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नन्हीं वैज्ञानिक का अनोखा एयर प्यूरीफायर मॉडल, घर में कोरोना वायरस भी नहीं कर सकेगा प्रवेश

हमीपुर की 10वीं की छात्रा गर्गी ठाकुर ने एयर प्यूरीफाइर मॉडल तैयार किया है. इस मॉडल के जरिए धरों में शुद्ध हवा मिल सकेगी. उन्होंने एयर प्यूरीफाइर मॉडल में घर की खिड़कियों पर नैनो फाइबर सीट फिट की है. टाइटेनियम कार्बाइट से बनी नैनो फाइबर शीट में कीटाणु और बैक्टीरिया पकड़ में पकड़ में आ जाएंगे. यह शील्ड कीटाणुओं को घर में प्रवेश नहीं करने देगी. (unique air purifier model)

Inspire Standard Award Competition Hamirpur
हिम गुरुकुल पब्लिक स्कूल लदरौर
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Published : Nov 30, 2022, 6:13 PM IST

हमीरपुर: नैनो टेक्नोलॉजी के जरिए घर में सिर्फ शुद्ध हवा का प्रवेश संभव होगा. खतरनाक प्रदूषण, कीटाणु और बैक्टीरिया का इस टेक्नोलॉजी से खात्मा होगा, जिला स्तरीय इंस्पायर मानक अवार्ड प्रतियोगिता हमीरपुर में एक निजी स्कूल की छात्रा ने अनूठा आइडिया पेश किया है. जिस तरह से एक एसी से ठंडी हवा घर के अंदर प्रवेश करती है. ठीक उसी तरह से नैनो टेक्नोलॉजी के जरिए शुद्ध हवा को घर में प्रवेश सकेगा. (student gargi thakur) (air purifiers)

कोरोना वायरस जैसे घातक वायरस को भी घर में दाखिल होने से पहले ही इस उपकरण में खत्म करने की क्षमता होगी. नैनो फाइबर शीट में लगी नैनो फाइबर एप्लीकेशन जोकि टाइटेनियम कार्बाइड से बनी है. इस सीट से कीटाणु और बैक्टीरिया भी पकड़ में पकड़ में आ जाएंगे. मसलन यह शील्ड उन घातक कीटाणुओं को घर में प्रवेश नहीं करने देगी. यह तमाम तकनीक सोलर एनर्जी पर कार्य करेगी, जिससे बिजली की भी बचत होगी. (unique air purifier model in Hamirpur)

गार्गी ठाकुर ने बनाया अनोखा एयर प्यूरीफायर मॉडल

हिम गुरुकुल पब्लिक स्कूल लदरौर की 10वीं कक्षा की छात्रा गार्गी ठाकुर ने इस अनूठे मॉडल को तैयार किया है. गार्गी ठाकुर ने इस प्रोजेक्ट को एनवायरमेंट वेनाईन सस्टेनेबल इकनोमिक एयर प्यूरीफायर विद नैनो फाइबर एप्लीकेशन नाम दिया है. गार्गी ठाकुर की मानें तो घर में लगने वाले एसी की तरह ही खिड़कियों के पास इसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है और यह उपकरण घर के अंदर एकदम शुद्ध हवा को दाखिल करेगा. हालांकि इस उपकरण में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हवा इसी उपकरण के जरिए घर के अंदर दाखिल हो ताकि हवा की शुद्धता को सुनिश्चित किया जा सके.

ये भी पढ़ें- कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर जल्द दौड़ेंगे नए विस्टाडोम कोच, बोर्ड कर रहा ट्रायल

प्रदूषण की बड़ी समस्या से मिल सकता है छुटकारा: अगर गार्गी ठाकुर के इस आइडिया को सही ढंग से विकसित किया जाता है. लोगों को प्रदूषित हवा से छुटकारा पाने के लिए अब ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. एक छोटे से जुगाड़ से ही लोगों को शुद्ध हवा घर के अंदर मिल जाएगी. कुछ इसी तरह का एक मॉडल हिम गुरुकुल पब्लिक स्कूल लदरौर की 10वीं कक्षा की छात्रा गार्गी ठाकुर ने इंस्पायर अवॉर्ड-मानक मॉडल सम्मेलन में सजाया है.

UV रेडिएशन तकनीक से हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणुओं का होगा खात्मा: अगर घर के अंदर किसी अन्य कारणों से हानिकारक बैक्टीरिया या फिर अन्य वायरस पहुंच भी जाएं, तो UV रेडिएशन तीन से चार मिनट ऑन करके इसे खत्म किया जा सकता है. गार्गी ठाकुर ने बताया कि उनका मॉडल काफी सस्ता है, जिन्हें मध्यम वर्गीय परिवार भी आसानी से प्रयोग करके शुद्ध हवा प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि नैनो सीट धूल कणों के अलावा प्रदूषित धुएं को भी रोकने में मददगार साबित होगी.

बेहद कारगर हो सकता है यह आइडिया: यह मॉडल देश की उन राजधानियों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है, जहां पर वायु प्रदूषण के लिए लोगों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ रही है. वाहनों का धुआं, फैक्ट्रियों का धुआं, पटाखों का धुआं और पराली जलाने का धुआं इत्यादि से कई बार लोगों को हवा भी दूषित हो जाती है, उन क्षेत्रों में यह मॉडल काफी लाभदायक हो सकता है.

कम कीमत में तैयार हो सकता है उपकरण: गार्गी ठाकुर के माने तो इस उपकरण को 1500 से 3000 के बीच की लागत में तैयार किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इसी की तरह ही इसमें कूलिंग की सुविधा भी ली जा सकती है लेकिन इस वजह से इसकी लागत थोड़ी बढ़ सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि इस उपकरण के जरिए बिजली की बचत संभव होगी.

हमीरपुर: नैनो टेक्नोलॉजी के जरिए घर में सिर्फ शुद्ध हवा का प्रवेश संभव होगा. खतरनाक प्रदूषण, कीटाणु और बैक्टीरिया का इस टेक्नोलॉजी से खात्मा होगा, जिला स्तरीय इंस्पायर मानक अवार्ड प्रतियोगिता हमीरपुर में एक निजी स्कूल की छात्रा ने अनूठा आइडिया पेश किया है. जिस तरह से एक एसी से ठंडी हवा घर के अंदर प्रवेश करती है. ठीक उसी तरह से नैनो टेक्नोलॉजी के जरिए शुद्ध हवा को घर में प्रवेश सकेगा. (student gargi thakur) (air purifiers)

कोरोना वायरस जैसे घातक वायरस को भी घर में दाखिल होने से पहले ही इस उपकरण में खत्म करने की क्षमता होगी. नैनो फाइबर शीट में लगी नैनो फाइबर एप्लीकेशन जोकि टाइटेनियम कार्बाइड से बनी है. इस सीट से कीटाणु और बैक्टीरिया भी पकड़ में पकड़ में आ जाएंगे. मसलन यह शील्ड उन घातक कीटाणुओं को घर में प्रवेश नहीं करने देगी. यह तमाम तकनीक सोलर एनर्जी पर कार्य करेगी, जिससे बिजली की भी बचत होगी. (unique air purifier model in Hamirpur)

गार्गी ठाकुर ने बनाया अनोखा एयर प्यूरीफायर मॉडल

हिम गुरुकुल पब्लिक स्कूल लदरौर की 10वीं कक्षा की छात्रा गार्गी ठाकुर ने इस अनूठे मॉडल को तैयार किया है. गार्गी ठाकुर ने इस प्रोजेक्ट को एनवायरमेंट वेनाईन सस्टेनेबल इकनोमिक एयर प्यूरीफायर विद नैनो फाइबर एप्लीकेशन नाम दिया है. गार्गी ठाकुर की मानें तो घर में लगने वाले एसी की तरह ही खिड़कियों के पास इसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है और यह उपकरण घर के अंदर एकदम शुद्ध हवा को दाखिल करेगा. हालांकि इस उपकरण में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हवा इसी उपकरण के जरिए घर के अंदर दाखिल हो ताकि हवा की शुद्धता को सुनिश्चित किया जा सके.

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प्रदूषण की बड़ी समस्या से मिल सकता है छुटकारा: अगर गार्गी ठाकुर के इस आइडिया को सही ढंग से विकसित किया जाता है. लोगों को प्रदूषित हवा से छुटकारा पाने के लिए अब ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. एक छोटे से जुगाड़ से ही लोगों को शुद्ध हवा घर के अंदर मिल जाएगी. कुछ इसी तरह का एक मॉडल हिम गुरुकुल पब्लिक स्कूल लदरौर की 10वीं कक्षा की छात्रा गार्गी ठाकुर ने इंस्पायर अवॉर्ड-मानक मॉडल सम्मेलन में सजाया है.

UV रेडिएशन तकनीक से हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणुओं का होगा खात्मा: अगर घर के अंदर किसी अन्य कारणों से हानिकारक बैक्टीरिया या फिर अन्य वायरस पहुंच भी जाएं, तो UV रेडिएशन तीन से चार मिनट ऑन करके इसे खत्म किया जा सकता है. गार्गी ठाकुर ने बताया कि उनका मॉडल काफी सस्ता है, जिन्हें मध्यम वर्गीय परिवार भी आसानी से प्रयोग करके शुद्ध हवा प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि नैनो सीट धूल कणों के अलावा प्रदूषित धुएं को भी रोकने में मददगार साबित होगी.

बेहद कारगर हो सकता है यह आइडिया: यह मॉडल देश की उन राजधानियों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है, जहां पर वायु प्रदूषण के लिए लोगों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ रही है. वाहनों का धुआं, फैक्ट्रियों का धुआं, पटाखों का धुआं और पराली जलाने का धुआं इत्यादि से कई बार लोगों को हवा भी दूषित हो जाती है, उन क्षेत्रों में यह मॉडल काफी लाभदायक हो सकता है.

कम कीमत में तैयार हो सकता है उपकरण: गार्गी ठाकुर के माने तो इस उपकरण को 1500 से 3000 के बीच की लागत में तैयार किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इसी की तरह ही इसमें कूलिंग की सुविधा भी ली जा सकती है लेकिन इस वजह से इसकी लागत थोड़ी बढ़ सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि इस उपकरण के जरिए बिजली की बचत संभव होगी.

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