हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में आई त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने है. कांग्रेस के नेता केंद्र सरकार से हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रहे हैं. वहीं, भाजपा नेता अभी तक केंद्र की ओर से हिमाचल में आई त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित न करने पर तर्क दे रहे हैं. हिमाचल कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि हिमाचल त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करवाने के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर विपरित टिप्पणियां कर रहे हैं.
आपदा में भाजपा की राजनीति: प्रेम कौशल ने कहा कि जहां एक ओर प्रदेश सरकार और हिमाचल के लोग इस भयंकर त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रहे हैं. वहीं, भाजपा नेताओं द्वारा राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर कुतर्क किया जा रहा है. बारिश और बाढ़ के प्रभाव से प्रदेश में जो मंजर उभर कर सामने आया है, वह बहुत ही भयावह और व्यथित करने वाला है. हिमाचल में इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी में प्रदेश को मदद की जरूरत है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा सहयोग करने की बजाए लगातार आलोचना कर राजनीतिक फायदे कमा रही है.
भाजपा नेताओं पर लगाए आरोप: प्रेम कौशल ने कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री और तमाम मंत्रिमंडल, कांग्रेस नेता प्रभावित लोगों को दिन रात राहत प्रदान करने में लगे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक नायक की तरह ग्राउंड जीरो पर कार्य कर रहे हैं. सरकार के सभी नेता आगे आकर लोगों का हौंसला बढ़ाने का काम कर रहे हैं. मगर प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के मुद्दे पर भी जयराम ठाकुर, प्रेम कुमार धूमल और अन्य भाजपा नेता केंद्र से आग्रह करने की बजाए नकारात्मक टिप्पणियां कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश के भाजपा नेता चाहती ही नहीं हैं कि प्रदेश सफलतापूर्वक इस आपदा से उभरे.
भाजपा नेताओं पर तंज: प्रेम कौशल ने भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि आपदा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा का नकारात्मक चेहरा उजागर हुआ है. ऐसे अवसर पर जब प्रभावित लोगों को मदद की दरकार है, जयराम ठाकुर और उनकी पार्टी राजनीतिक स्वार्थ के लिए लगातार झूठ बोल कर जनत को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. केंद्रीय सहायता के संदर्भ में झूठ बोल कर भाजपा नेता जनता का समर्थन और प्रशंसा हासिल नहीं कर सकते हैं. वास्तव में प्रदेश भाजपा के नेता चाहते ही नहीं कि प्रदेश सफलतापूर्वक इस आपदा का सामना कर सके, क्योंकि इससे उन्हें उनकी राजनीतिक दुकानदारी घाटे में जाति दिख रही है.
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