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डीसी साहब! 'गांव के कुछ लोग नहीं बनने दे रहे सड़क, सरकारी जमीन को बताते हैं अपना, बिना रोड के होती है परेशानी'

जिला हमीरपुर के खोरड़ गांव के निवासी सड़क समस्या को लेकर डीसी हमीरपुर से मिले. लोगों ने आरोप लगाया कि गांव के ही कुछ लोग सरकारी जमीन को अपना बताकर सड़क के निर्माण को बार-बार रुकवा रहे हैं. (khorad village road problem) (Hamirpur Latest News).

khorad village road problem
डीसी हमीरपुर से मिले खोरड़ गांव के लोग.
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Published : Jun 7, 2023, 4:59 PM IST

Updated : Jun 7, 2023, 7:38 PM IST

सड़क समस्या को लेकर डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा से मिले ग्रामीण.

हमीरपुर: सरहदों पर मां भारती की रक्षा करने वाले वीर सपूत अपने गांव में शासकीय और सामाजिक व्यवस्था से हार गए हैं. यही वजह है कि कारगिल युद्ध सहित 1962, 1965 और 1971 की लड़ाई लड़ने वाले वीर सैनिकों वाला खोरड़ गांव आजादी के करीब 8 दशक बाद भी सड़क सुविधा से वंचित है. संयोग यह है कि यह गांव 6 महीने पहले मुख्यमंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र का हो गया है, लेकिन हालत बदले नहीं हैं.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन की गोइस पंचायत के खोरड़ गांव ग्रामीण सड़क सुविधा से वंचित है. थक हार कर सोमवार को गांव के आधा दर्जन के करीब पूर्व सैनिक अपने मेडल लौटने के लिए डीसी कार्यालय हमीरपुर पहुंचे. ऐसा नहीं है कि क्षेत्र के ग्रामीणों ने समस्या के समाधान के लिए प्रयास नहीं किए. ग्रामीणों ने एक दो बार नहीं बल्कि कई दफा शासन और प्रशासन के समक्ष सड़क निर्माण में पेश आ रही समस्या को रखा.

पूर्व में तीन बार डीसी कार्यालय से समस्या का समाधान का आश्वासन देकर यह ग्रामीण घर लौटे हैं. सोमवार को पूर्व सैनिक ग्रामीणों के साथ जब वर्तमान डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा से मिलने पहुंचे तो अहत होकर मेडल लौटाने की पेशकश कर डाली. पूर्व सैनिक की पत्नी अमृत कुमारी ने नम आंखों से अपने स्वर्गीय पति सुविधा उपदेश वर्मा सहित अन्य पूर्व सैनिकों के मेडल लौटाने की पेशकश की. इस पर DC हमीरपुर हेमराज बैरवा ने 2 दिन के भीतर समस्या का समाधान कर सड़क का निर्माण शुरू करवाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया.

khorad village road problem
सड़क समस्या को लेकर डीसी हमीरपुर के समक्ष खोरड़ गांव के निवासी.

'हर बार आश्वासन मिले, मरीजों को अस्पताल पहुंचने में आती है दिक्कत': हर बात प्रशासन के आदेश नजरअंदाज होने से निराश ग्रामीण एक बार फिर सोमवार को आश्वासन लेकर घर लौट गए. इस गांव में सड़क निर्माण के लिए बजट सैंक्शन होने के बाद एक बार लेप्स हो गया. दोबारा यहां पर बजट जारी हुआ, लेकिन जिला प्रशासन के तीन दफा आदेश करने के बावजूद सड़क निर्माण अधर में लटका है. ऐसे में प्रशासनिक और शासकीय व्यवस्था से त्रस्त पूर्व सैनिक अपनी मेडल लौटाने को विवश हो गए. ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर जब कोई गांव में बीमार हो जाता है तो उसे पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है या फिर चारपाई का सहारा लेना पड़ता है.

इन पूर्व सैनिकों और आश्रित परिवारों ने मेडल लौटाने की पेशकश की: इस गांव में एक दर्जन के करीब सैनिक और पूर्व सैनिक परिवार हैं. सोमवार को डीसी कार्यालय में पहुंचे पूर्व सैनिकों और उनके आश्रित परिवारों में सड़क सुविधा ना मिलने से आहत होकर मेडल लौटाने की पेशकश डीसी के समक्ष रखी. जिसमें नायब सूबेदार प्रीतम सिंह ऑपरेशन विजय कारगिल, नायब सूबेदार विधि सिंह, अमृत कुमारी पत्नी स्वर्गीय सूबेदार उपदेश वर्मा, परकाशो देवी पत्नी लेट नायब सूबेदार परकाश चंद शामिल रहे.

साल 1962 और 1971 का युद्ध लड़ने वाले स्वर्गीय उपदेश वर्मा की पत्नी अमृत कुमारी का कहना है कि थक हार कर उन्होंने अपने पति के मेडल लौटाने की पेशकश डीसी के समक्ष रखी. उन्होंने कहा कि हर मंच पर आकर वह समस्या के समाधान के लिए प्रयास कर चुके हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से भी उन्होंने मुलाकात की थी, लेकिन समस्या जस की तस है. डीसी हमीरपुर ने अब दो दिन के भीतर सड़क का निर्माण शुरू करवाने की बात कही है.

khorad village road problem
पूर्व सैनिक की पत्नी ने मेडल वापस लौटाने की पेशकश की.

कारगिल युद्ध लड़ने वाले नायब सूबेदार प्रीतम सिंह सेवानिवृत्त का कहना है कि सड़क निर्माण के गांव के कुछ परिवार बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. सरकारी जमीन को अपना बताकर सड़क निर्माण को बाधित किया जा रहा है, जबकि सड़क निर्माण सरकारी जमीन पर प्रस्तावित है. यहां पर एक नहीं बल्कि कई दफा निशानदेही की गई है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा का कहना है कि यह 800 मीटर लंबी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है. यहां पर कोई व्यक्ति सड़क निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहा है. यह शिकायत ग्रामीणों ने दी है. इस बाबत दो दिन के भीतर एसडीएम को सड़क निर्माण शुरू करवाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन का प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द इस सड़क का निर्माण पूरा हो.

Read Also- कुल्लू में फायर हाइड्रेंट नहीं कर रहे काम, कैसे बुझेगी आग, दमकल विभाग परेशान

सड़क समस्या को लेकर डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा से मिले ग्रामीण.

हमीरपुर: सरहदों पर मां भारती की रक्षा करने वाले वीर सपूत अपने गांव में शासकीय और सामाजिक व्यवस्था से हार गए हैं. यही वजह है कि कारगिल युद्ध सहित 1962, 1965 और 1971 की लड़ाई लड़ने वाले वीर सैनिकों वाला खोरड़ गांव आजादी के करीब 8 दशक बाद भी सड़क सुविधा से वंचित है. संयोग यह है कि यह गांव 6 महीने पहले मुख्यमंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र का हो गया है, लेकिन हालत बदले नहीं हैं.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन की गोइस पंचायत के खोरड़ गांव ग्रामीण सड़क सुविधा से वंचित है. थक हार कर सोमवार को गांव के आधा दर्जन के करीब पूर्व सैनिक अपने मेडल लौटने के लिए डीसी कार्यालय हमीरपुर पहुंचे. ऐसा नहीं है कि क्षेत्र के ग्रामीणों ने समस्या के समाधान के लिए प्रयास नहीं किए. ग्रामीणों ने एक दो बार नहीं बल्कि कई दफा शासन और प्रशासन के समक्ष सड़क निर्माण में पेश आ रही समस्या को रखा.

पूर्व में तीन बार डीसी कार्यालय से समस्या का समाधान का आश्वासन देकर यह ग्रामीण घर लौटे हैं. सोमवार को पूर्व सैनिक ग्रामीणों के साथ जब वर्तमान डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा से मिलने पहुंचे तो अहत होकर मेडल लौटाने की पेशकश कर डाली. पूर्व सैनिक की पत्नी अमृत कुमारी ने नम आंखों से अपने स्वर्गीय पति सुविधा उपदेश वर्मा सहित अन्य पूर्व सैनिकों के मेडल लौटाने की पेशकश की. इस पर DC हमीरपुर हेमराज बैरवा ने 2 दिन के भीतर समस्या का समाधान कर सड़क का निर्माण शुरू करवाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया.

khorad village road problem
सड़क समस्या को लेकर डीसी हमीरपुर के समक्ष खोरड़ गांव के निवासी.

'हर बार आश्वासन मिले, मरीजों को अस्पताल पहुंचने में आती है दिक्कत': हर बात प्रशासन के आदेश नजरअंदाज होने से निराश ग्रामीण एक बार फिर सोमवार को आश्वासन लेकर घर लौट गए. इस गांव में सड़क निर्माण के लिए बजट सैंक्शन होने के बाद एक बार लेप्स हो गया. दोबारा यहां पर बजट जारी हुआ, लेकिन जिला प्रशासन के तीन दफा आदेश करने के बावजूद सड़क निर्माण अधर में लटका है. ऐसे में प्रशासनिक और शासकीय व्यवस्था से त्रस्त पूर्व सैनिक अपनी मेडल लौटाने को विवश हो गए. ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर जब कोई गांव में बीमार हो जाता है तो उसे पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है या फिर चारपाई का सहारा लेना पड़ता है.

इन पूर्व सैनिकों और आश्रित परिवारों ने मेडल लौटाने की पेशकश की: इस गांव में एक दर्जन के करीब सैनिक और पूर्व सैनिक परिवार हैं. सोमवार को डीसी कार्यालय में पहुंचे पूर्व सैनिकों और उनके आश्रित परिवारों में सड़क सुविधा ना मिलने से आहत होकर मेडल लौटाने की पेशकश डीसी के समक्ष रखी. जिसमें नायब सूबेदार प्रीतम सिंह ऑपरेशन विजय कारगिल, नायब सूबेदार विधि सिंह, अमृत कुमारी पत्नी स्वर्गीय सूबेदार उपदेश वर्मा, परकाशो देवी पत्नी लेट नायब सूबेदार परकाश चंद शामिल रहे.

साल 1962 और 1971 का युद्ध लड़ने वाले स्वर्गीय उपदेश वर्मा की पत्नी अमृत कुमारी का कहना है कि थक हार कर उन्होंने अपने पति के मेडल लौटाने की पेशकश डीसी के समक्ष रखी. उन्होंने कहा कि हर मंच पर आकर वह समस्या के समाधान के लिए प्रयास कर चुके हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से भी उन्होंने मुलाकात की थी, लेकिन समस्या जस की तस है. डीसी हमीरपुर ने अब दो दिन के भीतर सड़क का निर्माण शुरू करवाने की बात कही है.

khorad village road problem
पूर्व सैनिक की पत्नी ने मेडल वापस लौटाने की पेशकश की.

कारगिल युद्ध लड़ने वाले नायब सूबेदार प्रीतम सिंह सेवानिवृत्त का कहना है कि सड़क निर्माण के गांव के कुछ परिवार बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. सरकारी जमीन को अपना बताकर सड़क निर्माण को बाधित किया जा रहा है, जबकि सड़क निर्माण सरकारी जमीन पर प्रस्तावित है. यहां पर एक नहीं बल्कि कई दफा निशानदेही की गई है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा का कहना है कि यह 800 मीटर लंबी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है. यहां पर कोई व्यक्ति सड़क निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहा है. यह शिकायत ग्रामीणों ने दी है. इस बाबत दो दिन के भीतर एसडीएम को सड़क निर्माण शुरू करवाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन का प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द इस सड़क का निर्माण पूरा हो.

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Last Updated : Jun 7, 2023, 7:38 PM IST
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