भोरंज/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में सपेक टाकरा खेल को ग्रामीण स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर खिलाड़ियों की सुविधा के लिये मजबूत किया जाएगा. खिलाड़ियों की सुविधा के लिये जिला स्तर पर प्रशिक्षिण कैंप व नई कमेटियां गठित की जाएंगी.
यह बात राष्ट्रीय सेपक टाकरा के नव नियुक्त संयुक्त सचिव एवं हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष पीएन आजाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए की. पीएन आजाद का राष्ट्रीय सेपक टाकरा संघ का संयुक्त सचिव बनने पर प्रदेश, जिला सेपक टाकरा संघ के पदाधिकारियों व खिलाड़ियों ने हिमाचल पहुंचने पर जाहू, नेरचौक, सुंदरनगर व मंड़ी में फूलमालांओं से भव्य स्वागत किया.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सेपक टाकरा खिलाड़ी जल्द ही राश्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं में बेहत्तर प्रर्दशन करते हुए देखे जाएगें. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण ब्लॉक स्तर पर खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिये स्पोर्टस क्लब गठित करेगा तथा जिला स्तर पर प्रशिक्षण कैंप लगाये जाएगें.
इसके लिये सेपक टाकरा खेल को बढ़ावा देने के लिये कोच व रेफरी तैयार किय जाएगें. आजाद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रत्येक जिला में इकाईयों का नये सिरे से गठन किया जाएगा. इसमें खेल गतिविधियों की जानकारी रखने वाले सक्रीय लोगों को शामिल किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सेपक टाकरा खेल के खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता प्रदान कर दी गई है तथा कई यूनिटों में इसे लागू किया गया है. हिमाचल प्रदेश में भी सेपक टाकरा खेल को खेल सूची में लाने के लिये प्रयास किये जाएगें.
हिमाचल प्रदेश वुषू खेल संघ के कोषाध्यक्ष पूर्ण चंद ठाकुर, अध्यक्ष रमेश चंद, सेपक टाकरा संघ जिला सचिव मंडी हेमराज, सचिव जगदीष ठाकुर, सोहन लाल गुप्ता प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुरकोठा, नरेश राठौर, हेम राज, चेत राम एनआईएस कोच, अनंत राम, दुर्गादत्त, राहूल, रजनीश, रोशन, भूप चंद, हन्नी जंबाल, खेम चंद, अमित कुमार, संजय ने भव्य स्वागत किया.
उधर, हिमाचल प्रदेश कोर्फबॉल संघ के महासचिव बीआर सुमन, नेटबॉल संघ के महासचिव अशोक आनंद, पवन रांगड़ा ने भी पीएन आजाद को संयुक्त सचिव बनने पर बधाई दी है.
क्या है सेपक टाकरा
सेपक टाकरा भारत का खेल है. यह खेल वॉलीबॉल, फुटबॉल और जिम्नास्टिक का मिक्सचर है. इस खेल को इंडोर हाल में 20 गुणा 44 के आकार की जगह में सिंथेटिक फाइबर की गेंद से इस खेल को खेला जाता है. यह खेल दो प्रकार से खेला जाता है.
पहला टीम इवेंट होता है, जिसमें 15 खिलाड़ी होते हैं. दूसरा रेगू इवेंट होता है, इसमें 5 खिलाड़ी इस खेल में शामिल होते हैं. एशियाई खलों में भारत 2006 से इस खेल में भाग ले रहा है, लेकिन पहली बार कोई पदक हाथ आया है.