हमीरपुर: भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में प्रत्याशियों के चयन के लिए पहली दफा 'कार्यकर्ता रायशुमारी' का नया फॉर्मूला अपनाया है. इस नए सियासी टोटके के लिए भाजपा ने चार हेलीकॉप्टर के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के चार संसदीय क्षेत्रों में मुख्यालय स्तर पर मत पेटियां भेजी. सीलबंद इन मतपेटी में भाजपा पार्टी संगठन के विभिन्न मोर्चा तथा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से प्रत्याशियों के चयन के लिए वोटिंग करवाई गई. कार्यकर्ताओं से रायशुमारी के इस फॉर्मूले के तहत भाजपा ने चारों संसदीय क्षेत्र में मुख्यालय स्तर पर संगठनात्मक जिलों की बैठकों को आयोजन किया. (Himachal Assembly Elections 2022) (Himachal BJP candidates list)
भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव के लिए दिल्ली से चार हेलीकाॅप्टर मतपेटियां लेकर शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी पहुंचे. इन मतपेटियों में 2022 के सत्ता के दंगल के संभावित पार्टी प्रत्याशियों के नाम दर्ज हुए. संसदीय स्तर के हेडक्वार्टर में संगठनात्मक जिलेवार यह बैठकें हुईं और मंडलवार विधानसभा क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशियों को लेकर पर्चियों पर राय जानी गई. असल निर्वाचन से पहले भाजपा ने संभावित प्रत्याशियों के चयन के लिए पदाधिकारियों से मतदान करवाया गया. मतदान के बाद मत पेटियों को भाजपा हेडक्वार्टर दिल्ली हेलीकाॅप्टर के जरिये ले जाया गया. इन मतों के आधार पर प्रत्याशियों का चयन किया गया. (Voting for the selection of BJP candidates)
क्या था वोटिंग का फॉर्मूला, एक पदाधिकारी एक वोट: पार्टी सूत्रों की मानें तो आठ से दस श्रेणी के पदाधिकारियों को इस मतदान के लिए बुलाया तो गया था, लेकिन उनका मतदान गुप्त रखा गया था. मसलन मतदान की पर्ची एक कोरा कागज ही था जिस पर पदाधिकारी को अपनी पसंद के प्रत्याशी का नाम लिखना था. प्रत्याशी को कम से कम एक और अधिकतम 3 प्रत्यााशियों के नाम लिखने के निर्देश थे. एक पदाधिकारी को एक विधानसभा क्षेत्र में ही वोटिंग करने का अधिकार था.
एक विधानसभा क्षेत्र में औसतन 40 पदाधिकारियों ने की वोटिंग: वोटिंग में यह शर्त रखी गई थी कि पदाधिकारी जिस विधानसभा क्षेत्र का वाशिंदा है, वह उस विस क्षेत्र के लिए अपनी प्राथमिकता दर्ज करवाकर वोट कर सकता है. मसलन कोई प्रदेश पदाधिकारी अथवा किसी भी मोर्चा अथवा मंडल का पदाधिकारी उस विधानसभा क्षेत्र के लिए वोट करने के लिए पात्र था जहां का वह मूल निवासी हो. एक विधानसभा क्षेत्र के लिए औसतन 40 पदाधिकारियों से वोटिंग करवाई गई. हर संसदीय क्षेत्र में 900 और प्रदेशभर में 3000 के लगभग पदाधिकारियों ने संभावित प्रत्याशियों के चयन के लिए वोट किया. (BJP candidates selection process in himachal)
गुटबाजी का तोड़ और डैमेज कंट्रोल की वैक्सीन का फुल प्रुफ प्लान: हिमाचल में सत्तारूढ़ भाजपा के तमाम संगठनात्मक कौशल के बावजूद गुटबाजी और खेमेबंदी एक बड़ी चुनौती उभर कर सामने आई है. ऐसे में भाजपा डैमेज कंट्रोल करने में जुटी है. टिकट आवंटन के बाद मंडल स्तर पर पदाधिकारियों का विरोध और इस्तीफे जैसी परिस्थतियों से निपटने के लिए पार्टी आलाकमान की ओर से लगातार कोशिश की जा रही है. (BJP Government in Himachal)
एक पंथ, दो काज: बीजेपी एक पंथ से दो काज साधने की सियासी जुगत में है. एक तरफ गुटबाजी को पाटने का प्रयास किया जा रहा है तो दूसरी ओर टिकट आवंटन के बाद बगावत और इस्तीफे की परंपराओं से होने वाले चुनावी नुकसान से बचने की कोशिश की जा रही है. ताकि मिशन रिपीट में कोई परेशानी पेश न आए. (BJP Mission Repeat in Himachal) (Dispute in Himachal BJP )
ईसी की बैठक, सर्वे रिपार्ट और मतपेटियों के नतीजे टिकट आवंटन में अहम आधार: प्रत्याशियों के चयन के लिए अब तक प्रदेश में हुए चार सर्वें की रिपोर्ट और कार्यकर्ता रायशुमारी के मतपेटियों के नतीजों के आधार पर ही चर्चा की गई. हिमाचल भाजपा की ईसी की बैठक के बाद चर्चा की रिपोर्ट को बीजेपी पार्लियामेटरी बोर्ड के समक्ष रखा गया. पार्लियामेंटरी बोर्ड में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने टिकट पर अंतिम मुहर लगाई. (BJP National President JP Nadda in Parliamentary Board)
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