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कोरोना दौर में सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतर इस्तेमाल, संस्थाओं का मिल रहा पूरा साथ

कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में किस तरह सरकार के साथ गैर सरकारी संस्थाओं ने हाथ मिला कर जो काम किया, कठिन समय में एकता का इससे बेहतर उदाहरण शायद ही कहीं और देखने को मिले. हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य में सुविधाओं के अभाव में भी लोगों को एक दूसरे का भरपूर समर्थन मिला. साथ ही कोरोना संकटकाल में सरकारी ढांचे का बखूबी इस्तेमाल में लाया गया.

use of government and private infrastructure
कोरोना का वार
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Published : Sep 25, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Oct 5, 2020, 4:16 PM IST

हमीरपुर: कोरोना संकटकाल में सरकारी ढांचे के साथ गैर सरकारी संस्थानों का भी बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रदेश ही नहीं बल्कि हमीरपुर जिला में भी वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर की महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आई. कोरोना की इस लड़ाई में सरकारी संस्थानों के साथ-साथ एनजीओ की मदद से उनके भवनों का भी सहयोग लिया गया.

हमीरपुर की जिला की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना सोनी ने बताया कि एनआईटी हमीरपुर में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में 100 बेड की कैपेसिटी है. कोविड केयर सेंटर साईं भवन में 50 बेड और सेकेंडरी अस्पताल भोटा में 50 बेड की सुविधा है.

गंभीर रूप से बीमार कोरोना संक्रमित मरीजों को मेडिकल कॉलेज नेर चौक रेफर किया जाता है. इसके अलावा उन्होंने साईं सदन के संचालकों का भी आभार जताया है. सीएमओ का कहना है कि जब उन्हें शुरुआती दिनों में जरूरत पड़ी, तो संस्था ने फ्री में भवन को सेंटर बनाने के लिए दे दिया.

वीडियो.

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा

वहीं, इस बारे में डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा का कहना है कि वैश्विक महामारी में सरकारी ढांचे का इस्तेमाल किया गया है. शैक्षणिक संस्थानों में पहले क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए. इसके बाद जिला कोविड केयर सेंटर चलाए गए. हालांकि अब लोगों को होम आइसोलेशन पर रखा जा रहा है. संक्रमित मरीज जिनके घरों में आइसोलेशन की सुविधा है, उन्हें घरों पर ही आइसोलेट किया जा रहा है.

उपभोक्ता संरक्षण संगठन हमीरपुर के अध्यक्ष सुशील शर्मा ने अपनी राय रखते हुआ कहा कि हमीरपुर जिला में जब कोरोना महामारी का दौर शुरू हुआ तो, राधास्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा और साईं सदन संस्था सबसे पहले आगे आए. अब तक इन दोनों संस्थाओं का सराहनीय सहयोग रहा है.

हालांकि मौजूदा समय में अब कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन प्रशासन अब मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं कर रहे हैं. अस्पतालों पर कम दबाव रहे इसके लिए अब मरीजों को घरों में ही आइसोलेट किया जा रहा है. सिर्फ गंभीर स्थिति वाले मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है.

महामारी के शुरुआती दिनों से लेकर इन सरकारी और गैर सरकारी ढांचे की महत्वपूर्ण भूमिका रही. सैकड़ों लोगों को क्वारंटाइन किया गया. हमीरपुर जिला में 200 के करीब क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए थे. इनमें अधिकतर सरकारी स्कूल शामिल थे, लेकिन अब धीरे-धीरे स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है, जिससे अब फिर से इन भवनों में शैक्षणिक गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं.

पढ़ें: AAP कार्यकर्ताओं का केंद्र सरकार के खिलाफ गांधी चौक पर प्रदर्शन, बिलों को वापस लेने की मांग

हमीरपुर: कोरोना संकटकाल में सरकारी ढांचे के साथ गैर सरकारी संस्थानों का भी बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रदेश ही नहीं बल्कि हमीरपुर जिला में भी वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर की महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आई. कोरोना की इस लड़ाई में सरकारी संस्थानों के साथ-साथ एनजीओ की मदद से उनके भवनों का भी सहयोग लिया गया.

हमीरपुर की जिला की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना सोनी ने बताया कि एनआईटी हमीरपुर में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में 100 बेड की कैपेसिटी है. कोविड केयर सेंटर साईं भवन में 50 बेड और सेकेंडरी अस्पताल भोटा में 50 बेड की सुविधा है.

गंभीर रूप से बीमार कोरोना संक्रमित मरीजों को मेडिकल कॉलेज नेर चौक रेफर किया जाता है. इसके अलावा उन्होंने साईं सदन के संचालकों का भी आभार जताया है. सीएमओ का कहना है कि जब उन्हें शुरुआती दिनों में जरूरत पड़ी, तो संस्था ने फ्री में भवन को सेंटर बनाने के लिए दे दिया.

वीडियो.

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा

वहीं, इस बारे में डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा का कहना है कि वैश्विक महामारी में सरकारी ढांचे का इस्तेमाल किया गया है. शैक्षणिक संस्थानों में पहले क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए. इसके बाद जिला कोविड केयर सेंटर चलाए गए. हालांकि अब लोगों को होम आइसोलेशन पर रखा जा रहा है. संक्रमित मरीज जिनके घरों में आइसोलेशन की सुविधा है, उन्हें घरों पर ही आइसोलेट किया जा रहा है.

उपभोक्ता संरक्षण संगठन हमीरपुर के अध्यक्ष सुशील शर्मा ने अपनी राय रखते हुआ कहा कि हमीरपुर जिला में जब कोरोना महामारी का दौर शुरू हुआ तो, राधास्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा और साईं सदन संस्था सबसे पहले आगे आए. अब तक इन दोनों संस्थाओं का सराहनीय सहयोग रहा है.

हालांकि मौजूदा समय में अब कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन प्रशासन अब मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं कर रहे हैं. अस्पतालों पर कम दबाव रहे इसके लिए अब मरीजों को घरों में ही आइसोलेट किया जा रहा है. सिर्फ गंभीर स्थिति वाले मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है.

महामारी के शुरुआती दिनों से लेकर इन सरकारी और गैर सरकारी ढांचे की महत्वपूर्ण भूमिका रही. सैकड़ों लोगों को क्वारंटाइन किया गया. हमीरपुर जिला में 200 के करीब क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए थे. इनमें अधिकतर सरकारी स्कूल शामिल थे, लेकिन अब धीरे-धीरे स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है, जिससे अब फिर से इन भवनों में शैक्षणिक गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं.

पढ़ें: AAP कार्यकर्ताओं का केंद्र सरकार के खिलाफ गांधी चौक पर प्रदर्शन, बिलों को वापस लेने की मांग

Last Updated : Oct 5, 2020, 4:16 PM IST
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