हमीरपुर: उत्तर भारत के प्रसिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में मंगलवार रात करीब 2 बजे संपत्ति विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प का मामला सामने आया है. हमले में कुछ महिलाएं भी बुरी तरह से घायल हुई हैं. शिकायतकर्ताओं ने महंत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं, महंत ने भी दूसरे पक्ष पर जबरदस्ती उनकी भूमि पर कब्जा करने व मारपीट के आरोप लगाए हैं.
पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक कांता देवी ने बताया की वह दियोटसिद्ध में ठाकुरद्वारा के पास 1972 से दुकान चला रहे हैं और आज तक ऐसी घटना सामने नहीं आई है. तिलक राज और कांता देवी ने बताया कि वह रात को अपनी दुकान के बाहर बैठ कर पहरा दे रहे थे और उनके आदमियों ने हमला किया. जिसमें उनके परिवार के 5 लोग घायल हुए है. घायलों में कांता देवी, नीलम कुमारी, निधि कुमारी, निशा देवी और तिलक राज शामिल हैं. बड़सर अस्पताल में उनका प्राथमिक उपचार किया गया है. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इससे पहले वे मामले की शिकायत जिलाधीश हमीरपुर व एसपी हमीरपुर से भी चुके हैं.
इस विषय में दियोटसिद्ध मंदिर के महंत राजेंद्र गिरि ने कहा कि दुकानें हमारी मलकियत भूमि पर हैं. दूसरे पक्ष के लोग रात के समय दुकानों को कब्जाने के लिये वहां पहुंचे और उनके लोगों के ऊपर हमला किया. महंतों की प्राचीन गद्दी की मलकीयत के हक-हकूक कोट दर कोट 32 साल तक लगातार कानूनी लड़ाई के बाद अंतत: सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद हासिल करने के बाद सरकार के आदेशों के मुताबिक इस भूमि पर महंतों की गद्दी की मालकीयत बहाल हुई है.
महंत राजेंद्र गिरि ने कहा कि इस मलकीयत जमीन पर बने भवनों के सारे दस्तावेज बिजली, पानी के क्नेक्शन सब महंतों के नाम पर सुरक्षित हैं. बीती रात मध्य रात्रि को तिलक राज, कांता देवी के साथ 15-16 के करीब नाकाबपोश दो गाड़ियों में भरकर दियोटसिद्ध आए. यह तमाम लोग घातक हथियारों से लैस थे. उन्होंने कहा कि महंतों की मलकीयत में बने भवनों की तोड़-फोड़ शुरू कर दी. महंत आवास प्रशासन के लोगों के रोकने पर इन गुण्डों की टोली ने हमला कर दिया. मौका वारदात से हथियारों से भरी एक गाड़ी को पुलिस ने मौका पर पहुंच कर अपने कब्जे में लिया है, जबकि वारदात को अंजाम देने के बाद एक गाड़ी में हमलावर फरार हो गए हैं.