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया। चूंकि मामला अब अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में भी दर्ज है। इस मामले में जमानत के लिए उसे उच्च न्यायालय जाना पड़ा। लेकिन पुलिस और मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की भूमिका इस मामले में सवालों के घेरे में है।
पुलिस जांच में सहयोग के बजाय अस्पताल प्रशासन ने एक सीनियर वार्ड सिस्टर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया। पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए इधर-उधर भटक रही है। अभी तक माना यही जा रहा था कि सीनियर वार्ड सिस्टर पुलिस की जांच में पूर्ण सहयोग करेगी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि है कि इस मामले में आरोपी सीनियर वार्ड सिस्टर कौन है। लेकिन जिस तरह से लुका-छुपी का खेल शुरू हो गया है, उससे कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं। बता दें कि 3 अक्तूबर, वीरवार को मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स मोनिका अस्पताल में ड्यूटी के बाद बारल गांव स्थित अपने किराये के कमरे में पहुंची और पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। मोनिका ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अस्पताल के सीनियर स्टाफ पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे।

उधर, पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि सीनियर वार्ड सिस्टर की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम जगह-जगह दबिश दे रही है। लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है।
वहीं डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा ने कहा कि पुलिस जिसे ढूंढ रही है, वह वर्तमान में छुट्टी पर चल रही है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वही इस मामले में आरोपी है।  


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