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Diarrhea in Hamirpur: पानी दूषित होने का वास्तविक कारण जानना जरूरी नहीं ? विभाग की गढ़ी थ्योरी से सरकार निश्चिंत !

नादौन में डायरिया के मामलों को लेकर न तो प्रशासन और न ही सरकार गंभीर नजर आ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि 5 दिन बाद भी पानी की सैंपल रिपोर्ट नहीं आई है. वहीं, सरकार भी जल शक्ति विभाग की गढ़ी थ्योरी से संतुष्ट नजर आ रही है. पढे़ं पूरी खबर...

Diarrhea in Hamirpur
Diarrhea in Hamirpur
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Published : Feb 2, 2023, 1:20 PM IST

हमीरपुर: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन में फैले डायरिया के मामले में सरकार और शासन की साइंटिफिक अप्रोच सवालों में है. हालात यह है कि 5 दिनों के भीतर इस बीमारी की चपेट में 999 लोग आ चुके हैं, जबकि पेयजल के दूषित होने का वास्तविक या साइंटिफिक कारण विभाग और सरकार को मालूम ही नहीं है. हैरत इस बात की है कि जल के दूषित होने के कारणों को जानने के लिए न तो सरकार के नुमाइंदे इच्छुक नजर आ रहे हैं और न ही विभाग के आला अधिकारी संजीदा प्रतीत हो रहे हैं.

यही वजह है कि हिमाचल के डिप्टी सीएम जिनके पास जल शक्ति विभाग भी है वह हमीरपुर दौरे के दौरान विभाग के द्वारा गढ़ी गई थ्योरी से संतुष्ट नजर आए. जिला मुख्यालय में अधिकारियों से बैठक के बाद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने डायरिया फैलने का कारण जल का दूषित होना बताया. विभागीय लापरवाही और पेयजल सैंपल की रिपोर्ट आने में हो रही देरी पर उप-मुख्यमंत्री यह कहते दिखे कि पानी निश्चित तौर पर दूषित हुआ है और इसकी वजह से जल योजना के नजदीक किया गया खनन है.

यह तो माना जा सकता है कि खनन की वजह से पेयजल योजना प्रभावित हो सकती है और जल भी दूषित हो सकता है, लेकिन जल के दूषित होने के कारणों का 5 दिन बाद ही पता न लगना विभागीय कार्य शैली पर सवाल बना हुआ है. बुधवार को जिला मुख्यालय हमीरपुर में अधिकारियों से बैठक करने के बाद डिप्टी सीएम पेयजल योजना का निरीक्षण करने के कुनाह खड्ड में पहुंचे तो उन्होंने मामले की जांच इंजीनियर इन चीफ ईएनसी शिमला से करवाने का बयान दिया. यहां पर भी वह योजना के इर्द-गिर्द अवैज्ञानिक तरीके से किए गए खनन पर चिंतित नजर आए.

खनन पर FIR बनी पहेली, आखिर अब तक क्या करते रहे अधिकारी: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर दौरे के दौरान डायरिया प्रभावित पेयजल योजना का निरीक्षण करने के बाद खनन पर एफआईआर करवाने की बात कह गए. लेकिन यह एफआईआर किसके खिलाफ होगी यह स्पष्ट नहीं हो सका है. पेयजल योजना के साथ ही क्रशर चल रहा है और सरकारी लीज के तहत यहां लंबे समय से कार्य हो रहा है. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्या यहां पर क्रशर मालिक के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज करवाएगा या फिर अवैध खनन को लेकर यह अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. हमीरपुर पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज होने की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.

पानी सोर्स तक पहुंचाने के लिए विभाग ने खोद दी नाली: सैकड़ों लोगों के बीमार होने के बाद अब एफआईआर दर्ज करने की बात तो कही जा रही है, लेकिन इससे पहले यहां पर कार्य करने वाले अधिकारियों की भूमिका सवालों में है. सवाल यह है कि आखिर क्यों उच्च अधिकारियों को इस विषय पर सूचित नहीं किया गया. पेयजल योजना के मुख्य सोर्स तक पानी पहुंचाने के लिए कुनाह खड्ड में अधिकारियों ने नाली तो खोद दी, लेकिन यहां पर अवैज्ञानिक तरीके से किए गए खनन को लेकर न तो उच्च अधिकारियों को सूचित किया और न ही एफआईआर दर्ज करवाई. ऐसे में इन अधिकारियों के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई की जाएगी, इसे लेकर भी फिलहाल उप-मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान कोई संकेत नजर नहीं आए. विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई के विपरीत उप-मुख्यमंत्री अधिकारियों की गढ़ी थ्योरी से संतुष्ट नजर आए हैं.

सैंपल रिपोर्ट का इंतजार: डायरिया फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 5 दिन के भीतर पानी के बीच सैंपल क्षेत्र से लिए हैं और इन सैंपल को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर भेजा गया है. हैरत की बात यह है कि 5 दिन के बाद भी न तो स्वास्थ्य विभाग के सैंपल की रिपोर्ट आई है और नहीं जल शक्ति विभाग द्वारा लिए गए पानी के सैंपल की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है. जल शक्ति विभाग ने लोगों के घरों और पेयजल योजना से पानी के सैंपल उठाएं हैं. जल शक्ति विभाग ने पानी के यह सैंपल जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित लैब के लिए भेजे हैं. लेकिन 5 दिन बाद भी आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट नहीं आई है.

2 जेई, एक एसडीओ और एक एक्सईएन से जवाब तलब: जल शक्ति विभाग हमीरपुर के तहत पेयजल योजनाओं से संबंधित दो कनिष्ठ और दो वरिष्ठ अधिकारियों से 7 दिन के भीतर जवाब तलब किया गया है. जल शक्ति विभाग हमीरपुर की तरफ से दो कनिष्ठ अभियंताओं, एक सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता से 1 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया गया है. कारण बताओ नोटिस में यह पूछा गया है कि आखिर क्यों पेयजल योजना के दायरे में खनन होता रहा और इसके खिलाफ शिकायत दर्ज क्यों नहीं की गई.

टास्क फोर्स करेगी योजनाओं के स्त्रोत की जांच: उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हमीरपुर जिले के दौरे के दौरान प्रदेश की सभी पेयजल योजनाओं के स्रोतों की जांच के लिए टास्क फोर्स बनाने की घोषणा की है. जल शक्ति विभाग हमीरपुर के चीफ इंजीनियर की तरफ से इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है, जो 7 दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी, हालांकि अपने ही विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जल शक्ति विभाग की यह कमेटी कितना कारगर तरीके से कार्य करेगी, यह भी सवाल है.

ये भी पढे़ं: हमीरपुर में माफियाओं के हौसले बुलंद: डिप्टी CM के जाते ही खनन फिर शुरू, पुलिस ने ड्रोन से काटे चालान

हमीरपुर: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन में फैले डायरिया के मामले में सरकार और शासन की साइंटिफिक अप्रोच सवालों में है. हालात यह है कि 5 दिनों के भीतर इस बीमारी की चपेट में 999 लोग आ चुके हैं, जबकि पेयजल के दूषित होने का वास्तविक या साइंटिफिक कारण विभाग और सरकार को मालूम ही नहीं है. हैरत इस बात की है कि जल के दूषित होने के कारणों को जानने के लिए न तो सरकार के नुमाइंदे इच्छुक नजर आ रहे हैं और न ही विभाग के आला अधिकारी संजीदा प्रतीत हो रहे हैं.

यही वजह है कि हिमाचल के डिप्टी सीएम जिनके पास जल शक्ति विभाग भी है वह हमीरपुर दौरे के दौरान विभाग के द्वारा गढ़ी गई थ्योरी से संतुष्ट नजर आए. जिला मुख्यालय में अधिकारियों से बैठक के बाद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने डायरिया फैलने का कारण जल का दूषित होना बताया. विभागीय लापरवाही और पेयजल सैंपल की रिपोर्ट आने में हो रही देरी पर उप-मुख्यमंत्री यह कहते दिखे कि पानी निश्चित तौर पर दूषित हुआ है और इसकी वजह से जल योजना के नजदीक किया गया खनन है.

यह तो माना जा सकता है कि खनन की वजह से पेयजल योजना प्रभावित हो सकती है और जल भी दूषित हो सकता है, लेकिन जल के दूषित होने के कारणों का 5 दिन बाद ही पता न लगना विभागीय कार्य शैली पर सवाल बना हुआ है. बुधवार को जिला मुख्यालय हमीरपुर में अधिकारियों से बैठक करने के बाद डिप्टी सीएम पेयजल योजना का निरीक्षण करने के कुनाह खड्ड में पहुंचे तो उन्होंने मामले की जांच इंजीनियर इन चीफ ईएनसी शिमला से करवाने का बयान दिया. यहां पर भी वह योजना के इर्द-गिर्द अवैज्ञानिक तरीके से किए गए खनन पर चिंतित नजर आए.

खनन पर FIR बनी पहेली, आखिर अब तक क्या करते रहे अधिकारी: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर दौरे के दौरान डायरिया प्रभावित पेयजल योजना का निरीक्षण करने के बाद खनन पर एफआईआर करवाने की बात कह गए. लेकिन यह एफआईआर किसके खिलाफ होगी यह स्पष्ट नहीं हो सका है. पेयजल योजना के साथ ही क्रशर चल रहा है और सरकारी लीज के तहत यहां लंबे समय से कार्य हो रहा है. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्या यहां पर क्रशर मालिक के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज करवाएगा या फिर अवैध खनन को लेकर यह अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. हमीरपुर पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज होने की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.

पानी सोर्स तक पहुंचाने के लिए विभाग ने खोद दी नाली: सैकड़ों लोगों के बीमार होने के बाद अब एफआईआर दर्ज करने की बात तो कही जा रही है, लेकिन इससे पहले यहां पर कार्य करने वाले अधिकारियों की भूमिका सवालों में है. सवाल यह है कि आखिर क्यों उच्च अधिकारियों को इस विषय पर सूचित नहीं किया गया. पेयजल योजना के मुख्य सोर्स तक पानी पहुंचाने के लिए कुनाह खड्ड में अधिकारियों ने नाली तो खोद दी, लेकिन यहां पर अवैज्ञानिक तरीके से किए गए खनन को लेकर न तो उच्च अधिकारियों को सूचित किया और न ही एफआईआर दर्ज करवाई. ऐसे में इन अधिकारियों के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई की जाएगी, इसे लेकर भी फिलहाल उप-मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान कोई संकेत नजर नहीं आए. विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई के विपरीत उप-मुख्यमंत्री अधिकारियों की गढ़ी थ्योरी से संतुष्ट नजर आए हैं.

सैंपल रिपोर्ट का इंतजार: डायरिया फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 5 दिन के भीतर पानी के बीच सैंपल क्षेत्र से लिए हैं और इन सैंपल को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर भेजा गया है. हैरत की बात यह है कि 5 दिन के बाद भी न तो स्वास्थ्य विभाग के सैंपल की रिपोर्ट आई है और नहीं जल शक्ति विभाग द्वारा लिए गए पानी के सैंपल की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है. जल शक्ति विभाग ने लोगों के घरों और पेयजल योजना से पानी के सैंपल उठाएं हैं. जल शक्ति विभाग ने पानी के यह सैंपल जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित लैब के लिए भेजे हैं. लेकिन 5 दिन बाद भी आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट नहीं आई है.

2 जेई, एक एसडीओ और एक एक्सईएन से जवाब तलब: जल शक्ति विभाग हमीरपुर के तहत पेयजल योजनाओं से संबंधित दो कनिष्ठ और दो वरिष्ठ अधिकारियों से 7 दिन के भीतर जवाब तलब किया गया है. जल शक्ति विभाग हमीरपुर की तरफ से दो कनिष्ठ अभियंताओं, एक सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता से 1 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया गया है. कारण बताओ नोटिस में यह पूछा गया है कि आखिर क्यों पेयजल योजना के दायरे में खनन होता रहा और इसके खिलाफ शिकायत दर्ज क्यों नहीं की गई.

टास्क फोर्स करेगी योजनाओं के स्त्रोत की जांच: उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हमीरपुर जिले के दौरे के दौरान प्रदेश की सभी पेयजल योजनाओं के स्रोतों की जांच के लिए टास्क फोर्स बनाने की घोषणा की है. जल शक्ति विभाग हमीरपुर के चीफ इंजीनियर की तरफ से इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है, जो 7 दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी, हालांकि अपने ही विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जल शक्ति विभाग की यह कमेटी कितना कारगर तरीके से कार्य करेगी, यह भी सवाल है.

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