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हमीरपुर में भारी बारिश से मक्का और सब्जी की फसल बर्बाद, किसानों को 8 करोड़ 28 लाख का नुकसान

हमीरपुर जिले में हुई भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. बारिश की वजह से मक्का और सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है. जिससे जिले में 8 करोड़ 28 लाख का नुकसान हुआ है. (Maize and vegetable crops ruined)(heavy rains in Hamirpur)(Hamirpur farmers in Loss )

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Published : Jul 26, 2023, 9:18 AM IST

हमीरपुर: जिला में भारी बारिश की वजह से किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. बारिश से मची तबाही से मक्की की फसल के साथ ही नकदी फसले यानि सब्जियों को भी खासा नुकसान हुआ है. हमीरपुर जिला में 2600 हेक्टेयर एरिया में सब्जी उत्पादन किया जाता है. 80 प्रतिशत से अधिक सब्जियां भारी बारिश के कारण तबाह हो गई हैं. ऐसे में जिला की लोकल सब्जियों का स्वाद अब लोग नहीं चख पाएंगे. वहीं, बाहरी राज्यों से सप्लाई हो रही सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन लोकल उत्पादकों को खासा नुकसान झेलना पड़ा है.

12 हजार हेक्टेयर में फसल प्रभावित: हमीरपुर जिला में मक्की की फसल 12 हजार हेक्टेयर एरिया में प्रभावित हुई है. जिसकी वजह से जिले में मक्की उत्पादक किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. खेती की जमीन बहने, खेतों में गाद भर जाने, मक्की की फसल में रोग लगने और सब्जियों के बर्बाद होने से जिला में कुल 8 करोड़ 28 लाख का नुकसान किसानों को हुआ है. नुकसान का यह आकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. कृषि विभाग हमीरपुर की टीमें फील्ड में जाकर सर्वे कर रही हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में नुकसान की सटीक रिपोर्ट तैयार होगी.

सूखे से गेंहू की फसल हुई थी बर्बाद: जिले में सूखे और बाद में बारिश की वजह से हजारों हेक्टेयर एरिया में गेंहू की फसल भी पिछले सीजन में बर्बाद हुआ है, जिससे किसानों को करोड़ों का नुकसान जिले में झेलना पड़ा था. गेंहू के बाद अब मक्की की फसल में शुरूआती दिनों में किसानों को झटका लगा है. लगभग एक तिहाई फसल को जिले में नुकसान पहुंचा है. 30 हजार हेक्टेयर एरिया में हमीरपुर जिलो में किसान मक्की का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन 12 हजार हेक्टेयर में फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है.

नाममात्र मुआवजा मिलने की प्रक्रिया कड़ी: कृषि विभाग किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है, लेकिन नुकसान का मुआवजा देने के लिए राजस्व विभाग की भूमिका बेहद अहम है. राजस्व विभाग की कागजी औपचारिकताओं से अधिकतर किसान अनजान रहते हैं. ऐसे में किसानों को मुआवजे के लिए संघर्ष करना पड़ता है. लाखों के नुकसान के बावजूद किसानों को 5 या 10 हजार मुआवजा मिल पाता है. एक बीघा जमीन में बारिश की वजह से गाद आ जाने पर पांच हजार प्रति बीघा, जमीन बह जाने पर दस हजार प्रति बीघा और फसल का नुकसान हो जाने पर दो हजार रूपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता है. यह मुआवजा भी राजस्व विभाग की लंबी चौड़ी कागजी प्रक्रिया के बाद दिया जाता है, जिससे अधिकतर किसान अनभिज्ञ ही रहते हैं.

नुकसान का आकलन कर रही टीमें: कृषि विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक डॉ. अतुल डोगरा का कहना कि जिले में बारिश की वजह से किसानों को 8 करोड़ 28 लाख का नुकसान अभी तक हुआ है. उन्होंने कहा बारिश के साथ मक्की की फसल को फॉल आर्मीवर्म कीट से भी नुकसान पहुंचा है. विभाग की टीमें लगातार फील्ड में नुकसान का आकलन कर रही है. फसलों को लगी बीमारी के बचाव के लिए कार्य किया जा रहा है. किसानों को फसलों को बचाने के मौके पर विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Himachal Monsoon: बरसात में प्रदेश में 5300 करोड़ से ज्यादा का नुकसान, 168 लोगों की मौत

हमीरपुर: जिला में भारी बारिश की वजह से किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. बारिश से मची तबाही से मक्की की फसल के साथ ही नकदी फसले यानि सब्जियों को भी खासा नुकसान हुआ है. हमीरपुर जिला में 2600 हेक्टेयर एरिया में सब्जी उत्पादन किया जाता है. 80 प्रतिशत से अधिक सब्जियां भारी बारिश के कारण तबाह हो गई हैं. ऐसे में जिला की लोकल सब्जियों का स्वाद अब लोग नहीं चख पाएंगे. वहीं, बाहरी राज्यों से सप्लाई हो रही सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन लोकल उत्पादकों को खासा नुकसान झेलना पड़ा है.

12 हजार हेक्टेयर में फसल प्रभावित: हमीरपुर जिला में मक्की की फसल 12 हजार हेक्टेयर एरिया में प्रभावित हुई है. जिसकी वजह से जिले में मक्की उत्पादक किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. खेती की जमीन बहने, खेतों में गाद भर जाने, मक्की की फसल में रोग लगने और सब्जियों के बर्बाद होने से जिला में कुल 8 करोड़ 28 लाख का नुकसान किसानों को हुआ है. नुकसान का यह आकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. कृषि विभाग हमीरपुर की टीमें फील्ड में जाकर सर्वे कर रही हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में नुकसान की सटीक रिपोर्ट तैयार होगी.

सूखे से गेंहू की फसल हुई थी बर्बाद: जिले में सूखे और बाद में बारिश की वजह से हजारों हेक्टेयर एरिया में गेंहू की फसल भी पिछले सीजन में बर्बाद हुआ है, जिससे किसानों को करोड़ों का नुकसान जिले में झेलना पड़ा था. गेंहू के बाद अब मक्की की फसल में शुरूआती दिनों में किसानों को झटका लगा है. लगभग एक तिहाई फसल को जिले में नुकसान पहुंचा है. 30 हजार हेक्टेयर एरिया में हमीरपुर जिलो में किसान मक्की का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन 12 हजार हेक्टेयर में फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है.

नाममात्र मुआवजा मिलने की प्रक्रिया कड़ी: कृषि विभाग किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है, लेकिन नुकसान का मुआवजा देने के लिए राजस्व विभाग की भूमिका बेहद अहम है. राजस्व विभाग की कागजी औपचारिकताओं से अधिकतर किसान अनजान रहते हैं. ऐसे में किसानों को मुआवजे के लिए संघर्ष करना पड़ता है. लाखों के नुकसान के बावजूद किसानों को 5 या 10 हजार मुआवजा मिल पाता है. एक बीघा जमीन में बारिश की वजह से गाद आ जाने पर पांच हजार प्रति बीघा, जमीन बह जाने पर दस हजार प्रति बीघा और फसल का नुकसान हो जाने पर दो हजार रूपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता है. यह मुआवजा भी राजस्व विभाग की लंबी चौड़ी कागजी प्रक्रिया के बाद दिया जाता है, जिससे अधिकतर किसान अनभिज्ञ ही रहते हैं.

नुकसान का आकलन कर रही टीमें: कृषि विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक डॉ. अतुल डोगरा का कहना कि जिले में बारिश की वजह से किसानों को 8 करोड़ 28 लाख का नुकसान अभी तक हुआ है. उन्होंने कहा बारिश के साथ मक्की की फसल को फॉल आर्मीवर्म कीट से भी नुकसान पहुंचा है. विभाग की टीमें लगातार फील्ड में नुकसान का आकलन कर रही है. फसलों को लगी बीमारी के बचाव के लिए कार्य किया जा रहा है. किसानों को फसलों को बचाने के मौके पर विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं.

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