हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में पेपर लीक मामले में प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग कर दिया गया था. आज लंबे समय बाद एक बार फिर कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के ताले प्रदेश सरकार द्वारा खोले गए. हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनुपम ठाकुर को प्रदेश सरकार द्वारा यहां पर ओएसडी नियुक्त किया गया है. एसआईटी की तरफ से रिकॉर्ड मांगे जाने के बाद सरकार से अनुमति मिलने पर ओएसडी ने आयोग के चुनिंदा कर्मचारियों को साथ लेकर रिकॉर्ड को खंगाला है.
एसआईटी के रिकॉर्ड मांगने पर खुले चयन आयोग के ताले: बताया जा रहा है कि इस रिकॉर्ड को जल्द ही एसआईटी को सौंपा जाएगा. बीते कुछ दिनों से रिकॉर्ड न होने की वजह से कई भर्ती परीक्षाओं में जांच आगे नहीं बढ़ पा रही थी. जिससे लंबे समय बाद आयोग के ताले खोले गए हैं और अब जांच में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है. वीरवार सुबह 10:00 बजे ओएसडी अनुपम ठाकुर की मौजूदगी में आयोग के ताले खोले गए और घंटों तक यहां पर रिकॉर्ड को खंगाला गया. इस दौरान आयोग में भारी पुलिस बल की तैनाती रही.
पेपर लीक मामले में भंग किया था आयोग: गौरतलब है कि 23 दिसंबर 2022 को कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक प्रकरण सामने आया था. आयोग के गोपनीय शाखा में तैनात महिला कर्मचारी उमा आजाद को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया था. इस मामले में अलग-अलग पोस्ट कोड में 5 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. पिछले कल ही पोस्टकोड 819 ट्रैफिक इंस्पेक्टर की भर्ती परीक्षा में भी एफआईआर दर्ज हुई है. इस भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक होने का खुलासा जांच में हुआ है. पांचवी एफआईआर में कुल 4 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपी उमा आजाद उसके दोनों बेटे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. जबकि एक अन्य आरोपी अभ्यर्थी रवि कुमार को भी जल्द ही विजिलेंस की टीम गिरफ्तार कर सकती है.
पेपर लीक प्रकरण में दर्ज पहली एफआईआर में कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को भी आरोपी बनाया गया है. उनसे विजिलेंस की टीम लगातार पूछताछ कर रही है, हालांकि अभी तक पूर्व सचिव को गिरफ्तार नहीं किया गया है. आयोग के चपरासियों के खिलाफ ओएमआर शीट से टेंपरिंग करने पर भी केस दर्ज किया गया है. इस मामले में अब एक बार फिर आयोग के ताले खोलने के बाद जांच में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
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