हमीरपुर: भारी विरोध और प्रदर्शन के बाद अब आखिरकार बस स्टैंड हमीरपुर के सामने स्थित खोखा मार्केट को हटाया जाएगा. जिससे यहां पर जाम की समस्या का समाधान संभव हो सकेगा. प्रशासन ने शहर के सौंदर्यीकरण का दस साल पहले जो सपना देखा था, वह अब साकार होने जा रहा है. इसी हफ्ते बस स्टैंड के बाहर सड़क किनारे से सभी खोखाधारकों को शॉपिंग कांप्लेक्स में निर्मित पक्की दुकानों में शिफ्ट किया जाएगा.
मंगलवार को कांपलेक्स में दुकानों के लिए आवेदन करने का अंतिम दिन था, लेकिन 58 दुकानों में से अभी तक लगभग 40 दुकानदारों ने इसके लिए आवेदन किया है. हालांकि मंगलवार के बाद आवेदन भी कार्य नहीं होगा, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि प्रशासन तिथि को आगे बढ़ा सकता है. डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि मंगलवार शाम तक का आवेदन करने की अंतिम तिथि थी 30 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं. उम्मीद है कि बाकी पात्र व्यक्ति भी इसके लिए आवेदन कर देंगे. इस बारे में जरूरी दिशा-निर्देश स्थानीय एसडीएम को दिए गए हैं.
बता दें कि पक्की दुकानों के लिए आवेदन न करने की जिद पर अड़े कुछ खोखाधारक घाटे में रहेंगे, क्योंकि खोखों पर बुलडोजर चलने के बाद उन्हें आने वाले समय में दिक्कतें पेश आ सकती हैं. प्रदेश सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद जिला प्रशासन की खोखा हटाओ मुहिम ने गति पकड़ ली है. माना जा रहा है कि अगले दो-तीन दिन में सभी खोखे हटा दिए जाएंगे.
इसलिए हटाए जा रहे हैं खोखे
जिला प्रशासन ने वर्ष 2011 में हमीरपुर बाल स्कूल के खेल मैदान के साथ शॉपिंग कांप्लेक्स का निर्माण करवाया था. इस शॉपिंग कांप्लेक्स में करीब 120 दुकानें हैं. इस शॉपिंग कांप्लेक्स का निर्माण करने का मकसद बस स्टैंड के बाहर सड़क किनारे से खोखाधारकों को पक्की दुकानों में शिफ्ट करना है, लेकिन पूर्व में ढुलमुल रवैये के चले पक्की दुकानों में खोखाधारकों को शिफ्ट नहीं किया जा सका. वर्तमान में जहां पर खोखे बने हैं, वह भूमि लोनिवि और पर्यटन विभाग की है. साथ ही बस स्टैंड के बाहर इन खोखों की वजह से आए दिन यातायात बाधित होता है. कई लोगों की यहां पर सड़क क्रॉस करते समय जान तक जा चुकी है. कानूनी तौर पर खोखों को सरकारी भूमि पर यथावत नहीं रखा जा सकता. इसके चलते अब प्रशासन इन्हें पक्की दुकानों में शिफ्ट करने जा रहा है.
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