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चकमोह पंचायत में सभी उम्मीदवारों ने नाम लिए वापस, ग्रामीणों ने किया चुनाव के बहिष्कार का ऐलान

चकमोह पंचायत के ग्रामीणों ने आगामी पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. अब चकमोह पंचायत में प्रधान, उपपप्रधान व वार्ड पंच के लिए मतदान नहीं होगा. पंचायत में सिर्फ बीडीसी व जिला परिषद के लिए मतदान होगा. उपमंडल बड़सर की ग्राम पंचायत चकमोह में सभी उम्मीदवारों ने सामूहिक तौर पर अपने नामांकन पत्र वापिस ले लिए हैं.

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चकमोह पंचायत में सभी उम्मीदवारों ने नाम लिए वापस
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Published : Jan 6, 2021, 9:06 PM IST

बड़सर: उपमंडल बड़सर की चकमोह में सभी उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए हैं. चकमोह पंचायत के ग्रामीणों ने आगामी पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. अब चकमोह पंचायत में प्रधान, उपपप्रधान व वार्ड पंच के लिए मतदान नहीं होगा. पंचायत में सिर्फ बीडीसी व जिला परिषद के लिए मतदान होगा. उपमंडल बड़सर की ग्राम पंचायत चकमोह में सभी उम्मीदवारों ने सामूहिक तौर पर अपने नामांकन पत्र वापिस ले लिए हैं.

चकमोह पंचायत में आठ प्रधान, 10 उप प्रधान व 16 बार्ड पंच शामिल है. पंचायत के प्रधान पद, उपप्रधान व वार्ड पंच के उम्मीदवारों ने कहा कि ग्रामीणों ने सामूहिक तौर पर निर्णय लिया गया है कि इस बार पंचायत चुनावों में हिस्सा नहीं लेगें, क्योंकि पंचायत में कई समस्याएं हैं. उस ओर सराकर द्वारा कोई भी ध्यान नहीं दिया गया.

चकमोह ग्रामीणों ने कि किसी भी सरकार ने उनकी अस्पताल की समस्या को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. पंचायत वासियों ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र में कॉलेज, स्कूल और अस्पताल के लिए कई कनाल भूमि बिना किसी शर्त के सरकार को दी थी, लेकिन किसी भी सरकार ने हमारी समस्या को नहीं समझा और आज भी हम स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं.

अस्पताल की सुविधा आज तक नहीं मिल पाई

ग्रामीणों ने बताया कि 1980 में उन्होंने अपनी मलकीत भूमि से 15 कनाल भूमि अस्पताल के लिए दान में दी थी और उस में तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार ने 100 बेड के अस्पताल का शिलान्यास रखा था, लेकिन उसके बाद कई सरकारें आईं व गईं, परंतु उन्हें अस्पताल की सुविधा आज तक नहीं मिल पाई है.

ऐसे में अब चकमोह पंचायत के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करते हुए सभी के सभी सदस्यों ने चुनाव लडऩे से हटते हुए अपने नाम वापस ले लिए हैं. पंचायत में इस बार 8 लोगों ने प्रधान पद, 10 लोगों ने उपप्रधान के लिए तथा सारा वार्ड मेंबर ने विभिन्न वार्डों से आवेदन किया था, लेकिन ग्रामीणों ने अस्पताल नाम बनने से सभी के सभी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं.

सभी आवेदकों ने नाम वापस लिए हैं

कार्यकारी एसडीएम बड़सर ओपी शर्मा ने बताया कि चकमोह पंचायत के सभी आवेदकों ने नाम वापस लिए हैं. उन्होंने कहा कि जो लोगों की मांग है उसे उच्चाधिकारियों का अवगत करवा दिया गया है. कार्यकारी एसडीएम बड़सर ओपी शर्मा ने बताया कि चकमोह पंचायत के सभी आवेदकों ने नाम वापस लिए हैं.

उन्होंने कहा कि जो लोगों की मांग है उसे उच्चाधिकारियों का अवगत करवा दिया गया है. चकमोह पंचायत के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करते हुए सभी के सभी सदस्यों ने चुनाव लडऩे से हटते हुए अपने नाम वापस ले लिए हैं. पंचायत में इस बार 8 लोगों ने प्रधान पद, 10 लोगों ने उपप्रधान के लिए और सारा वार्ड मेंबर ने विभिन्न वार्डों से आवेदन किया था, लेकिन ग्रामीणों ने अस्पताल नाम बनने से सभी के सभी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं.

ऐसे में अब चकमोह में इस बार चुनाव नहीं होगा. लोगों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है, तब तक हम अपनी बात पर अडिग रहेंगे और भविष्य में किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेंगे.

बड़सर: उपमंडल बड़सर की चकमोह में सभी उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए हैं. चकमोह पंचायत के ग्रामीणों ने आगामी पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. अब चकमोह पंचायत में प्रधान, उपपप्रधान व वार्ड पंच के लिए मतदान नहीं होगा. पंचायत में सिर्फ बीडीसी व जिला परिषद के लिए मतदान होगा. उपमंडल बड़सर की ग्राम पंचायत चकमोह में सभी उम्मीदवारों ने सामूहिक तौर पर अपने नामांकन पत्र वापिस ले लिए हैं.

चकमोह पंचायत में आठ प्रधान, 10 उप प्रधान व 16 बार्ड पंच शामिल है. पंचायत के प्रधान पद, उपप्रधान व वार्ड पंच के उम्मीदवारों ने कहा कि ग्रामीणों ने सामूहिक तौर पर निर्णय लिया गया है कि इस बार पंचायत चुनावों में हिस्सा नहीं लेगें, क्योंकि पंचायत में कई समस्याएं हैं. उस ओर सराकर द्वारा कोई भी ध्यान नहीं दिया गया.

चकमोह ग्रामीणों ने कि किसी भी सरकार ने उनकी अस्पताल की समस्या को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. पंचायत वासियों ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र में कॉलेज, स्कूल और अस्पताल के लिए कई कनाल भूमि बिना किसी शर्त के सरकार को दी थी, लेकिन किसी भी सरकार ने हमारी समस्या को नहीं समझा और आज भी हम स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं.

अस्पताल की सुविधा आज तक नहीं मिल पाई

ग्रामीणों ने बताया कि 1980 में उन्होंने अपनी मलकीत भूमि से 15 कनाल भूमि अस्पताल के लिए दान में दी थी और उस में तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार ने 100 बेड के अस्पताल का शिलान्यास रखा था, लेकिन उसके बाद कई सरकारें आईं व गईं, परंतु उन्हें अस्पताल की सुविधा आज तक नहीं मिल पाई है.

ऐसे में अब चकमोह पंचायत के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करते हुए सभी के सभी सदस्यों ने चुनाव लडऩे से हटते हुए अपने नाम वापस ले लिए हैं. पंचायत में इस बार 8 लोगों ने प्रधान पद, 10 लोगों ने उपप्रधान के लिए तथा सारा वार्ड मेंबर ने विभिन्न वार्डों से आवेदन किया था, लेकिन ग्रामीणों ने अस्पताल नाम बनने से सभी के सभी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं.

सभी आवेदकों ने नाम वापस लिए हैं

कार्यकारी एसडीएम बड़सर ओपी शर्मा ने बताया कि चकमोह पंचायत के सभी आवेदकों ने नाम वापस लिए हैं. उन्होंने कहा कि जो लोगों की मांग है उसे उच्चाधिकारियों का अवगत करवा दिया गया है. कार्यकारी एसडीएम बड़सर ओपी शर्मा ने बताया कि चकमोह पंचायत के सभी आवेदकों ने नाम वापस लिए हैं.

उन्होंने कहा कि जो लोगों की मांग है उसे उच्चाधिकारियों का अवगत करवा दिया गया है. चकमोह पंचायत के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करते हुए सभी के सभी सदस्यों ने चुनाव लडऩे से हटते हुए अपने नाम वापस ले लिए हैं. पंचायत में इस बार 8 लोगों ने प्रधान पद, 10 लोगों ने उपप्रधान के लिए और सारा वार्ड मेंबर ने विभिन्न वार्डों से आवेदन किया था, लेकिन ग्रामीणों ने अस्पताल नाम बनने से सभी के सभी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं.

ऐसे में अब चकमोह में इस बार चुनाव नहीं होगा. लोगों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है, तब तक हम अपनी बात पर अडिग रहेंगे और भविष्य में किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेंगे.

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