हमीरपुर: एनआईआरएफ रैंकिंग में एक बार फिर NIT हमीरपुर को निराशा ही हाथ लगी है. ओवरऑल रैंकिंग में तो संस्थान टॉप 200 में भी जगह नहीं बना पाया है. संस्थान को इंजीनियरिंग श्रेणी में 200 में से 127 रैंक और आर्किटेक्चर और प्लानिंग में 30 में से 28 वां रैंक प्राप्त हुआ है. एनआईटी हमीरपुर के लिए राहत की बात यह है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले एनआईटी हमीरपुर को एक रैंक का सुधार हुआ है.
साल 2022 की एनआईआरएफ रैंकिंग इंजीनियरिंग श्रेणी में 128 रैंक पर थी. एनआईटी हमीरपुर के लिए संतोष से अधिक चिंता इस बात की है कि ओवरऑल रैंकिंग में हिमाचल के निजी विश्वविद्यालय की भी आगे निकल गए हैं. शूलिनी यूनिवर्सिटी ऑफ बायो टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट साइंस को ओवरऑल रैंकिंग में 139, कांगड़ा जिले के चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय को 158, जबकि सोलन जिले के डॉ. YS परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री को 164 रैंक प्राप्त हुआ है.
नया नवेला आईआईटी मंडी कीर्तिमान कर रहा स्थापित: आरईसी के रूप में 1986 में स्थापित हुआ यह संस्थान लगातार तरक्की कर रहा है. हालांकि पिछले कुछ सालों से संस्थान की रैंकिंग में गिरावट देखने को मिली है. 2002 में इस संस्थान ने एनआईटी हमीरपुर के रूप में कार्य करना शुरू किया, जबकि आईआईटी मंडी 2009 में स्थापित हुआ और ओवरऑल रैंकिंग में 73वें स्थान पर है.
भर्ती घोटालों और अन्य कई विवादों से गिरी संस्थान की साख: एनआईटी हमीरपुर में पिछले कुछ सालों में भर्ती घोटालों को लेकर बड़ा विवाद सामने आया था तत्कालीन निदेशक विनोद यादव को तो अपना पद तक गंवाना पड़ा था. इस मामले में मंत्रालय स्तर पर जांच भी की गई थी. हालांकि जांच में अभी तक कई सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं. इस विवाद का नतीजा यह हुआ कि संस्थान की रैंकिंग लगातार गिर रही है स्टूडेंट्स के बेहतर प्लेसमेंट के बावजूद देशभर में एनआईटी हमीरपुर के साथ में गिरावट देखने को मिली है.
और बेहतर करने का होगा प्रयास- निदेशक: एनआईटी हमीरपुर के निदेशक डॉ. एचएम सूर्यवंशी का कहना है कि इंजीनियरिंग में संस्थान को एक रैंक का सुधार हुआ है. 127 रैंक इस बार संस्थान को एनआईआरएफ के रैंकिंग में मिला है, जबकि पिछले साल यह 128 था. उन्होंने कहा कि संस्थान लगातार रैंकिंग को बेहतर करने का प्रयास कर रहा है और आने वाले सालों में इसमें सुधार किया जाएगा.
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