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बड़सर में महंगाई ने निकाला उपभोक्ताओं का दम, आसमान छू रहे सब्जियों के दाम

उपमंडल बड़सर में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और लोग बाजारों का रुख करने लगे हैं. सब्जी, आलू, प्याज के दामों में लगी आग के कारण गृहणियों का बजट भी गड़बड़ा कर रह गया है. बता दें कि उपमंडल बड़सर के बाजारों में प्याज 60 से 70 तो आलू 40 से 50 प्रति किलो तक बिक रहे हैं.

सब्जी
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Published : Oct 22, 2020, 6:01 PM IST

बड़सर: जिला के उपमंडल बड़सर में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और लोग बाजारों का रुख करने लगे हैं. लेकिन कोरोना संकट के कारण रोजगार गंवा चुके और व्यापार में घाटा उठा रहे लोग अब महंगाई से त्रस्त हो रहे हैं. सब्जी, आलू, प्याज के दामों में लगी आग के कारण गृहणियों का बजट भी गड़बड़ा कर रह गया है.

बता दें कि उपमंडल बड़सर के बाजारों में प्याज 60 से 70 तो आलू 40 से 50 प्रति किलो तक बिक रहे हैं. इसके अलावा मटर 120, टमाटर 60, गोभी 70 रुपये तक पहुंच चुकी है. ऐसे में लगता है कि गरीब और मध्यमवर्ग के लोगों की पहुंच से आलू प्याज भी गायब होकर रह जायेगा. सब्जियों की दुकान में खड़ी महिलाएं भाव सुनते ही मायूस होकर रह जाती हैं.

सब्जी की दुकान पर खड़ी कुछ गृहणियों नें बताया कि सब्जियों के दामों में हुई वृद्धि से उनका बजट गड़बड़ा गया है. हर साल प्याज के दाम एकदम से बढ़ जाते हैं, लेकिन सरकारों का इन पर कोई नियंत्रण नहीं है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछा है कि आज क्यों दिहाड़ी मजदूर और आम आदमी की ओकात आलू प्याज खरीदने की भी नहीं रह गई है.

सत्ता पक्ष और विपक्ष केवल एक दूसरे पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाने तक सीमित रहते हैं. कोरोना काल के कारण रोजगार और व्यापार तबाह हो चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से राहत प्रदान करने के बजाय जनता को महंगाई का तोहफा दिया जा रहा है.

बड़सर के बाजारों में वैसे भी सब्जियों के दाम मनमर्जी के वसूलने के आरोप लगते रहे हैं. विभागीय अधिकारियों को शिकायत के बावजूद समस्या बनी हुई है. थोक मंडी हमीरपुर और बड़सर में सब्जी के रेटों में दिन रात का अंतर है. ऐसे में उपभोक्ताओं नें प्रशाषन व सरकार से महंगाई व मनमाने रेटों पर अंकुश लगाने की मांग की है. बड़सर के बाजारों में वैसे भी सब्जियों के दाम मनमर्जी के वसूलने के आरोप लगते रहे हैं. विभागीय अधिकारियों को शिकायत के बावजूद समस्या बनी हुई है.

थोक मंडी हमीरपुर और बड़सर में सब्जी के रेटों में दिन रात का अंतर है. ऐसे में उपभोक्ताओं ने प्रशासन और सरकार से महंगाई और मनमाने रेटों पर अंकुश लगाने की मांग की है. सत्ता पक्ष और विपक्ष केवल एक दूसरे पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाने तक सीमित रहते हैं. कोरोना काल के कारण रोजगार और व्यापार तबाह हो चुके हैं लेकिन सरकार की ओर से राहत प्रदान करने के बजाय जनता को महंगाई का तोहफा दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- नादौन अस्पताल के नए भवन का उद्घाटन, धूमल ने किया शिलान्यास अनुराग ने किया लोकार्पण: सैजल

बड़सर: जिला के उपमंडल बड़सर में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और लोग बाजारों का रुख करने लगे हैं. लेकिन कोरोना संकट के कारण रोजगार गंवा चुके और व्यापार में घाटा उठा रहे लोग अब महंगाई से त्रस्त हो रहे हैं. सब्जी, आलू, प्याज के दामों में लगी आग के कारण गृहणियों का बजट भी गड़बड़ा कर रह गया है.

बता दें कि उपमंडल बड़सर के बाजारों में प्याज 60 से 70 तो आलू 40 से 50 प्रति किलो तक बिक रहे हैं. इसके अलावा मटर 120, टमाटर 60, गोभी 70 रुपये तक पहुंच चुकी है. ऐसे में लगता है कि गरीब और मध्यमवर्ग के लोगों की पहुंच से आलू प्याज भी गायब होकर रह जायेगा. सब्जियों की दुकान में खड़ी महिलाएं भाव सुनते ही मायूस होकर रह जाती हैं.

सब्जी की दुकान पर खड़ी कुछ गृहणियों नें बताया कि सब्जियों के दामों में हुई वृद्धि से उनका बजट गड़बड़ा गया है. हर साल प्याज के दाम एकदम से बढ़ जाते हैं, लेकिन सरकारों का इन पर कोई नियंत्रण नहीं है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछा है कि आज क्यों दिहाड़ी मजदूर और आम आदमी की ओकात आलू प्याज खरीदने की भी नहीं रह गई है.

सत्ता पक्ष और विपक्ष केवल एक दूसरे पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाने तक सीमित रहते हैं. कोरोना काल के कारण रोजगार और व्यापार तबाह हो चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से राहत प्रदान करने के बजाय जनता को महंगाई का तोहफा दिया जा रहा है.

बड़सर के बाजारों में वैसे भी सब्जियों के दाम मनमर्जी के वसूलने के आरोप लगते रहे हैं. विभागीय अधिकारियों को शिकायत के बावजूद समस्या बनी हुई है. थोक मंडी हमीरपुर और बड़सर में सब्जी के रेटों में दिन रात का अंतर है. ऐसे में उपभोक्ताओं नें प्रशाषन व सरकार से महंगाई व मनमाने रेटों पर अंकुश लगाने की मांग की है. बड़सर के बाजारों में वैसे भी सब्जियों के दाम मनमर्जी के वसूलने के आरोप लगते रहे हैं. विभागीय अधिकारियों को शिकायत के बावजूद समस्या बनी हुई है.

थोक मंडी हमीरपुर और बड़सर में सब्जी के रेटों में दिन रात का अंतर है. ऐसे में उपभोक्ताओं ने प्रशासन और सरकार से महंगाई और मनमाने रेटों पर अंकुश लगाने की मांग की है. सत्ता पक्ष और विपक्ष केवल एक दूसरे पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाने तक सीमित रहते हैं. कोरोना काल के कारण रोजगार और व्यापार तबाह हो चुके हैं लेकिन सरकार की ओर से राहत प्रदान करने के बजाय जनता को महंगाई का तोहफा दिया जा रहा है.

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