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घास पर दवाई छिड़कते हुए लोग हो रहे बेहोश, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को दी ये सलाह - एसएचओ बड़सर

हमीरपुर के खेतों में अच्छी घास के लिए की जाने वाली दवाइयों का छिड़काव लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. वहीं, शिकायत के रूप में कुछ मामले पुलिस के पास भी पहुंच रहे हैं. पुलिस प्रशासन नें लोगों को दवाइयों के छिड़काव में विशेष एहतियात बरतने को कहा है.

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स्वास्थ्य विभाग
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Published : Jun 28, 2020, 7:58 PM IST

बड़सर/हमीरपुर: जिला हमीरपुर के खेतों में अच्छी घास के लिए की जाने वाली दवाइयों का छिड़काव लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. अस्पतालों में जहरीली दवाइयों के छिड़काव के बाद बेहोश होने व उपचार के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रहा है. वहीं, शिकायत के रूप में कुछ मामले पुलिस के पास भी पहुंच रहे हैं. पुलिस प्रशासन नें लोगों को दवाइयों के छिड़काव में विशेष एहतियात बरतने को कहा है.

बीएमओ बड़सर डॉ नरेश शर्मा के अनुसार यह दवाइयां जहरीली होती हैं. घास के छिड़काव के बाद नंगे पांव नहीं चलना चाहिए और छिड़काव के दौरान मुंह पर मास्क व सिर ढक कर रखना चाहिए. इसके अलावा कम से कम 7 से 8 घंटों तक छिड़काव वाली जगह जाने से बचें.

एसएचओ बड़सर मस्त राम नाइक का कहना है कि छिड़काव से प्रभावित लोगों की शिकायतें लगातार आ रही हैं. उन्होंने लोगों को छिड़काव के वक्त विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है,ताकि अन्य लोगों को परेशानी न हो. पुलिस प्रशासन नें लोगों को दवाइयों के छिड़काव में विशेष एहतियात बरतने को कहा है.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश कृषि संबंधी प्रदेश राज्य है. खेतों में पहले भी कीटनाशक का छिड़काव करने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. खेतों में काम करना वाले किसानों व बागों में काम करने वाले बागवानों को भी इसके साइड इफेक्ट्स से गुजरना पड़ता है. वहीं, इन उत्पादों को खाने वाले लोगों के स्वास्थ्य संबधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: ज्वालामुखी के चमत्कारी ज्योति रूप का प्रकटोत्सव आज, यहां साक्षात दर्शन देती हैं मां ज्वाला !

बड़सर/हमीरपुर: जिला हमीरपुर के खेतों में अच्छी घास के लिए की जाने वाली दवाइयों का छिड़काव लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. अस्पतालों में जहरीली दवाइयों के छिड़काव के बाद बेहोश होने व उपचार के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रहा है. वहीं, शिकायत के रूप में कुछ मामले पुलिस के पास भी पहुंच रहे हैं. पुलिस प्रशासन नें लोगों को दवाइयों के छिड़काव में विशेष एहतियात बरतने को कहा है.

बीएमओ बड़सर डॉ नरेश शर्मा के अनुसार यह दवाइयां जहरीली होती हैं. घास के छिड़काव के बाद नंगे पांव नहीं चलना चाहिए और छिड़काव के दौरान मुंह पर मास्क व सिर ढक कर रखना चाहिए. इसके अलावा कम से कम 7 से 8 घंटों तक छिड़काव वाली जगह जाने से बचें.

एसएचओ बड़सर मस्त राम नाइक का कहना है कि छिड़काव से प्रभावित लोगों की शिकायतें लगातार आ रही हैं. उन्होंने लोगों को छिड़काव के वक्त विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है,ताकि अन्य लोगों को परेशानी न हो. पुलिस प्रशासन नें लोगों को दवाइयों के छिड़काव में विशेष एहतियात बरतने को कहा है.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश कृषि संबंधी प्रदेश राज्य है. खेतों में पहले भी कीटनाशक का छिड़काव करने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. खेतों में काम करना वाले किसानों व बागों में काम करने वाले बागवानों को भी इसके साइड इफेक्ट्स से गुजरना पड़ता है. वहीं, इन उत्पादों को खाने वाले लोगों के स्वास्थ्य संबधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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